पश्चिम बंगाल में लेडी डॉक्टर के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी, रेजिडेंट डॉक्टरों के विरोध के बाद जागी पुलिस
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पश्चिम बंगाल में लेडी डॉक्टर के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी, रेजिडेंट डॉक्टरों के विरोध के बाद जागी पुलिस

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी लेडी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गयी. शरुआत में पुलिस इस मामले को आत्महत्या बता रही थी लेकिन डॉक्टरों के विरोध के बाद रेप और हत्या का मामला दर्ज किया गया


West Bengal Lady Doctor Murder and Rape case: पश्चिम बंगाल में कोलकाता के सरकारी मेडिकल कॉलेज की एक ट्रेनी डॉक्टर की कई बार दुष्कर्म करने के बाद बेरहमी से हत्या करने का मामला सामने आया है. इस वैशियाना हरकत से न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि पूरे देश के मेडिकल क्षेत्र में काफी रोष है. जिस तरह से पीड़िता के साथ वैशियाना हरकत की गयी उसे सुनकर हर किसी की रूह काँप जाए. पीड़िता के शरीर पर चेहरे से लेकर पैर तक चोट के निशाँन पाए गएँ हैं, मानों गिद्ध की तरह उसे नोंचा गया हो. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है.


शुक्रवार सुबह मिला था शव
कोलकाता के केजी कर मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार सुबह एक ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव मिला था. महिला डॉक्टर का शव अर्धनग्न अवस्था में था और शारीर पर कई जगहों पर खरोंच और घाव के निशाँन थें.

पुलिस ने पहले आत्महत्या बताया
पुलिस ने शुरुआत में इस मामले को आताम्हात्य बताते हुए सभी आरोपों को दर किनार करने की कोशिश की. लेकिन जब मेडिकल कॉलेज के तमाम सीनियर जूनियर डॉक्टरों ने इसका विरोध किया और हंगामा मचाया तो पुलिस को कहीं न कहीं अपनी इस थ्योरी से पीछे हटने को मजबूर होना पड़ा
.

शाम तक चला हंगामा
मेडिकल कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट की छात्र ट्रेनी डॉक्टर की मौत को लेकर दिन भर हंगामा चलता रहा. मृतका के साथी ये मानने को तैयार ही नहीं थे कि उसने आत्म हत्या की है, न ही मृतका के माता-पिता इस बात को मानने के लिए राजी थे. उनका कहना था कि वो डॉक्टर बनना चाहती थी और बन गयी थी. अब वो आगे की पढाई कर रही थी. उसे ऐसा कोई दुःख नहीं था कि वो आत्म हत्या करे. दूसरी बात ये कि उसके शरीर पर जिस तरह से चोट के निशाँन हैं और जो उसके शरीर पर अस्त व्यस्त कपडें थे, वो किसी घिनौनी घटना का इशारा कर रहे थे. फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ( FAIMA ) के संस्थापक और मुख्य सलाहकार डॉ मनीष जांगड़ा ने इस मामले को सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे देश में उठाया. उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार और वहां की मजबूत राजनितिक पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पर पोर मार्टम रिपोर्ट बदलवाने का प्रयास करने का आरोप भी लगाया और ये भी कहा कि अगर रेजिडेंट डॉक्टर एकत्र नहीं होते तो वहां की पुलिस और प्रशासन इस पूरे मामले को आत्महत्या का रूप दे देता.


पोस्टमोर्टर्म में हुई रेप और हत्या की पुष्टि
सूत्रों के अनुसार पीड़िता के शव का पोस्टमोर्टर्म के विडियो रिकॉर्डिंग भी करायी गयी. शुरूआती रिपोर्ट चार पन्नों की आई है, जिसमें इस बात की पुष्टि की गयी है कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया गया और उसके साथ दरिंदगी की गयी. सूत्रों का कहना है कि उसके साथ एक बार नहीं बल्कि एक से ज्यादा बार रेप किया गया. महिला एक गुप्तांग में चोट भी थी और काफी खून भी. इसके अलावा उसकी दोनों आंखों और मुंह से खून बह रहा था, चेहरे और नाखून पर चोट के निशान थे. उसके पेट, बाएं पैर, गर्दन, दाएं हाथ, अनामिका अंगुली और होंठों पर भी चोट के निशान थे. रिपोर्ट में ये भी इशारा किया गया है कि ये अपराध तडके 3 बजे से लेकर 6 बजे के बीच हुआ था. पीडिता की गर्दन भी टूटी हुई थी, यानी उसके साथ जितनी बर्बरता की जा सकती थी, वो की गयी.

शव पर दिख रहे घाव बयां कर रहे थे संघर्ष की कहानी
सूत्रों के अनुसार पीड़िता के शरीर पर इतने घाव थे कि हर कोई शं जाए. ऐसा प्रतीत होता है कि पीड़िता ने अपनी इज्जत बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया. दरिदगी करने वाले से लोहा लिया लेकिन वो खुद को बचा न सकीं. पुलिस का कहना है कि गर्दन जिस तरह से टूटी है, उससे ऐसा लगता है कि उसकी गर्दन को झटके से घोंटा या दबाया गया है.

आराम करने गयी थी लेकिन जीवित नहीं लौटी
पुलिस का कहना है कि मृतका मेडिकल कॉलेज में पीजी कोर्स में सेकंड इयर की छात्र थी. वो चेस्ट रोग चिकित्सा विभाग की छात्र थी. गुरूवार को उसकी नाईट ड्यूटी थी. रात को एक जूनियर डॉक्टर के साथ उसने खाना खाया और फिर बाद में वो सेमिनार हॉल में थोड़ी देर आराम करने चली गयी, लेकिन सुबह तक लौटी नहीं. बाद में उसका शव सेमिनार हॉल में अर्धनग्न और चोटिल अवस्था में मिली.

अस्थायी कर्मचारी को किया गया है गिरफ्तार
शुरुआत में आत्महत्या का मामला बताने वाली पुलिस ने अब ताला पुलिस थाने में हत्या और दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया है. इस मामले में पुलिस ने संदेह के आधार पर एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है, जिसका नाम संजय रॉय है. वो मेडिकल कॉलेज में अस्थायी कर्मचारी है.

एसआईटी का किया गठन
पुलिस के वरिष्ठ अधिकार ने ये भी बताया कि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया गया है. देखना ये है कि इस पूरे मामले में क्या सिर्फ एक ही व्यक्ति शामिल है या और भी लोग हैं.







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