इंजिनियर और रसायन विज्ञान के छात्र चला रहे थे ड्रग्स की फैक्ट्री, चेन्नई पुलिस ने पकड़ा
पांच छात्रों ने दो अन्य लोगों की मदद से घर पर ही मेथमफेटामाइन बनाने और उसे बेचने का काम शुरू किया. लेकिन एक गुप्त सूचना के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
Drugs Syndicate : तमिलनाडु पुलिस ने नशीला पदार्थ मेथामफेटामाइन बनाने की एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. हैरानी की बात ये है कि नशे के इस कारोबार को इंजीनियरिंग और रसायन विज्ञान के 5 छात्र मिल कर चला रहे थे. इन्हीं छात्रों में से एक ने अपने माता पिता से कहा कि वो कैफ़े खोलना चाहता है, इसलिए आर्थिक मदद चाहिए. उसके माता पिता ने उधर लेकर पैसे दिए ताकि उनका बेटा अपना व्यवसाय कर सके लेकिन उस बेटे ने वो पैसा ड्रग्स के धंधे में लगा दिया. पुलिस का कहना ही कि इस काम में दो और लोग शामिल थे, जिन्होंने जिन्होंने इन पाँचों को अपने ड्रग्स के धंधे में लिप्त करते हुए मेथामफेटामाइन बनाने का काम दिया था. इसे MDMA भी कहा जाता है, जो पार्टी ड्रग के नाम से जानी जाति है और इसका सेवन करने वाले इसे लेने के बाद एक अलग ही उन्माद को महसूस करते हैं.
चेन्नई पुलिस के अनुसार इन आरोपियों में से एक बैचलर ऑफ़ साइंस कोर्स में गोल्ड मेडलिस्ट भी है. इन छात्रों ने खुलासा किया कि शुरुआत में अरुण कुमार नामक एक व्यक्ति से मेथामफेटामाइन मिलती थी, जिसकी तस्करी करके ये लोग पैसा कमाते थे. लेकिन बाद में इन लोगों ने अपना खुद का काम करने की ठानी और ये लैब स्थापित कर ली.
245 ग्राम मेथामफेटामाइन बरामद
पुलिस का दावा है कि इस गिरोह का भंडाफोड़ करने के बाद प्रयोगशाला में छापेमारी करते हुये 245 ग्राम मेथामफेटामाइन, 2 लैपटॉप और 7 मोबाइल फ़ोन बरामद किए हैं. पुलिस को अभी दो और लोगों, अरुण कुमार और कार्तिक की तलाश है.
कितनी ड्रग्स बना चुके थे लगा रहे हैं पता
पुलिस का ये भी कहना है कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि वो अब तक कितना मादक पदार्थ तैयार कर चुके थे और कहाँ कहाँ इनकी सप्लाई की जा रही थी. क्या अन्य छात्र भी इस धंधे में लिप्त हैं. क्या छात्र इसका सेवन कर रहे हैं या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से रेव पार्टीस आदि में इसकी सप्लाई की जा रही थी. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है.
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