
दुर्गापुर मेडिकल छात्रा दुष्कर्म मामला: पीड़िता का दोस्त गिरफ्तार, पुलिस का गैंगरेप से इनकार
Medical Student Case: पुलिस ने कहा कि तकनीकी साक्ष्यों और पीड़िता के बयान के आधार पर यह स्पष्ट है कि बलात्कार एक व्यक्ति ने किया. हम बाकी की भूमिका की जांच कर रहे हैं.
Durgapur Rape Case: पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में 23 वर्षीय मेडिकल छात्रा से कथित दुष्कर्म मामले में जांच ने मंगलवार को नाटकीय मोड़ ले लिया. बंगाल पुलिस ने पीड़िता के पुरुष सहपाठी को गिरफ्तार किया है, जो इस केस में गिरफ्तार होने वाला छठा आरोपी है. पुलिस ने दावा किया है कि अब तक की जांच और मेडिकल रिपोर्ट से स्पष्ट है कि दुष्कर्म एक ही व्यक्ति द्वारा किया गया, न कि सामूहिक.
क्या है पूरा मामला?
ओडिशा की जलेश्वर निवासी पीड़िता दुर्गापुर स्थित IQ सिटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एमबीबीएस की छात्रा है और वहीं भर्ती है. 10 अक्टूबर की रात वह अपने एक सहपाठी के साथ कैंपस से बाहर गई थी. सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, रात 7:54 बजे दोनों बाहर निकले. लेकिन लड़का 8:42 पर अकेला लौटा, फिर 8:48 पर गया और 9:29 बजे लड़की के साथ लौटा. पुलिस ने आरोप लगाया कि इतनी देर तक गायब रहने के बावजूद छात्र ने किसी को कुछ नहीं बताया.
गिरफ्तारी और पुलिस का बयान
आरोपी सहपाठी को 11 अक्टूबर को हिरासत में लिया गया था और 15 अक्टूबर को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया. जांच में उसके बयानों में कई महत्वपूर्ण विरोधाभास पाए गए. आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर सुनील कुमार चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अब तक की जांच और मेडिकल रिपोर्ट में केवल एक व्यक्ति की संलिप्तता पाई गई है. गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुई है. अन्य की भूमिका की समीक्षा की जा रही है.
फोन कॉल, फिरौती और मोबाइल बरामद
पीड़िता ने आरोप लगाया कि दुष्कर्म के बाद आरोपी ने उसी के मोबाइल से उसके दोस्त को कॉल किया और मोबाइल लौटाने के लिए ₹3,000 की मांग की. यह फोन बाद में एक संदिग्ध के पास से बरामद किया गया.
पीड़िता के पिता का बयान
पीड़िता के पिता ने 11 अक्टूबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और अपने ही बेटी के सहपाठी को संदिग्ध बताया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि मुझे पूरा यक़ीन है कि उसका दोस्त इस घटना में किसी न किसी रूप में शामिल है. यह सब पहले से योजनाबद्ध भी हो सकता है.
पहले गिरफ्तार हुए 5 ग्रामीण
इससे पहले पांच स्थानीय मजदूरों को मोबाइल कॉल रिकॉर्ड और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. इनकी शिनाख्त शेख सफीकुल (30), शेख नसीरुद्दीन (23), अपू बाउरी (21), फिरदौस शेख (23) और शेख रियाजुद्दीन (31) के तौर पर हुई है. इनमें से 2 को 9 दिन की पुलिस हिरासत और तीन को 10 दिन की हिरासत में भेजा गया है. हालांकि, पुलिस को पीड़िता के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों में कई विरोधाभास मिले हैं.
सीधे कोर्ट की निगरानी में मामला
कोलकाता हाई कोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया कि दुर्गापुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में राजनीतिक दलों और बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगाई जाए. अदालत ने अस्पताल के बाहर पुलिस पिकेट लगाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए.
राजनीतिक विवाद
यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पीड़िता के पिता से बात कर पूरी कानूनी और प्रशासनिक मदद का आश्वासन दिया. ओडिशा महिला आयोग की अध्यक्ष शोभना महंती ने मामले को “क्रूर, शर्मनाक और दुखद” बताते हुए आरोप लगाया कि पीड़िता और उसका दोस्त गोलगप्पे खाने निकले थे, तभी कुछ बदमाशों ने हमला कर दुष्कर्म किया. उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधियों का संबंध अल्पसंख्यक समुदाय से है, जिसे लेकर तृणमूल कांग्रेस ने उनके बयानों को "सांप्रदायिक" बताते हुए निंदा की है.
ममता बनर्जी के बयान पर विवाद
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि वो छात्रा रात 12:30 बजे बाहर क्या कर रही थी? कॉलेज प्रशासन की ज़िम्मेदारी क्या है? इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए ओडिशा बीजेपी सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि कॉलेज अधिकारियों के अनुसार छात्रा निर्धारित समय के भीतर बाहर गई थी. ममता जी गलत तथ्य रखकर आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही हैं.
फिलहाल पीड़िता का इलाज जारी है. फोरेंसिक रिपोर्ट और मेडिकल निष्कर्ष का इंतज़ार है. पुलिस ने कहा कि तकनीकी साक्ष्यों और पीड़िता के बयान के आधार पर यह स्पष्ट है कि बलात्कार एक व्यक्ति ने किया. हम बाकी की भूमिका की जांच कर रहे हैं. पीड़िता के परिवार ने उसे ओडिशा वापस ले जाने की अनुमति मांगी है, citing सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए.