
तमिलनाडु CCW ने ₹1,000 करोड़ के निवेश धोखाधड़ी को किया नाकाम, 800 लोगों को बचाया
नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे किसी भी ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की तुरंत सूचना राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 या पोर्टल [www.cybercrime.gov.in](http://www.cybercrime.gov.in) पर दें।
तमिलनाडु साइबर क्राइम विंग (CCW) ने अंतरराष्ट्रीय नकली निवेश प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ एक सशक्त अभियान शुरू किया है। यह अभियान "प्रि-क्राइम इंटरवेंशन" मॉडल पर आधारित है, जिसने अब तक 800 से अधिक लोगों को वित्तीय जाल में फंसने से बचाया है। पुलिस के अनुसार, इस तेज़ और खुफिया आधारित रणनीति ने ₹1,000 करोड़ से अधिक के संभावित वित्तीय नुकसान को रोका है।
खुफिया निगरानी और साइबर पेट्रोलिंग
पुलिस बल की इस योजना में उन्नत साइबर पेट्रोलिंग और खुफिया संचालन शामिल हैं, जिनके माध्यम से अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी गिरोहों के जटिल डिजिटल निशान ट्रैक किए जाते हैं। इन गिरोहों में कई ग्लोबल ऑपरेटर्स शामिल हैं, जो भारत में म्यूल अकाउंट्स का उपयोग करते हैं। CCW की रणनीति संभावित पीड़ितों की पहचान पहले ही कर लेती है, इससे पहले कि उन्हें वित्तीय नुकसान या धोखाधड़ी का पता चले। उन्नत डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके संदिग्ध बैंक लेन-देन पर नजर रखी जाती है।
हस्तक्षेप से बचाव
एक वरिष्ठ अधिकारी ने The Federal को बताया कि जैसे ही कोई स्कैम पहचाना जाता है, हम तुरंत बैंक फ्रॉड रिस्क टीमों के साथ समन्वय करके संदिग्ध अकाउंट को फ्रीज़ कर देते हैं, ताकि साइबर अपराधियों को पैसा ट्रांसफर न हो। यह त्वरित कार्रवाई बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि धोखाधड़ी करने वाले अक्सर धन को म्यूल अकाउंट्स के जाल के माध्यम से तुरंत फैला देते हैं।
धोखाधड़ी का नेटवर्क तोड़ने के प्रयास
सिर्फ व्यक्तियों को बचाना ही नहीं, बल्कि धोखाधड़ी करने वालों की संरचना को भी ध्वस्त करना CCW की प्राथमिकता है। इसने अब तक 1,333 वेबसाइट्स, सोशल मीडिया पेज और ऐप्स को ब्लॉक या बंद किया है, जो नकली निवेश के अवसरों को बढ़ावा दे रहे थे। इनमें राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) और इंडिया पोस्ट जैसी सरकारी पोर्टल्स की नकल करने वाली फेक साइट्स भी शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि एनफोर्समेंट के तहत CCW ने लक्षित अभियान जैसे 'थिरैनेकू' और 'हाइड्रा' शुरू किए हैं, जिनमें सैकड़ों गिरफ्तारी हुई हैं। इस साल अब तक साइबर क्राइम मामलों में 952 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें से 27 आरोपियों को गुंडा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया।
नकली निवेश के जाल
अधिकारियों ने चेताया कि आधुनिक स्कैम अक्सर जटिल जाल के रूप में शुरू होते हैं, जो जनता की "जिज्ञासा और लालच" का फायदा उठाते हैं। ये स्कैम उच्च, जोखिम-मुक्त रिटर्न का लालच देकर लोगों को फंसाते हैं, जो वास्तविकता में असंभव होता है। साइबर क्राइम पुलिस के अनुसार, अपराधी लोगों को नकली या भ्रामक निवेश अवसरों में फंसाते हैं, जिसमें 100 गुना या उससे भी अधिक रिटर्न का वादा किया जाता है। सोशल मीडिया पर शुरू होने वाले छोटे "लाइक और शेयर करें और जीतें" पोस्ट बड़े निवेश स्कैम में बदल जाते हैं, जैसे कि स्टॉक मार्केट, ऑनलाइन ट्रेडिंग, फॉरेक्स ट्रेडिंग, व्हाट्सएप आधारित ट्रेडिंग ग्रुप, शादी निवेश स्कैम, MLM निवेश, क्रिप्टो निवेश आदि।
अधिकारी ने कहा कि ये स्कैम जनता की जिज्ञासा और लालच का फायदा उठाते हैं। कई पीड़ित आकर्षक वेबसाइट और नकली टेस्टिमोनियल्स से फंस जाते हैं। स्कैमर्स अब नकली क्रिप्टो एक्सचेंज और निवेश ऐप्स लॉन्च कर रहे हैं, जो फर्जी मुनाफा दिखाते हैं। पीड़ित तब तक धोखाधड़ी को नहीं समझ पाते जब तक वे पैसा निकालने का प्रयास करते हैं और वेबसाइट अचानक गायब हो जाती है।
तमिलनाडु साइबर क्राइम विंग की सलाह
अवास्तविक ऑफर्स पर संदेह करें: यदि कोई निवेश "कम समय में भारी रिटर्न" का वादा करता है तो अत्यंत सतर्क रहें।
स्रोत की पुष्टि करें: अज्ञात वेबसाइट्स या सोशल मीडिया पर प्रचारित ऐप्स में निवेश न करें।
कंपनी की जांच करें: कंपनी से सीधे आधिकारिक चैनल के माध्यम से संपर्क करें, न कि धोखाधड़ी करने वाले द्वारा भेजे गए सामान्य ईमेल या मैसेजिंग ऐप्स पर भरोसा करें।
नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे किसी भी ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की तुरंत सूचना राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 या पोर्टल [www.cybercrime.gov.in](http://www.cybercrime.gov.in) पर दें।

