भारत में महीनों नहीं, ट्रायल में लगेंगे सालों – तहव्वुर राणा को वकीलों दी जानकारी
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'भारत में महीनों नहीं, ट्रायल में लगेंगे सालों' – तहव्वुर राणा को वकीलों दी जानकारी

Tahawwur Rana को उनके वकीलों ने बताया कि भारत में उसका मुकदमा बहुत लंबा चल सकता है.


Tahawwur Rana trial: मुंबई में साल 2008 में हुए आतंकी हमले (26/11) के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया गया है. उसे गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में सौंपा गया. वहीं, तहव्वुर राणा को उनके वकीलों ने बताया कि भारत में उसका मुकदमा बहुत लंबा चल सकता है. इतना जटिल मामला होने की वजह से सिर्फ चार्जशीट दाखिल होने में ही एक साल तक लग सकता है. वकीलों का कहना है कि पूरा ट्रायल खत्म होने में 5 से 10 साल तक का समय लग सकता है.

वहीं, जब राणा ने पूछा गया कि क्या अमेरिका की तरह भारत में भी वह खुद के खिलाफ गवाही देने से इनकार कर सकता है (जैसे अमेरिका में "प्लीड द फिफ्थ"), तो वकीलों ने जवाब दिया कि भारत में ऐसा कानून है. लेकिन तरीका अलग होता है.

तहव्वुर राणा की पेशी और NIA की हिरासत

गुरुवार को राणा की पेशी NIA की स्पेशल कोर्ट में हुई, जहां जज चंदर जीत सिंह ने उसे 18 दिन की NIA हिरासत में भेजा. अदालत ने यह भी कहा कि राणा को हर दूसरे दिन अपने वकीलों से मिलने की इजाजत दी जाएगी. लेकिन यह मुलाकात NIA की निगरानी में होगी. राणा की पैरवी कर रहे वकीलों के नाम लक्ष्य धीर और पीयूष सचदेवा है.

कौन है तहव्वुर राणा?

तहव्वुर राणा पाकिस्तानी सेना का पूर्व अधिकारी है. उस पर आरोप है कि उसने डेविड हेडली की मदद की थी, जिसने 26/11 के हमलों की योजना बनाने और जानकारी जुटाने में अहम भूमिका निभाई थी. ये हमले मुंबई में हुए थे, जिनमें 166 लोगों की जान गई थी. राणा को अमेरिका में 18 अक्टूबर 2009 को गिरफ्तार किया गया था, दो हफ्ते बाद जब हेडली को पकड़ा गया था. उसने अमेरिका में करीब 10 साल जेल में बिताए, जिसके बाद उसे एक केस में बरी कर दिया गया था.

अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण

राणा ने अमेरिका में भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ कई अपीलें की थीं. लेकिन अंत में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी आखिरी अपील खारिज कर दी और उसे भारत भेजने का रास्ता साफ हो गया.

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