वाराणसी का वो हत्याकांड, सुलझने की जगह उलझती जा रही, पुलिस भी हैरान
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वाराणसी का वो हत्याकांड, सुलझने की जगह उलझती जा रही, पुलिस भी हैरान

वाराणसी के राजेंद्र गुप्ता परिवार मर्डर केस की गुत्थी उलझ गई है। पुलिस के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है। लेकिन शक राजेंद्र गुप्ता के भतीजों पर है।


Varanasi Crime News: नगरी भगवान भोले नाथ की यानी वाराणसी। वैसे तो इस नगर में चर्चा हर विषय पर होती है। लेकिन इन चाय की हर अड़ी और पान की दुकान पर चर्चा गुप्ता परिवार हत्याकांड की हो रही है। पुलिस ने इस केस को सुलझा लेने का दावा कर लिया था। लेकिन परिवार के मुखिया का शव जब बरामद हुआ तो पूरी कहानी उलझ गई। वाराणसी पुलिस अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। हालांकि मृतक के भतीजों पर शक की सूई घूम गई है। पहले यह मामला क्या है उसे समझिए। मृतक राजेंद्र गुप्ता(Rajendra Gupta Family Murder Case) अपने परिवार के साथ अस्सी घाट के करीब भदैनी इलाके में रहते थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बटे और एक बेटी थी। सभी पांचों को दो से लेकर तीन गोली मारी गई थी यानी हत्यारों ने कुल 15 गोलियों का इस्तेमाल किया।

पुलिस ने पहले तो परिवार के मुखिया यानी राजेंद्र गुप्ता पर ही शक जताया। लेकिन जब उसके शव की बरामदगी भदैनी से 15 किमी दूर बरामद हुई तो गुत्थी सुलझने के बजाए उलझने लगी। सवाल यही था कि राजेंद्र गुप्ता ने अगर खुदकुशी की तो 15 किमी दूर क्यों की आ अगर उसे गोली भी मारी गई तो इतनी दूरी पर वारदात को अंजाम देने के पीछे क्या वजह रही होगी। वाराणसी पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश कर रही है और उस क्रम में शक के दायरे में राजेंद्र गुप्ता के भतीजे हैं।

भदैनी में राजेंद्र गुप्ता अपनी पत्नी दो बेटे, एक बेटी और बूढ़ी मां के साथ रहते थे। हत्याकांड के बारे में पता तब चला जब नौकरानी ने राजेंद्र गुप्ता की पत्नी का शव देखा। एक बेटे का शव मकान की दूसरी मंजिल पर, दूसरे बेटे और एक बेटी का शव उनके कमरों में मिला। लेकिन उनकी मां सही सलामत थी। इन सबके बीच घर में राजेंद्र नहीं थे। पुलिस मौके पर पहुंची जांच में जुटी। राजेंद्र गुप्ता की तलाश में उनके मोबाइल को ट्रेस किया गया तो लोकेशन रोहनिया के रामपुर लठिया में मिला। यह इलाका भदैनी से करीब 15 किमी दूर है। पुलिस रामपुर लठिया में एक मकान में पहुंची और राजेंद्र के शव को देखा। पुलिस का पहला अंदाजा खुदकुशी का था। लेकिन शरीर पर गोलियों के कई जगह निशान मिले लिहाजा तफ्तीश की दिशा बदल गई।

वाराणसी पुलिस के पास अब पांचों मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट है। रिपोर्ट के मुताबिक हत्याकांड में कुल 15 गोली का इस्तेमाल हुआ। राजेंद्र को कुल तीन गोली मारी गई थी। राजेंद्र की पत्नी को चार, बड़े बेटे को चार गोली, छोटे बेटे और बेटी को दो दो गोली मारी गई थी। पुलिस ने जैसे जैसे जांच आगे बढ़ाई तो शक की सूई भतीजों पर जा टिकी। राजेंद्र का एक भतीजा फरार और दूसरा पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस के मुताबिक करीब 32 साल पहले राजेंद्र के ऊपर अपने ही भाई को मारने का केस दर्ज हुआ और उस वक्त दोनों भतीजे छोटे थे। जब वो बड़े हुए तो बदला लेने की नीयत से कत्ल को अंजाम दे सकते हैं।

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