स्वाति मालीवाल मामले में केजरीवाल के पीए बिभव की मुश्किलें बढ़ी, पुलिस ने नयी धारा जोड़ी
दिल्ली पुलिस ने आरोपी बिभव कुमार के खिलाफ सबूत मिटाने की धारा भी जोड़ दी है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 201 बिभव कुमार के खिलाफ जोड़ी है, जो कहीं न कहीं इस ओर इशारा करती है, पुलिस को बिभव के मोबाइल से कई ऐसी चीजें गायब मिली हैं, जो स्वाति मालीवाल मामले से जुड़ी हो सकती थी.
Swati Maliwal Case Update: राज्य सभा से आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के आरोपी बिभव कुमार की परेशानी और बढ़ गयी है. दिल्ली पुलिस ने आरोपी बिभव कुमार के खिलाफ सबूत मिटाने की धारा भी जोड़ दी है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 201 बिभव कुमार के खिलाफ जोड़ी है, जो कहीं न कहीं इस ओर इशारा करती है, पुलिस को बिभव के मोबाइल से कई ऐसी चीजें गायब मिली हैं, जो स्वाति मालीवाल मामले से जुड़ी हो सकती थी.
मोबाइल फॉर्मेट करने के चलते जोड़ी गयी धारा
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिभव कुमार के पास जो आई फोन है, उसका पासवर्ड नहीं बताया गया. इसके अलावा जाँच में ये भी पता चला कि बिभव कुमार जब मुंबई गया था, तब उसने फोन फॉर्मेट कर दिया था. जब बिभव कुमार को दो बार पुलिस रिमांड पर लिया गया तो उसे दो बार मुंबई भी ले जाया गया लेकिन उसने कुछ नहीं बताया. जबकि शक है कि उसने मुंबई में फोन फॉर्मेट किया तो जरुर फोन का डाटा किसी और डिवाइस में स्टोर किया, शायद किसी दोस्त के लैपटॉप में या फिर लैपटॉप की मदद से किसी पेन ड्राइव आदि में. लेकिन बिभव की तरफ से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है. इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास के अन्दर लगे जो सीसीटीवी कैमरे हैं, उसकी फुटेज के कुछ हिस्से लीक किये गए. ऐसा भी प्रतीत होता है कि सीसीटीवी फुटेज से भी छेड़छड की गयी होगी. पुलिस ने डीवीआर जब्त करने के बाद एफएसएल जाँच के लिए भेज दिया है. इसी वजह से सबूत नष्ट करने की धारा भी जोड़ दी गयी है.
13 मई को हुई थी घटना
ज्ञात रहे कि स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट का ये मामला 13 मई का है. सुबह लगभग सवा 9 से साढ़े 9 बजे के बीच स्वाति मालीवाल सीएम हाउस पहुंची और फिर कुछ ही देर में उन्होंने पीसीआर कॉल कर पुलिस को सुचना दी कि केजरीवाल के पीए बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की है. इसके बाद स्वाति मालीवाल सिविल लाइन थाने भी गयीं लेकिन उस दिन एफआईआर दर्ज नहीं हुई. मालीवाल ने 16 मई को पुलिस के सामने अपनी शिकायत दी, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी.
पांच धाराओं के तहत दर्ज की गई थी एफआईआर
पुलिस ने स्वाति मालीवाल की शिकायत के आधार पर जो एफआईआर दर्ज की, उसमें 5 धाराएं लगायी गयी थीं, जिनमें 308(गैर इरादतन हत्या के प्रयास। गैर जमानती- तीन से सात साल सजा), 341(रास्ता रोकना), 354 बी(महिला के कपड़ों को फाड़ना या निर्वस्त्र करना), 506(जान से मारने की धमकी देना), 509( भद्दी टिप्पणी/ फब्तियां कसना). अब इस मामले में पुलिस ने 201 यानी सबूत/साक्ष्य नष्ट करने की धारा भी जोड़ दी है. इस धारा में तीन साल की सजा का प्रावधान है, लेकिन नियम कहता है कि किसी आरोपी के खिलाफ जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज होता है, उनमें लगी सबसे गंभीर धारा में जितनी सजा का प्रावधान होता है, उसकी एक तिहाई सजा सबूत नष्ट करने की धारा के तहत दी जाति है.