
गुरुग्राम में प्लाट दिलाने के नाम पर 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर किसी और की सम्पति बेच दी लेकिन जब खरीदार को कब्ज़ा नहीं मिला तो इस ठगी का अहसास उसे हुआ.
Fraud In The Name of Property In Gurugram: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जीवाड़े के आरोप में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन दोनों ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके गुरुग्राम में स्थित एक प्लॉट को बेचकर 5.78 करोड़ रुपये की ठगी की। इस मामले के मास्टरमाइंड मोहम्मद सलमान और उसकी साथी रानी कपूर को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरोपियों ने शिकायतकर्ता को संपत्ति का असली मालिक बताकर जालसाजी से सौदा किया और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से उसे गुमराह किया।
क्या है मामला
डीसीपी विक्रम पोरवाल के अनुसार शिकायतकर्ता अजय कुमार अग्रवाल ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने गुरुग्राम के साउथ सिटी-I, डी ब्लॉक में 1,340 वर्ग गज के प्लॉट को खरीदने के लिए 5.78 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। यह संपत्ति रानी कपूर (बदला हुआ नाम) के नाम पर बताई गई थी। आरोपी मोहम्मद सलमान ने मूल दस्तावेज दिखाकर विश्वास दिलाया कि सौदा वैध है।
शिकायतकर्ता ने इस संपत्ति को खरीदने के लिए आदित्य बिड़ला हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से 5 करोड़ रुपये का ऋण भी लिया और 5.40 करोड़ रुपये की बिक्री विलेख (Sale Deed) पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा, उन्होंने 38 लाख रुपये स्टांप ड्यूटी के रूप में भी जमा किए।
लेकिन जब शिकायतकर्ता ने संपत्ति का निरीक्षण किया, तो वह यह देखकर चौंक गए कि उस पर किसी और का स्वामित्व दर्शाने वाला एक बोर्ड लगा हुआ था। जांच करने पर पता चला कि असली मालिक श्रीमती कविता शर्मा (बदला हुआ नाम) थीं, जिन्होंने यह संपत्ति कभी बेची ही नहीं थी। बाद में, उन्हें अदालत से एक नोटिस प्राप्त हुआ, जिसमें असली मालिक ने बिक्री विलेख को रद्द करने की मांग की थी। ईओडब्लू ने फिर दर्ज कर मामले की जांच इंस्पेक्टर पंकज ठाकुर को सौंपी। इंस्पेक्टर पंकज ठाकुर की टीम ने सघनता से जांच करते हुए आरोपियों की भूमिका को पूरी तरह से खंगाला और आगे की कार्रवाई की।
इस तरह से की गयी थी ठगी
फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए:
आरोपियों ने असली मालिक श्रीमती कविता शर्मा के नाम से फर्जी सेल डीड तैयार की और 29 मार्च 2024 को इसे पंजीकृत करवा लिया।
इसके लिए एक नकली व्यक्ति को असली मालिक बनाकर रजिस्ट्रार कार्यालय में प्रस्तुत किया गया।
शिकायतकर्ता को गुमराह किया गया:
फर्जी दस्तावेज दिखाकर शिकायतकर्ता को विश्वास दिलाया गया कि संपत्ति अब रानी कपूर के नाम पर वैध रूप से दर्ज हो चुकी है।
22 जुलाई 2024 को शिकायतकर्ता ने रानी कपूर से यह संपत्ति खरीद ली और बड़ी राशि का भुगतान कर दिया।
पैसे तो ले लिए, लेकिन कब्जा नहीं दिया:
शिकायतकर्ता ने 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन उसे संपत्ति का कब्जा नहीं मिला।
असली मालिक को इस बिक्री का कोई पता ही नहीं था और उन्होंने अदालत में शिकायत दर्ज करा दी।
कहाँ से हुई गिरफ़्तारी
मामले की जाँच के लिए टीम बनायीं गयी इंस्पेक्टर पंकज ठाकुर आदि किटें ने मामले की जाँच करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करने मवी सफलता प्राप्त की। पुलिस के अनुसार आरोपी मोहम्मद सलमान को 28 फरवरी 2025 को करोल बाग से गिरफ्तार किया गया, जबकि उसकी साथी रानी कपूर को 1 मार्च 2025 को पकड़ा गया।
आरोपियों का प्रोफाइल:
मोहम्मद सलमान (38 वर्ष): दिल्ली निवासी, 8वीं कक्षा तक पढ़ाई, पहले कपड़े और बैग बेचने का काम करता था। 2018 से प्रॉपर्टी डीलिंग में शामिल हुआ और धोखाधड़ी करने लगा।
रानी कपूर: वह मोहम्मद सलमान की मैनेजर बन गई और फर्जी दस्तावेज बनाने में उसकी मदद करने लगी।
अन्य मामलों में भी संलिप्तता:
आरोपी मोहम्मद सलमान पहले से ही एफआईआर नंबर 162/2025 (पहाड़गंज, दिल्ली) और एफआईआर नंबर 92/2024 (दुगरी, लुधियाना, पंजाब) में शामिल पाया गया है। दोनों आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और मामले की आगे की जांच जारी है।