वो अधजला प्रश्नपत्र जिसने सीबीआई को पहुँचाया पेपर लीक की जड़ तक
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वो अधजला प्रश्नपत्र जिसने सीबीआई को पहुँचाया पेपर लीक की जड़ तक

सीबीआई द्वारा दायर 5,500 पृष्ठों के आरोपपत्र में 290 दस्तावेजों, 45 भौतिक वस्तुओं और 298 गवाहों के बयानों के आधार पर निष्कर्ष दिए गए हैं.


NEET-UG Paper Leak : NEET UG 2024 का पेपर लीक मामले में सीबीआई ने तीसरी चार्जशीट भी दायर कर दी है, जिसके कई अहम खुलासे किये गए हैं. इतना ही नहीं इस चार्जशीट में ये भी बताया गया है कि पेपर कब और कैसे हुआ और कौन कौन उसमें शामिल रहा.

सीबीआई ने कहा है कि कुल 144 अभ्यर्थियों ने मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए परीक्षा देने से कुछ घंटे पहले लीक हुए नीट-यूजी प्रश्नपत्रों के उत्तर पाने के लिए भुगतान किया था.

झारखण्ड के ओएसिस स्कूल से चुराया गया था पेपर
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पिछले सप्ताह दायर अपने तीसरे आरोपपत्र में सीबीआई ने पंकज कुमार का नाम लिया, जिसने कथित तौर पर प्रिंसिपल अहसानुल हक और उप-प्राचार्य मोहम्मद इम्तियाज आलम के साथ मिलीभगत करके झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल से कागजात चुराए थे.
इस चार्जशीट में 5,500 पन्नों हैं, 290 दस्तावेज, 45 फिजिकल ऑब्जेक्ट और 298 गवाहों के बयानों के आधार पर निष्कर्ष दिए गए हैं. इसमें पेपर लीक करने वाले गिरोह की मोडसओपेरेंडी का विस्तृत विवरण दिया गया है.

अपराध कैसे किया गया?
रिपोर्ट में अज्ञात अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि यह अपराध कथित तौर पर तब किया गया जब परीक्षा के दिन 5 मई को सुबह 8 बजे के बाद बैंक से कागजातों से भरे ट्रंक स्कूल पहुंचे. हक हजारीबाग के सिटी कोऑर्डिनेटर था, जबकि आलम को NEET UG-2024 परीक्षा आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा केंद्र अधीक्षक नियुक्त किया गया था.
हक और आलम ने कथित तौर पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जमशेदपुर के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर कुमार को उस कमरे में प्रवेश करने की इजाजत दी, जहां ट्रंक रखे हुए थे.

ट्रंक कैसे खोला गया?
सीबीआई ने आरोप लगाया कि अंदर घुसने के बाद कुमार ने कथित तौर पर प्रश्नपत्र वाले ट्रंक पर लगी सील से छेड़छाड़ की गयी, एक को हटाया और उसके सभी पन्नों की तस्वीरें खींचीं. इसके बाद उसने इसे वापस ट्रंक में रख दिया और नियंत्रण कक्ष से बाहर निकलने से पहले इसे फिर से सील कर दिया.
सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "पंकज ने ट्रंक को खोलने और सील करने के लिए एक अत्याधुनिक टूल किट का इस्तेमाल किया. यह टूल किट सीबीआई ने पंकज कुमार के घर से जब्त की. स्कूल परिसर से बाहर निकलने के बाद, उसने प्रश्नपत्र की तस्वीरें अपने साथी सुरेंद्र कुमार शर्मा को भेज दीं, जो राज गेस्ट हाउस, हजारीबाग में था."

वो नौ मेडिकल छात्र जिन्होंने पेपर हल किये
नौ मेडिकल छात्रों – करण जैन, कुमार शानू, राहुल आनंद, चंदन सिंह, सुरभि कुमारी, दीपेंद्र शर्मा, रौनक राज, संदीप कुमार और अमित कुमार – ने हज़ारीबाग़ गेस्ट हाउस में इन प्रश्न पत्रों को हल किया.
इन हल किए गए प्रश्नपत्रों को कथित तौर पर स्कैन किया गया और इलेक्ट्रॉनिक रूप से विभिन्न स्थानों पर भेजा गया, जहां गिरोहों ने उन्हें प्राप्त किया, उन्हें प्रिंट किया और उन्हें उम्मीदवारों को सौंप दिया, जिन्होंने परीक्षा शुरू होने से घंटों पहले लीक और हल किए गए प्रश्नपत्रों तक पहुंच प्राप्त करने के लिए भारी रकम का भुगतान किया था.
प्रवक्ता ने कहा, "केवल उन्हीं उम्मीदवारों को इन स्थानों पर प्रवेश की अनुमति दी गई जिन्होंने पहले से पैसे का भुगतान किया था. उम्मीदवारों को बाद में 12:15 बजे के बाद अपने परीक्षा केंद्रों के लिए जाने की अनुमति दी गई, लेकिन उन्हें अपने साथ मुद्रित प्रतियां ले जाने पर रोक लगा दी गई."

एक महत्वपूर्ण सुराग
अभ्यर्थियों के गुप्त स्थानों से चले जाने के बाद गिरोह के सदस्यों ने हल किए गए प्रश्नपत्रों को जला दिया. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि अभ्यर्थियों की जाने से पहले तलाशी ली गई और उन्हें इन स्थानों पर अपने मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं दी गई. हालांकि, पटना के एक छात्रावास में, जहां ये अभ्यर्थी रह रहे थे, एक अधजला कागज बरामद हुआ. सीरियल नंबर से एजेंसी ओएसिस स्कूल तक पहुंची, जहां पूरी साजिश का पर्दाफाश हुआ.

144 लोगों ने उठाया था फायदा
सीबीआई के अनुसार "जाँच के दौरान इन स्थानों पर मौजूद 144 उम्मीदवारों की भी पहचान की गयी है जो इस पेपर लीक के लाभार्थी थे और उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है; इस मामले में मुख्य आरोपी द्वारा इस्तेमाल किए गए 21 मोबाइल फोन भी सीबीआई द्वारा गोताखोरों की मदद से विभिन्न जल निकायों से बरामद किए गए हैं."
केंद्रीय जांच एजेंसी ने प्रमुख षड्यंत्रकारियों और मामले को सुलझाने वालों सहित 49 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और एजेंसी द्वारा अब तक प्रस्तुत तीन रिपोर्टों में उनमें से 40 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है.


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