दिल्ली में मदरसे  से छुट्टी पाने के लिए बच्चों ने किया कुछ ऐसा की रूह काँप जाए
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दिल्ली में मदरसे से छुट्टी पाने के लिए बच्चों ने किया कुछ ऐसा की रूह काँप जाए

दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में 9 और 11 साल के तीन लड़कों ने छुट्टी के चक्कर में 5 साल के अपने सह-पाठी को इस कदर मारा की उसकी मौत हो गयी. तीनों बच्चे चाहते थे कि मदरसा बंद हो जाए और वो अपने घर जा सकें.


Murder in Madarsa: आज के समय में बच्चों की मनोदशा क्या हो गयी है, इसे समझना बेहद मुश्किल होता जा रहा है. जिस तरह से मीडिया या सोशल मीडिया पर बच्चों के सामने हिंसक सामग्री परोसी जा रही है, उसका ही नतीजा है कि बच्चे भी हिंसक होते जा रहे हैं. दिल्ली से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो सुनने वाले की रूह कपा दें. दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में एक मदरसे में पढ़ने वाले तीन बच्चों ने अपने एक सहपाठी की बेरहमी से हत्या कर दी, सिर्फ इसलिए कि मदरसे की छुट्टी हो जाए और उन्हें अपने घर जाने को मिल जाए. पुलिस का दावा है कि फिलहाल इस मामले में तीन बच्चों की संलिप्तता का पता चला है और तीनों के खिलाफ सीसीटीवी फुटेज भी मिला है.


क्या है मामला
दिल्ली पुलिस के अनुसार 23 अगस्त शुक्रवार को रात 9:52 बजे पुलिस को सूचना मिली कि दयालपुर इलाके में ब्रजपुरी रोड पर मदरसा तालीम उल कुरान में एक बच्चा जिसकी उम्र 5 साल है, मृत अवस्था में पाया गया है. वो मदरसे में पढ़ता था. इस मदरसे के प्रिंसिपल हाजी दीन मोहम्मद हैं. पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां पर काफी भीड़ जमा थी. लोगों में इस बात को लेकर चिंता थी कि और जो बच्चे हैं वो किस तरह से मदरसे में सुरक्षित रहेंगे. जिस बच्चे की मौत हुई उसके पेट आदि पर छोटे छूते फफोले पड़े थे. कोई कुछ समझ नहीं पा रहा था कि आखिर हुआ क्या?
पुलिस मौके पर पहुंची. जाँच में पता चला कि मदरसे में लगभग 250 बच्चे ( लड़के ) पढ़ते हैं, जिनमें से लगभग 150 दिल्ली के बाहर के बच्चे हैं, ज़्यादातर उत्तर प्रदेश के. पुलिस को मृतक बच्चे की माँ ने पुलिस को बताया कि उसने लगभग 5 महीने पहले अपने बेटे को मदरसा भेजा था. 23 अगस्त की शाम को उसे फोन पर सुचना मिली कि उसका बच्चा बीमार है. वो मदरसा आई और बच्चे को नजदीक के नर्सिंग होम ले गयी, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. माँ को कुछ समझ नहीं आया और वो बच्चे के शव को मदरसा ले आई. वो शव के साथ बाहर ही बैठ गयी. तभी लोगों की भीड़ लग गयी. पुलिस ने बच्चे के शव को जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया.

पोस्टमार्टम में हुआ खुलासा फेफड़ों और लीवर में आई थी चोट
पुलिस का कहना है कि जब बच्चे के शव का पोस्टमार्टम किया गया तो पता चला कि उसके फेफड़े और लीवर में चोट आने से उसकी मौत हुई है. जो फफोले उसके शरीर पर हुए थे वो भी इसी वजह से हो सकते हैं. डॉक्टरों ने पुलिस को ये भी बताया कि बच्चे की पिटाई की वजह से ऐसा हुआ है.

सीसीटीवी में बच्चों का हाथ होना पाया गया
पुलिस का दावा है कि जब जाँच की गयी तो उसमें दो-तीन बच्चे संदिग्ध अवस्था में दिखे. वो मृतक बच्चे के साथ देखे गए. पुलिस ने उन बच्चों का पता लगाया. वो तीनों मद्सरे में ही पढ़ते थे, लेकिन जैसे ही ये मामला हुआ सभी बच्चों को उनके अभिभावक अपने साथ घर ले गए थे. पुलिस ने उन तीन बच्चों से जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए पूछताछ की. जिसके बाद ये पता चला कि उन तीनों ने ही 5 साल के बच्चे को मारा था.

मदरसे की छुट्टी हो जाए इसलिए किया था ऐसा
नार्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी डॉ जॉय टिर्की ने दावा किया है कि तीनों बच्चों ने खुलासा किया कि 5 साल के बच्चे को उन तीनों ने ही इस कदर पीटा था कि उसकी मौत हो जाए. तीनों बच्चों ने पुलिस को बताया कि 5 साल का वो बच्चा उन्हें गालियाँ दे रहा था. तीनों ही चाहते थे कि किसी भी तरह से मदरसे की छुट्टी हो जाए और वे अपने अपने घर चले जाएँ. इन तीनों ने मिलकर उस बच्चे को बुरी तरह से पीटा, जिससे उसके अंदरूनी चोट आई और वो बेसुध हो गया. ये तीनों बच्चे भी शांत हो कर मदरसे में ही रहे, शाम तक उस बच्चे की हालत इतनी बिगड़ गयी कि उसकी मौत हो गयी.
पुलिस का कहना है कि तीनों बच्चे जिन्होंने इस अपराध को अंजाम दिया है उनकी उम्र 9, 11 और 11 साल है. पुलिस का कहना है कि जाँच जारी है, देखा जा रहा है कि इस मामले में कोई और भी तो शामिल नहीं है.


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