पुणे पॉर्श दुर्घटना काण्ड में दो और गिरफ्तार, गिरफ्तार आरोपियों की संख्या हुई 9
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पुणे पॉर्श दुर्घटना काण्ड में दो और गिरफ्तार, गिरफ्तार आरोपियों की संख्या हुई 9

लड़के के माता-पिता, तीन डॉक्टर और बिचौलिए के रूप में काम करने वाले दो लोगों को पहले ही नाबालिग के रक्त के नमूनों को उसकी मां के नमूनों के साथ कथित तौर पर बदलने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है.


Pune Porsche Car Accident: पुणे का पॉर्श एक्सीडेंट मामला एक बार फिर से चर्चा में आया है. इस बार चर्चा का विषय है दो और नयी गिरफ्तारियां जो खून के सैंपल बदलने से जुड़े हुए हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई ने मंगलवार (20 अगस्त) को बताया कि पुणे पुलिस ने पोर्श कार दुर्घटना मामले में रक्त के नमूनों की कथित अदला-बदली के सिलसिले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है. ये गिरफ्तारी सोमवार शाम को की गयी है, जिसके बाद इस मामले में कुल गिरफ्तार आरोपियों की संख्या बढ़ कर 9 हो गयी है.


बदले गए खून के सैंपल
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने मंगलवार सुबह जानकारी देते हुए बताया कि "कार में किशोर आरोपी के साथ मौजूद दो नाबालिगों के रक्त के नमूने इन दो व्यक्तियों के साथ बदल दिए गए, जिनमें एक नाबालिग का पिता भी शामिल है."
कथित तौर पर शराब के नशे में धुत नाबालिग द्वारा चलाई जा रही हाई-एंड कार ने 19 मई की सुबह पुणे के कल्याणी नगर इलाके में मोटरसाइकिल सवार दो आईटी पेशेवरों को टक्कर मार दी थी, जिनमें से एक महिला थी. दोनों की ही मौत हो गयी थी.

आरोपी लड़के के पिता एक प्रमुख बिल्डर हैं
पुलिस के दावे के अनुसार लड़के के माता-पिता और डॉक्टरों - फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के तत्कालीन विभागाध्यक्ष डॉ. अजय टावरे, डॉ. श्रीहरि हल्नोर और ससून के कर्मचारी अतुल घाटकांबले - को कथित तौर पर नाबालिग के रक्त के नमूनों को उसकी मां के नमूनों के साथ बदलने के आरोप में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
दो अन्य आरोपी - अश्पक मकानदार और अमर गायकवाड़ - पिता और डॉक्टरों के बीच बिचौलिए के रूप में काम करते थे, ताकि रक्त के नमूनों की अदला-बदली के लिए वित्तीय लेनदेन को सुगम बनाया जा सके. उन्हें भी पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

900 पेज की चार्जशीट कर चुके हैं दाखिल
पुणे का पॉर्श दुर्घटना मामला काफी सुर्ख़ियों में रहा था, जिसे लेकर शुरुआत में पुणे पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगे. राजनीती भी जमकर हुई. आलम ये रहा कि पुणे पुलिस को अपने ही कुछ कर्मचारियों समेत कई अन्य लोगों को गिरफ्तार करना पड़ा. इतना ही नहीं पुलिस इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया, जिसके बाद पुलिस ने कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस इन 7 लोगों के खिलाफ पहले ही 900 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है.

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)


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