पोर्श कांड में कई ट्विस्ट, आखिर कौन चला रहा था कार; नाबालिग का दादा भी अरेस्ट
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पोर्श कांड में कई ट्विस्ट, आखिर कौन चला रहा था कार; नाबालिग का दादा भी अरेस्ट

पुलिस का दावा ड्राईवर को घर में बंधक बना कर रखा और उस पर आरोप अपने सर पर लेने का बनाया था दबाव


महाराष्ट्र के पुणे के बहुचर्चित पॉर्श कार एक्सीडेंट मामले में अब पुणे पुलिस नाबालिग के दादा को गिरफ्तार किया है. पुणे पुलिस का दावा है कि नाबालिग के दादा सुरेन्द्र अगरवाल ने ही अपने ड्राईवर ये दबाव बनाया था कि वो नाबालिग द्वारा किये गए अपराध को अपने ऊपर ले ले. इतना ही नहीं पुलिस ने ये भी दावा किया है कि सुरेन्द्र अग्रवाल ने ड्राईवर को इसके लिए न केवल धमकाया था बल्कि उसे घर भी नहीं जाने दिया था.

क्या कहा पुणे के पुलिस कमिश्नर ने

पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि जब ड्राईवर को मौके से पकड़ कर पुलिस थाने लाया गया था तो उसने पहले लिखित बयान में ये दावा किया था कि कार वो चला रहा था. लेकिन जब उससे पुछ्ताछ की गयी तो ड्राईवर की बात पर विश्वास करना मुश्किल हुआ. जाँच के बाद जब एफआईआर दर्ज की गयी तो उसमें नाबालिग को आरोपी बनाया गया.

पुणे पुलिस के ही एक अन्य अधिकारी ने ये भी बताया कि एक्सीडेंट के बाद नाबालिग के दादा और पिता ने ड्राइवर का फोन कथित तौर पर अपने कब्जे में ले लिया था. उसे 19 मई से 20 मई तक घर भी नहीं जाने दिया था. उसे आरोपी पक्ष ने अपने बंगले के परिसर में ही बंधक बनाकर रखा था. बाद में ड्राइवर के हस्तक्षेप के बाद उसे मुक्त किया गया था.

ड्राईवर की शिकायत पर की गयी कार्रवाई

पुणे पुलिस ने ये भी दावा किया है कि ड्राईवर ने ही नाबालिग के पिता व दादा के खिलाफ बयान दिया, जिसके बाद उसे ही शिकायत का आधार मानते हुए नाबालिग के दादा को गिरफ्तार किया गया है.

नाबालिग को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

शुक्रवार को नाबालिग आरोपी को अदालत ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. वो अब 5 जून तक बाल सुधार गृह में रहेगा. बता दें कि नाबालिग रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का बेटा है. पुलिस इस मामले में विशाल अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर चुकी है. विशाल को अदालत ने 24 मई को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

क्या थी घटना

बता दें कि 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में एक नाबालिग ने अपनी तेज रफ़्तार पॉर्श कार से मोटरसाइकिल पर सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को टक्कर मार दी थी, जिससे दोनों की मौत हो गयी थी. मामले की जाँच के दौरान पुलिस ने दावा किया है कि नाबालिग नशे की हालत में कार चला रहा था. नाबालिग को तुरंत ही जमानत भी मिल गई. जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और देशभर में सुर्ख़ियों में आ गया. इस मामले में पुलिस को आलोचना भी झेलनी पड़ी. इसके बाद पुलिस ने नए सिरे से जांच शुरू की और शुक्रवार को ही लापरवाही के आरोप में दो पुलिस कर्मियों को सस्पेंड भी किया गया.

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