डिजिटल अरेस्ट से बचना है तो नोएडा पुलिस की इन बातों पर करें गौर
जनता को बताये 12 पॉइंट, जिनकी मदद से कोई भी डिजिटल अरेस्ट से बच सकता है. पुलिस ने इस एडवाइजरी में उन बिदुओं पर प्रकाश डाला है, जो साइबर ठगों की मोडस ओपेरेंडी होती है
Digital Arrest: गौतम बुद्ध नगर जिला ( नोएडा ) पुलिस कमिश्नरेट द्वारा साइबर अपराध के बढ़ते खतरे ख़ास तौर से साइबर अरेस्ट को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें साइबर क्राइम के प्रचलित मामलों पर प्रकाश डाला गया है. एडवाइजरी में ठगों द्वारा अपनाये जाने वाले तरीकों के बारे में तो अवगत करवाया ही गया है, साथ ही कुछ ऐसे भी टिप्स दिए गए हैं, जिनसे आप पहचान सकते हैं कि आपको जो कॉल की गयी है वो सही में किसी पुलिस कर्मी आदि की है या फिर फर्जी.
नोएडा पुलिस ने अपनी इस एडवाइजरी में बताया है कि कस्टम विभाग, नारकोटिक्स विभाग या सीबीआई का अधिकारी होने का दावा करने वाला आरोपी फोन कर के कहता है कि आपके नाम से संदिग्ध पैकेज में ड्रग्स, दस्तावेज, कपड़े, आधार कार्ड और सिम कार्ड मिले हैं. डिजिटल हाउस अरेस्ट में साइबर अपराधी लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डर पैदा करते हैं. पुलिस ने ये भी बताया है कि ऐसे कॉल के लिए ये अपराधी अक्सर एआई-जनरेटेड वॉयस या वीडियो तकनीक का इस्तेमाल करते हैं.
नोएडा पुलिस द्वारा बताई गयीं डिजिटल अरेस्ट के सम्बन्ध में बरती जाने वाली सावधानियाँ
1- किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा वाट्सअप कॉल और विडियो कॉल द्वारा पुलिस की वर्दी पहन कर किये जा रहे कॉल पर यकीन करने से पूर्व उक्त मोबाइल नम्बर और बताये गये नाम व पद को इन्टरनेट पर सर्च करके या सम्बन्धित विभाग की वेवसाइट पर उपलब्ध अधिकारियों का नाम और उनकी तैनाती स्थल की जाँच पडताल के बाद ही बतायी जा रही किसी बात का यकीन करें.
2- किये गये व्हाट्सएप कॉल और विडियो कॉल के विषय में एक बार कोई जानकारी साझा करने से पहले उक्त मोबाइल नम्बर के विषय में अपने नजदीकी साइबर सेल या सम्बंधित विभाग जैसे नार्कोटिक्स, फेडेएक्स कोरियर, CBI आदि विभिन्न संस्थानो के हेल्प डेस्क से भी क्रॉस चेक कर लें.
3- कभी भी सर्च इंजन जैसे गूगल आदि पर मोबाइल नम्बर डालकर सर्च न करें. साइबर क्रिमिनल द्वारा विभिन्न विभागों के हेल्पलाइन नम्बर गूगल पर अपलोड किये गये है.
4- अगर आपके द्वारा कोई भी पार्सल नहीं भेजा गया है, या ऐसा बताया जा रहा है कि एक पार्सल मिला है, जिसमें आपका आधार कार्ड या मोबाइल नम्बर मिला है तो उक्त कॉल पर यकीन न करें, वो साइबर क्रिमिनल का कॉल हो सकता है. अगर किसी कानूनी कार्यवाही की धमकी दी जा रही हो, तो ऐसे में घबराये नहीं. तत्काल इस बात की सूचना सम्बन्धित / निकटवर्ती थाने में जरुर दें.
5- अगर आपके आधार की आईडी/आपके नाम से कोई बैंक खाता खोले जाने की बात कही जा रही हो. तो उसे तत्काल ब्लॉक कराने के लिये सम्बन्धित नजदीकी बैंक जाकर इस सम्बन्ध में जानकारी एकत्र कर, उक्त बैंक खाते को बन्द कराने की कार्यवाही को अमल में लाया जाये.
6- यदि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा कॉल कर आपके खिलाफ NBW अथवा वारण्ट जारी होने की बात कही जा रही हो तो तुरन्त नजदीकी पुलिस थाने में जाकर उक्त के सम्बन्ध में जानकारी एकत्र करें और पुलिस को अवगत करायें, क्योंकि NBW अथवा वारण्ट सक्षम न्यायालय द्वारा किसी विवेचना में जारी किया जाता है और पुलिस द्वारा उक्त को वाट्सअप पर तामील (सूचित) नही किया जाता है.
7- यदि व्हाट्सएप कॉल और विडियो कॉल द्वारा आपके खाते में हवाला अथवा मनी लॉन्ड्रिंग से सम्बन्धित धनराशि आने की बात कही जाये, तो उक्त कॉल पर यकीन न करें, क्योकि कोई भी सरकारी संस्था मनी लान्ड्रिग अथवा हवाले के पैसे के सम्बन्ध में फोन कॉल द्वारा अवगत नही कराती है.
8- अगर व्हाट्सएप कॉल द्वारा आपके बैंक खाते में जमा धनराशि के मनी लॉन्ड्रिग अथवा हवाला का बता कर किसी अन्य के खाते में ट्रांसफर की बात कर रहा है, तो उसकी बात पर यकीन न करें, ऐसे कॉलर साइबर ठग हो सकते हैं.
9- किसी भी सरकारी संस्था द्वारा व्हाट्सएप कॉल या विडियो कॉल द्वारा वर्दी पहने हुए किसी आमजन को डराया अथवा धमकाया नहीं जाता.
10- अगर व्हाट्सएप कॉल या विडियो कॉल द्वारा आपके खाते की जांच के उपरान्त कोई पुलिस क्लेअरेंस सर्टिफिकेट की बीत की जाती है, तो ये निश्चित तोर पर साइबर फ्रॉड आप को गुमराह कर आप के खाते में मौजूद बैंक धनराशि को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं.
11- कभी भी स्काइप कॉल/व्हाट्सएप कॉल पर कोई लिंक भेज कर कोई एप इनस्टॉल करने की बात कही जा रही है, तो ऐसे भेजे गये लिंक पर कतई क्लिक न करें. किसी अज्ञात व्यक्ति के कहने पर कोई भी एप इनस्टॉल न करें.
12- किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा यदि आपको व्हाट्स एप कॉल या विडियो कॉल कर आपको डराया या धमकाया जाता है, तो आप इसके सम्बन्ध में नजदीकी पुलिस थाने मे तुरन्त शिकायत करें या डायल 112 पर भी पुलिस से कॉल कर मदद ले सकते हैं अथवा साइबर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर भी कॉल करें. अपने घर में मौजूद अन्य सदस्यों अथवा रिश्तेदारों को भी इसके विषय में अवश्य जानकारी दें.