महाराष्ट्र के परभणी में तीसरी बेटी को जन्म देने पर पति ने पत्नी को जिंदा जलाया
पुलिस में दर्ज करायी गयी शिकायत में मृतका की बहन ने आरोप लगाया है कि महिला ने जब तीसरी बेटी को जन्म दिया तो उसके पति ने गुस्से में पेट्रोल डाल कर उसे जिन्दा जला डाला।
एक ओर जहाँ देश में पिछले कुछ वर्षों से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे पर काम किया जा रहा है तो वहीँ आज भी कुछ हिस्से ऐसे हैं, जहाँ पर बेटी का जन्म होने पर माँ की जान ले ली जाती है। ऐसी ही दिल देहला देने वाली घटना महाराष्ट्र के परभणी जिले के गंगाखेड़ नाका इलाके से सामने आई है, जहाँ 26 दिसंबर की रात एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को तीसरी बार बेटी को जन्म देने के चलते पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया। यह निर्मम कृत्य घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
घटना का विवरण
34 वर्षीय मैना कुंडलिक काले, ने हाल ही में एक बेटी को जन्म दिया था। इससे पहले उसकी दो बेटियां और थीं। मैना की बहन द्वारा दर्ज करायी गई शिकायत के अनुसार, पति कुंडलिक उत्तम काले बेटियों के जन्म को लेकर अक्सर मैना को ताने देता और झगड़ा करता था। विवाद 26 दिसम्बर की रात अपने चरम पर पहुंच गया जब कुंडलिक ने अपनी पत्नी पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
आग की लपटों में घिरी मैना की चीखें सुनकर पड़ोसी घटनास्थल पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन पेट्रोल के कारण आग इतनी तेज थी कि उन्हें बचाया नहीं जा सका। गंभीर रूप से झुलसी मैना ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।
पुलिस कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने आरोपी कुंडलिक काले को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। पुलिस का कहना है कि घटना के पीछे बेटियों के जन्म को लेकर कुंडलिक की मानसिकता प्रमुख कारण रही। फिलहाल आरोपी से पूछताछ जारी है और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
इलाके में रोष और शोक
इस घटना ने पूरे इलाके में आक्रोश पैदा कर दिया है। स्थानीय लोग न्याय की मांग कर रहे हैं और बेटियों के जन्म को लेकर समाज की रूढ़िवादी मानसिकता पर सवाल उठा रहे हैं। महिलाओं के अधिकारों की पैरवी करने वाले संगठनों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है।
सामाजिक सवाल
यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के उस हिस्से की तस्वीर है जहां बेटियों के जन्म को आज भी बोझ समझा जाता है। सवाल यह है कि बेटियों को बोझ समझने की यह मानसिकता कब खत्म होगी? ये हाल तब है जब पिछले कुछ सालों से देशभर में बेटियों के जन्म और उनकी अच्छी परवरिश के लिए केंद्र सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसा अभियान चलाया जा रहा है।
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