दिल्ली: पिटबुल ने 6 साल के बच्चे पर किया हमला, कान काटा, मालिक गिरफ्तार
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दिल्ली: पिटबुल ने 6 साल के बच्चे पर किया हमला, कान काटा, मालिक गिरफ्तार

प्रेम नगर में पिटबुल के हमले में छह साल का बच्चा गंभीर रूप से घायल, पुलिस ने मालिक राजेश पाल को गिरफ्तार किया। घटना ने खतरनाक नस्ल के कुत्तों को बगैर लाइसेंस पालने पर सवाल उठते हैं.


Pitbull Attacked Child : दिल्ली के प्रेम नगर इलाके से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। रविवार (23 नवंबर) शाम 5:38 बजे पुलिस कंट्रोल रूम (PCR) को सूचना मिली कि एक छह साल का बच्चा गंभीर रूप से कुत्ते के काटने से घायल हो गया है। बच्चे को उसके माता-पिता ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया।

जानकारी के अनुसार, बच्चा अपने घर के पास सड़क पर खेल रहा था, तभी पड़ोसी राजेश पाल (50 वर्ष, दर्जी) के पालतू पिटबुल कुत्ते ने अचानक हमला कर दिया। इस हमले में बच्चे के दाहिने कान को काट लिया गया, साथ ही शरीर पर गंभीर चोटें भी आईं।


तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया

मौके पर पड़ोसियों की मदद से बच्चे को माता-पिता ने बचाया और तुरंत BSA अस्पताल, सेक्टर-6, रोहिणी ले गए। वहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे उच्च स्तरीय इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल शिफ्ट किया गया, जहाँ उसका इलाज जारी है।

पिटबुल का इतिहास और जिम्मेदार की गिरफ्तारी

पुलिस जांच में पता चला कि यह पिटबुल राजेश पाल के घर का पालतू था। यह कुत्ता लगभग डेढ़ साल पहले उनके बेटे सचिन पाल ने लाया था, जो फिलहाल जेल में बंद है (FIR No. 359/24, U/S 307 IPC)।

पीड़ित बच्चे के पिता दिनेश (32 वर्ष, निजी फैक्ट्री में कार्यरत) ने अपने बयान में बताया कि यह हमला अचानक हुआ और उनका बच्चा अभी भी गंभीर हालत में है।

पुलिस ने राजेश पाल को गिरफ्तार कर U/S 291/125(b) BNS (संबंधित 289/338 IPC) के तहत मामला दर्ज किया। एसआई संदीप ने बच्चे का मेडिकल लेगल केस (MLC) BSA अस्पताल से प्राप्त कर लिया है।

सवाल उठते हैं जिम्मेदारी और सुरक्षा पर

इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि खतरनाक नस्ल के पालतू कुत्तों पर कोई नियंत्रण क्यों नहीं है?pitbull क्या ऐसी पालतू नस्लों के मालिकों के लिए कोई सख्त नियम और सुरक्षा उपाय होना चाहिए ताकि छोटे बच्चे और आम जनता सुरक्षित रह सके?

विशेषज्ञों का कहना है कि पालतू जानवरों की जिम्मेदारी सिर्फ मालिक की नहीं बल्कि समाज और स्थानीय प्रशासन की भी होती है। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि ऐसे पालतू जानवरों की निगरानी और कानूनों की कड़ी जरूरत है।


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