सुचिर बालाजी की मौत क्यों है शक के दायरे में, चैट जीपीटी से कैसे चला पता
Suchir Balaji: सुचिर बालाजी ने इस साल अगस्त में ओपनएआई से इस्तीफा दे दिया था और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी पर कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाया था।
ओपनएआई के मुखबिर सुचिर बालाजी, जो इस वर्ष 26 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को में मृत पाए गए थे, की मां ने कंपनी के अपने उत्पाद का उपयोग यह दावा करने के लिए किया है कि उनके बेटे की मौत आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या थी।सुचिर की मां पूर्णिमा ने इंडिया टुडे को बताया कि उन्होंने चैटजीपीटी का इस्तेमाल करके यह पता लगाया कि उनके बेटे के अपार्टमेंट में मिले खून के धब्बे आत्महत्या का मामला नहीं लगते।उन्होंने यह भी दावा किया कि एक निजी अन्वेषक की जांच, उनके बेटे की मौत के बारे में पुलिस के बयान से विरोधाभासी है हालाँकि, मेडिकल परीक्षक ने इसे आत्महत्या बताया।
व्हिसल ब्लोअर था सुचिर
26 वर्षीय सुचिर बालाजी ओपनएआई के कर्मचारी थे। उन्होंने इस साल अगस्त में कंपनी छोड़ दी और कंपनी की डेटा-एकत्रीकरण प्रथाओं के खिलाफ़ आवाज़ उठाई और आरोप लगाया कि चैटजीपीटी के विकास में कॉपीराइट का उल्लंघन हुआ है।उनकी मां ने विदेश मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सैन फ्रांसिस्को में टेक इंडस्ट्री लॉबी बहुत शक्तिशाली है और आरोप लगाया कि वहां बहुत भ्रष्टाचार है।उन्होंने कहा कि उनका बेटा मानवता में बदलाव लाना चाहता था और वह "फ्यूचरा डॉक्टर विजिट" नामक परियोजना पर काम कर रहा था।उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सपने हमसे छीन लिये गये हैं।’’
मा चाहती हैं एफबीआई जांच
पूर्णिमा ने बताया कि बेटे की मौत के बाद उसके अपार्टमेंट में तोड़फोड़ की गई थी और बाथरूम में संघर्ष के निशान थे। उन्होंने मामले की एफबीआई से जांच की मांग की है।उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने बेटे के बाथरूम की तस्वीर ChatGPT को दिखाई, तो पता चला कि खून के छींटे वैसे नहीं थे, जैसे आत्महत्या के मामले में होने चाहिए। उन्हें बाथरूम में खून के अन्य धब्बे भी मिले, जिससे पता चलता है कि उसे मारा गया होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि वहां कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।इसके बाद पूर्णिमा ने एक निजी अन्वेषक को नियुक्त करने का निर्णय लिया, जिसने मामले की जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि यह आत्महत्या का मामला नहीं लगता।सुचिर की मां द्वारा उठाया गया एक अन्य मुद्दा यह है कि वकील ने उन्हें बताया कि उन्होंने सभी सीसीटीवी कैमरों की जांच की है और इस बात का कोई संकेत नहीं मिला है कि 26 नवंबर को उनके बेटे के अपार्टमेंट में कोई घुसा था।
हालांकि, पूर्णिमा ने दावा किया कि अपार्टमेंट में तीन प्रवेश द्वार हैं, और उनमें से दो, एक गैरेज के माध्यम से और दूसरा पिछले दरवाजे से, सीसीटीवी नहीं है। इस तथ्य को पुलिस ने नज़रअंदाज़ किया है पूर्णिमा ने कहा, ‘‘पुलिस हमारी बात नहीं सुन रही है।’