रोहिणी में बम धमाका : क्या आतंकियों ने अपनी मौजूदगी बताने के लिए किया विस्फोट ?
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रोहिणी में बम धमाका : क्या आतंकियों ने अपनी मौजूदगी बताने के लिए किया विस्फोट ?

रोहिणी के प्रशांत विहार में जिस तरह से बम धमाका किया गया उससे फिलहाल यही प्रतीत होता है कि दिल्ली पुलिस को चेतावनी दी गयी है कि आतंकी चाहे तो कहीं भी कुछ भी कर सकते हैं.


Rohini Bomb Blast : रोहिणी के प्रशांत विहार इलाके में हुए विस्फोट ने जहाँ एक ओर लोगों के मन में दहशत पैदा कर दी है तो वहीँ दिल्ली पुलिस के सामने ये चुनौती भी रख दी है कि तमाम दावों को धत्ता बताते हुए राजधानी दिल्ली में बम धमाके को अंजाम दिया जा सकता है. गनीमत ये रही कि आतंकियों ने जिस तरह से बम धमाके का समय और दिन चुना उससे किसी तरह की जान का कोई नुक्सान नहीं हुआ. हालाँकि इस मामले में यही सबसे बड़ी पहेली भी बन गयी है कि आखिर बम धमाका रविवार को सुबह के समय क्यों किया गया? क्या ये कोई चेतावनी है या फिर दिल्ली में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का सन्देश? फिलहाल दिल्ली पुलिस के अलावा एनआईए मामले की जांच में जुटे हुए हैं. इतना ही नहीं एनएसजी भी विस्फोटक का पता लगाने में जुटी है. गौर करने वाली बात ये भी है कि ये धमाका दिवाली से कुछ दिन पहले हुआ है. ऐसे समय में जब दिल्ली पुलिस ये दावा कर रही है कि राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम है.



पेड़ की जड़ में छुपाया गया था बम

रोहिणी में हुए बम धमाके का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. इस फुटेज के अनुसार ये धमा सुबह 7 बज कर 3 मिनट पर हुआ. फुटेज में दिख रहा है कि बम एक पेड़ की जड़ में रखा हुआ था. पहले हल्का सा धुआं उठा( जैसे किसी पटाखे की सुर्री में जब आग लगाते हैं तो धुआं उठता है) और फिर एक दम से तेज धमाका हुआ. उस धमाके की वजह से सड़क की दूसरी ओर जो वाहन खड़े थे या जो दूकान आदि थीं, उनके साइन बोर्ड, खिडकियों के कांच आदि क्षतिग्रस्त हो गए.



क्या ये धमाका जान लेने के लिए नहीं अपनी मौजूदगी की दस्तक देने के लिए किया गया

रोहिणी में जिस तरह से बम धमाका हुआ है, उसकी तीव्रता काफी तेज बताई जा रही है. जिस सीआरपीएफ स्कूल की दीवार पर ये धमाका हुआ, वो लगभग 100 फुट चौड़े रोड पर है. अब आप इस बम की तीव्रता का अंदाज़ा इसी से लगा सकते हैं कि इस धमाके से सामने सड़क किनारे कड़ी गाड़ियों के ही नहीं बल्कि दुकानों और घरों के शीशे भी टूट गए. इतना ही नहीं ब्लास्ट के सफ़ेद धुंए का जो गुबार उड़ा वो काफी देर तक उठा और काफी दूर तक दिखाई दिया. इसके साथ साथ धमाके की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी. यही वजह भी है कि इस धमाके की तीव्रता कम नहीं थी. अगर यही धमाका किसी और समय या किसी और दिन होता तो ये सिर्फ धमाका नहीं बल्कि कई लोगों की जान का दुश्मन भी बन सकता था.




स्कूल का असेंबली पॉइंट के बहार हुआ धमाका

सीआरपीएफ स्कूल की जिस दीवार के बाहर ये बम विस्फोट हुआ उसी दीवार के पीछे जो ग्राउंड हैं, वहां पर स्कूल के बच्चों की असेंबली होती है, यानी कि बच्चे रोज सुभ उसी ग्राउंड में प्रेयर/प्रार्थना के लिए एकत्र होते हैं. इतना ही नहीं सुबह का समय बच्चों के स्कूल आने का भी होता है. स्कूल की इसी दीवार के ठीक आगे बड़ी संख्या में बच्चों के अभिभावकों की गाड़ियाँ पार्क होती हैं. पैदल भी बच्चे और उनके अभिभावक स्कूल आ रहे होते हैं. ऐसे में अगर किसी अन्य दिन ये धमाका होता तो बहुत बड़ा नुक्सान हो सकता था.

काफी देर तक छाया रहा धुआं

जिस तरह से बम विस्फोट हुआ उससे ये तो स्पष्ट है कि ये सोची समझी साजिश के तहत ही अंजाम दिया गया है. इसके अलावा प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि बम धमाके की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी. लोग बाग़ जब धमाके की आवाज सुनकर घरों से बाहर निकले तो उन्हें काफी देर तक सफ़ेद धुएं का गुबार ही दिखाई दिया. घटना स्थल के नजदीक रहने वाले भारत अरोड़ा का कहना है कि वो अपने घर में थे और विस्फोट की आवाज सुन कर हिल गए. उन्हें लगा कि शायद नजदीक ही स्थित एक पूड़ी वाले की दुकान है, उसमें तो सिलिंडर ब्लास्ट नहीं हुआ. लेकिन ऐसा नहीं था. बाहर निकलने पर सिर्फ धुआं ही धुआं था. गाड़ियों के कांच टूटे हुए थे. जिसके बाद पुलिस को इसकी जानकारी दी गयी.

आतंकी गतिविधि हो सकती है

दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड डीसीपी एलएन राव का कहना है कि जिस तरह से धमाके की आवाज के बारे में बताया गया है और सफ़ेद रंग का जो धुआं उठा उससे ये साफ़ है कि ये बम धमाका था और वो भी तेज तीव्रता का. ये लाइट बम ब्लास्ट नहीं था. अगर आसपास लोग होते तो निश्चित तौर पर ये बड़ा नुकसानदेह साबित होता. इतना ही नहीं जब ये काम किसी बदमाश या गैंग का भी प्रतीत नहीं होता. ये काम आतंकी गुट का ही लग रहा है. इसके पीछे की जो मंशा फिलहाल लग रही है वो शायद ये है कि आतंकी सिर्फ दिल्ली पुलिस को ये सन्देश देना चाहते हैं कि वो दिल्ली में हैं और कुछ भी कर सकते हैं. अभी ये देखना होगा कि बम के अन्दर किस तरह का विस्फोटक इस्तेमाल किया गया और उसे इग्नाईट कैसे किया गया? किस कंटेनर में बम रखा गया, वो भी महत्वपूर्ण है.

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