सिर्फ शक पर जान लेने की प्रवृत्ति, पहले हरियाणा अब महाराष्ट्र, उठे कई सवाल
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सिर्फ शक पर जान लेने की प्रवृत्ति, पहले हरियाणा अब महाराष्ट्र, उठे कई सवाल

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है; घटना की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और पुलिस अपराधियों की तलाश कर रही है


Atrocities On The Name of Cow: हरियाणा में गौ मांस के शक में एक व्यक्ति की पीट पीट कर हत्या का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब महाराष्ट्र से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहाँ एक ट्रेन के अन्दर एक बुजुर्ग से गौ मांस ले जाने के शक में युवकों के एक समूह ने बुजुर्ग के साथ न केवल बदतमीजी की बल्कि मारपीट भी की गयी. इस घटना से जुड़ा विडियो वायरल होने के बाद अब राजनीती भी शुरू हो गयी है. प्रदेश में विपक्ष ने सत्ताधारी महायुति सरकार की निंदा की है. वहीँ रेलवे पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपियों की तलाश कर रही है.


महाराष्ट्र की घटना
सोशल मीडिया पर एक विडियो वायरल हुआ जिसमें देखा जा सकता है कि एक बुजुर्ग रेलवे कोच में सवार हैं. उन्हें कुछ युवकों ने घेरा हुआ है और वे युवक उनके साथ बदतमीजी और मारपिट करते दिख रहे हैं. ये विडियो महाराष्ट्र के नासिक में धुले एक्सप्रेस के अन्दर का बताया जा रहा है. दरअसल बुजुर्ग के साथ बदतमीजी करने वाले युवक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि बुजुर्ग अपने साथ गौ मांस ले जा रहे हैं और इसी शक के चलते वो उनके साथ मारपीट तक कर रहे हैं.
राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया है कि आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और उनकी तलाश की जा रही है.

पीड़ित से पूछताछ की गई, थप्पड़ मारे गए
रिपोर्टों के अनुसार, ये घटना इस सप्ताह की शुरुआत में धुले एक्सप्रेस में हुई, जब जलगांव निवासी अशरफ मुन्यार नामक बुजुर्ग व्यक्ति मालेगांव में अपनी बेटी के घर जा रहे थे. वीडियो में कुछ लोगों का समूह बुजुर्ग अशरफ को घेरे हुए हैं, जबकि वो दो प्लास्टिक के डिब्बे हैं. युवकों का समूह उनसे डिब्बों के अन्दर क्या है, इस बारे में पूछताछ कर रहा है. भीड़ में कई अन्य लोग "पूछताछ" का वीडियो रिकॉर्ड करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि कई अन्य लोग देखते हैं. उनमें से कुछ लोग बुजुर्ग के साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार पर मुस्कुराते भी दिख रहे हैं.
विडियो में देख सकते हैं कि कैसे भीड़ में शामिल लोग बुजुर्ग से पूछ रहें है कि वो कहां जा रहे हैं और उनके पास किया है. इस पर बुजुर्ग बताते हैं कि डिब्बों में मांस है, वो अपनी बेटी के जा रहे हैं. इस पर भीड़ उनसे ये कहती है कि गौ मांस ले जा रहे हो और यही कहते हुए उनके साथ बदसलूकी शुरू कर देते हैं. इस पर अशरफ का कहना है कि ये गोमांस नहीं बल्कि बकरे का मांस है, लेकिन युवकों का ये समूह उनकी बात पर विश्वास नहीं करता और उसी समूह में शामिल एक व्यक्ति बुजुर्ग के थप्पड़ मार देता है, जबकि अन्य यात्री इस घटना को अपने फोन में रिकॉर्ड कर लेते हैं. भीड़ में शामिल लोग ये कहते हैं कि जब तक जांच नहीं होती तब कैसे मान ले कि ये मांस बकरे का है गाये का नहीं.
महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम 1976 के तहत गाय, बैल और सांड का वध प्रतिबंधित है.

मामला दर्ज, जांच जारी
अपराधियों की तलाश कर रही जीआरपी का कहना है कि घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि अशरफ शुरू में एफआईआर दर्ज कराने में अनिच्छुक थे. रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस ने दो आरोपियों की पहचान कर ली है जो धुले के निवासी हैं और उनकी तलाश के लिए एक टीम धुले भेजी गई है.

विपक्ष ने सरकार को घेरा
इस घटना से राज्य में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है और विपक्ष ने राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति के लिए एकनाथ शिंदे सरकार की आलोचना की है. एनसीपी (शरद पवार) नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा, "कुछ युवाओं ने बुजुर्ग को पीटा क्योंकि उन्हें लगा कि वो गोमांस ले जा रहा है. यह महाराष्ट्र नहीं है. यह हमारी संस्कृति नहीं है. यह कहां रुकेगा." उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में 80 प्रतिशत लोग मांसाहारी हैं, यह हमारा महाराष्ट्र है. तटीय रेखा पर 95 प्रतिशत लोग मांसाहारी हैं. हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. हम जैनियों का भी सम्मान करते हैं, लेकिन संदेह के आधार पर लोगों की पिटाई करने की यह नफरत क्या है? वे अब तक भाग गए होते. उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति को पीटने में शर्म क्यों नहीं आती, जो आपके पिता की उम्र का है."

मूकदर्शक नहीं बना रह सकता: एआईएमआईएम सांसद
अपने एक्स हैंडल पर वीडियो साझा करते हुए एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने इस घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की और कहा कि अब समय आ गया है कि समुदाय के लोग इस तरह के दुर्व्यवहार के खिलाफ खड़े हों. औरंगाबाद से सांसद जलील ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "हम मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकते. अब समय आ गया है कि हम सभी धर्मनिरपेक्ष भारतीयों को इन ताकतों को हराने के लिए एकजुट होना चाहिए. इन लोगों में कितना जहर फैल चुका है और वे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ ऐसा करने के बारे में कैसे सोच सकते हैं जो शायद उनके दादा की उम्र का हो."
उन्होंने कहा, "अब ज्ञापन देना और सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर करना बंद कर दिया गया है. अगर सरकार और पुलिस आंखें मूंद रही हैं, तो हमें एक समुदाय के तौर पर खड़े होकर इन ताकतों का मुकाबला करना होगा. यह अब एक सामान्य चलन बन गया है और हम भारतीय होने के नाते कुछ नहीं कर रहे हैं."
ज्ञात रहे कि लगभग तीन दिन पहले ही हरियाणा के चरखी दादरी में गौ मांस खाने के शक में कुछ लोगों ने एक व्यक्ति की पीट पीट कर हत्या कर दी. मर्तिक का नाम सत्तर मालिक था, जो मूल रूप से बंगाल का रहने वाला था और यहाँ हरियाणा में कूड़ा - कबाड़ बीनने का काम करता था. पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.


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