कोलकाता लेडी डॉक्टर रेप और मर्डर : जूनियर डॉक्टर क्यों विरोध कर रहे हैं?
इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और कथित तौर पर उस व्यक्ति ने पुलिस के सामने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है तथा उसके खिलाफ सबूत भी मौजूद हैं; तो फिर डॉक्टर विरोध क्यों कर रहे हैं?
Kolkata Lady Doctor Rape cum Murder: कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में शुक्रवार को एक ऑन-ड्यूटी पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जंगल की आग की तरह फैल गई, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार (12 अगस्त) को कहा कि अगर उनकी पुलिस अगले रविवार (18 अगस्त) तक इस मामले को सुलझाने में विफल रहती है तो उनकी सरकार इस मामले को सीबीआई को सौंप देगी.
सोमवार की सुबह, एम्स दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) के साथ मिलकर देशव्यापी हड़ताल की, जिसमें ओपीडी और मरीज़ वार्ड सहित सभी गैर-ज़रूरी सेवाएँ बंद कर दी गईं. हालांकि, एम्स आरडीए के महासचिव डॉ. रघुनंदन दीक्षित ने कहा कि आपातकालीन देखभाल जारी रहेगी.
दिल्ली के 10 सरकारी अस्पतालों ने पहले ही FORDA के आह्वान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है, जिससे सभी वैकल्पिक सेवाएं ठप हो गई हैं, क्योंकि ड्यूटी के दौरान आरजी कर अस्पताल में पीजीटी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की गई थी. पुलिस के अनुसार, अपराध के सिलसिले में कोलकाता पुलिस के एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया है और उसने कथित तौर पर पुलिस के सामने अपना अपराध कबूल भी कर लिया है और उसके खिलाफ़ सबूत भी हैं. तो फिर जूनियर डॉक्टर कोलकाता और अब राष्ट्रीय राजधानी में क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं? इस मामले में अब तक जो कुछ हुआ है, उसे यहां बताया गया है, जिसे “निर्भया 2.0” नाम दिया गया है.
डॉक्टर विरोध क्यों कर रहे हैं?
कुछ वर्गों में ये दावा किया गया है कि रॉय अकेले अपराध नहीं कर सकते, खास तौर पर चोटों की क्रूरता को देखते हुए. कुछ बंगाली टेलीविजन चैनलों ने दो जूनियर डॉक्टरों के बीच रिकॉर्ड की गई बातचीत दिखाई है, जिनमें से एक का दावा है कि अपराध में एक अन्य इंटर्न शामिल हो सकता है, जो किसी प्रभावशाली परिवार से है.
ये भी अनुमान लगाया गया है कि रॉय महिला के साथ कोई पुराना हिसाब चुकता कर रहा था और अस्पताल के "अंदरूनी लोग" भी इसमें शामिल थे.
हालांकि, कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने लोगों से अफवाह न फैलाने का आग्रह किया है और उन्हें आश्वासन दिया है कि जांच “पारदर्शी” है. ये पूछे जाने पर कि क्या अपराध में कोई और शामिल था, उन्होंने मीडिया से कहा, “अभी तक, इसका कोई सबूत नहीं है.” उन्होंने ये भी कहा है कि अपराध के पीछे वासना ही एकमात्र कारण प्रतीत होता है और रॉय ने कथित तौर पर महिला की हत्या तब की जब उसने विरोध किया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार गोयल ने आरजी कर अस्पताल में आंदोलनकारी छात्रों से भी मुलाकात की और कहा, "अगर आपके पास कोई जानकारी है, अगर आपको लगता है कि कोई इसमें शामिल था, तो हमें बताएं. हम इसकी जांच करेंगे। छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है.''
अब तक प्रिंसिपल के अलावा अस्पताल अधीक्षक और उप-प्राचार्य संजय वशिष्ठ और अस्पताल परिसर में तैनात एसीपी चंदन गुहा को हटा दिया गया है. ममता, जो महिला के परिवार के संपर्क में हैं , ने कहा है कि वो चाहती हैं कि मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में हो और उन्होंने ये भी कहा कि राज्य आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग करेगा.
#WATCH | Kolkata | On RG Kar Medical College and Hospital incident, West Bengal CM Mamata Banerjee says, "I want the Police to arrest the accused as early as possible. If the Police are unable to solve this case by Sunday, then we will not keep this case in our hands, we will… pic.twitter.com/a1fBya9Mub
— ANI (@ANI) August 12, 2024
डॉक्टरों की मांगें
हालांकि, रेजिडेंट डॉक्टरों ने चल रही जांच की सत्यनिष्ठा पर चिंता जताई है और मामले को तुरंत सीबीआई को सौंपने की मांग की है. दरअसल, मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कम से कम तीन जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं और इन पर मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी.
आंदोलनकारी डॉक्टरों की मांगों में प्रिंसिपल, सुपर और एसीपी को हटाना शामिल है। उनकी अन्य मांगें इस प्रकार हैं: “सभी अपराधियों” को “अनुकरणीय सजा” के साथ एक त्वरित न्यायिक जांच.
- डीन और चेस्ट मेडिसिन विभाग के प्रमुख का इस्तीफा.
- शनिवार को अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर कथित हमले के लिए कोलकाता पुलिस ने माफी मांगी.
- महिला के परिवार को पर्याप्त मुआवज़ा
- पश्चिम बंगाल के सभी मेडिकल कॉलेजों में पर्याप्त कार्यस्थल सुरक्षा.
आरजी कर अस्पताल में क्या हुआ?
शुक्रवार (9 अगस्त) सुबह करीब 7.30 बजे शीर्ष सरकारी अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर चेस्ट मेडिसिन विभाग की 31 वर्षीय पीजीटी डॉक्टर का अर्धनग्न शव मिला.
इसके तुरंत बाद, महिला के पिता ने आरोप लगाया कि "सच्चाई को छिपाने" का प्रयास किया जा रहा है, और परिवार को कथित तौर पर पहले बताया गया कि महिला ने खुद को मार डाला है - जबकि वो अर्धनग्न अवस्था में थी और उस पर चोट के स्पष्ट निशान थे.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष, जिन्हें सोमवार को प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने इस्तीफा देने पर मजबूर किया था, पर इस भयावह घटना के बाद पीड़िता को दोषी ठहराने का आरोप लगाया गया. उन्होंने कथित तौर पर पूछा कि महिला उस समय सेमिनार रूम में क्यों सो रही थी - इस आरोप से उन्होंने इनकार किया है.
प्रारंभिक शव परीक्षण रिपोर्ट
हालांकि, उसी दिन किए गए प्रारंभिक पोस्टमार्टम - जो कैमरे के सामने, दो महिला गवाहों और महिला की मां की मौजूदगी में किया गया - से संकेत मिला कि सुबह 3 से 6 बजे के बीच यौन उत्पीड़न के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. आत्महत्या की संभावना को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया.
चार पन्नों की रिपोर्ट के अनुसार, महिला के गुप्तांगों से खून बह रहा था, शरीर के अन्य हिस्सों पर चोट के निशान थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी गर्दन की हड्डी टूटी हुई थी, जिससे पता चलता है कि पहले उसका गला घोंटा गया और फिर उसका गला घोंटकर हत्या की गई.
उसकी “दोनों आँखों और मुँह” से खून बह रहा था, और “चेहरे और नाखून पर” चोटें थीं. रिपोर्ट में कहा गया है, “पीड़िता के पेट, बाएँ पैर…गर्दन, दाएँ हाथ, अनामिका और…होंठों पर भी चोटें हैं.”
गिरफ्तारी
जल्द ही, जूनियर डॉक्टरों और विभिन्न दलों के छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है. कोलकाता पुलिस ने एक एसआईटी का गठन किया, जिसने गुरुवार रात को उसके साथ ड्यूटी पर मौजूद पांच लोगों से पूछताछ की.
पूछताछ और फटे ब्लूटूथ इयरफ़ोन के आधार पर पुलिस ने शनिवार को 33 वर्षीय कोलकाता पुलिस के सिविक वालंटियर संजय रॉय को गिरफ़्तार कर लिया. फटा हुआ इयरफ़ोन महिला के शव के पास सेमिनार रूम में मिला.
जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली, तो उन्होंने कथित तौर पर रॉय को तड़के 3 से 4 बजे के आसपास अपने गले में ब्लूटूथ डिवाइस लटकाए हुए आपातकालीन भवन में प्रवेश करते देखा, जिसमें सेमिनार कक्ष है. हालांकि, जब वह लगभग 40 मिनट बाद भवन से बाहर निकला, तो ईयरफोन गायब हो चुका था. कथित तौर पर फटा हुआ डिवाइस उसके मोबाइल फोन से जुड़ा हुआ पाया गया.
रॉय के खिलाफ सबूत
ये समय प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताए गए अपराध के अनुमानित समय से मेल खाता है. मृतक प्रशिक्षु डॉक्टर ने नीरज चोपड़ा को रजत पदक जीतते हुए देखने के दौरान सेमिनार रूम में चार सहकर्मियों के साथ खाना खाया था. उसके बाद, आधी रात के बाद, अन्य डॉक्टर चले गए, जबकि वह रात की ड्यूटी पर होने के कारण कमरे में ही रही. उसे सुबह 3 बजे कमरे में सोते हुए देखा गया.
परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से पता चलता है कि रॉय सुबह 4 बजे के आसपास सेमिनार रूम में घुसा और महिला डॉक्टर पर उस समय हमला किया जब वह सो रही थी. उसने कथित तौर पर उसका यौन शोषण किया और जब उसने विरोध किया तो उसे बुरी तरह पीटा और उसका गला घोंट दिया. पुलिस ने ये भी कहा है कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य संकेत देते हैं कि डॉक्टर की पहले हत्या की गई और फिर उसके साथ बलात्कार किया गया.
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, उस दौरान सेमिनार हॉल के आस-पास के इलाके में पांच अन्य लोग भी मौजूद थे, लेकिन केवल रॉय के पास उस समय वहां मौजूद होने का कोई स्पष्टीकरण नहीं था. मीडिया में आई खबरों के अनुसार, पुलिस के अनुसार, उसने कथित तौर पर अपराध कबूल कर लिया है.
संजय रॉय कौन हैं?
रॉय को 2019 में सिविक वालंटियर के तौर पर भर्ती किया गया था. इसे अक्सर “सिविक पुलिस” कहा जाता है, ये बल पश्चिम बंगाल में पुलिस की मदद के लिए बनाया गया था. हालाँकि, सिविक वालंटियर के खिलाफ़ दुर्व्यवहार और मनमानी के कई आरोप हैं.
रॉय कथित तौर पर कई मौकों पर आरजी कर अस्पताल की पुलिस चौकी पर तैनात था, कभी-कभी लंबे समय के लिए, और इस तरह से उसे अस्पताल के हर विभाग में आसानी से पहुँच मिलती थी. अस्पताल के सुरक्षा गार्डों ने कथित तौर पर कहा कि रॉय नियमित रूप से अस्पताल आता था, जबकि कुछ ने आरोप लगाया कि वो अक्सर मरीजों को सेवाओं तक आसान पहुँच दिलाने के लिए उनसे सौदे करता था.
बताया जाता है कि उसका हिंसा और शराब पीने का इतिहास रहा है और उसकी बहन, जो कोलकाता पुलिस में एएसआई है, ने उसके लिए “कड़ी से कड़ी सजा” की मांग की है.
विस्तृत शव परीक्षण रिपोर्ट
रविवार को आई विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रॉय के खिलाफ़ और भी सबूत मिले हैं. पुलिस के अनुसार, महिला के नाखूनों के नीचे मिले खून और त्वचा के निशान कथित तौर पर रॉय के निशान से मेल खाते हैं, और सबूतों को और पुख्ता करने के लिए उसके हाथ पर भी चोट के निशान मिले हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भी प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट की पुष्टि की है कि महिला की हत्या गला घोंटकर की गई थी.
रॉय के ठंडे और बेपरवाह व्यवहार ने भी कई लोगों को परेशान किया है. पुलिस के अनुसार, वो भयानक अपराध के बाद अपने घर लौट आया और सो गया. अगली सुबह, उसने कथित तौर पर सबूत मिटाने के लिए अपने कपड़े धोए. हालाँकि, पुलिस को उसके जूतों पर खून के निशान मिले.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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