दिल्ली के पंजाबी बाग़ में डेढ़ साल पहले बक्से में मिली थी किस महिला की लाश
डेढ़ साल पहले नाले में तैरते बक्से में मिला था महिला का शव दिल्ली पुलिस को नहीं पता चल पाया
किसकी हुई हत्या कौन है कातिल !
- पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग का मामला
- डेढ़ साल पहले नाले में तैरते सूटकेस में मिला था महिला का शव
- न महिला की पहचान हुई न हत्यारे का मिला सुराग
राजधानी दिल्ली में हत्या का एक ऐसा भी मामला है जिसमें बीते डेढ़ साल से पुलिस ना तो मरने वाली का पता लगा पाई है और न ही मारने वालों का। ये मामला एक महिला की हत्या का है, जिसके शव को हत्यारों ने सूटकेस में बंद कर एक गंदे नाले में बहा दिया था. कुछ लोगों ने जब बड़ा सा सूटकेस नाले में तैरता देखा तो शायद उन्हें उसमें कुछ कीमती चीज मिलने की उम्मीद लगी. इसी उम्मीद से उस सूटकेस को बाहर निकाला गया, लेकिन जब सूटकेस खुला तो सबके होश उड़ गए, क्योंकि उसके अंदर एक बोरी में महिला की सड़ी गली लाश थी.
क्या थी घटना
बात 7 दिसंबर 2022 की है. शाम का समय था. सर्दी की वजह से दिन जल्दी ही ढल चुका था. पंजाबी बाग के महात्मा गांधी कैंप के नजदीक नाले में एक बड़ा सा सूटकेस दिखा. लोगों ने जब सूटकेस को देखा तो उन्हें लगा कि शायद सूटकेस में कीमती या फिर जरूरत का समान हो सकता है. इसी उम्मीद में उन लोगों ने सूटकेस को नाले से बाहर निकाला. सूटकेस काफी भारी था, इससे उनकी उम्मीद और बढ़ गई. जब सूटकेस को खोला गया तो उसके अंदर एक बड़ा सा बोरा था. एक साइड से बोरे को जब काट कर देखा तो उसके अंदर से कुछ गुलाबी रंग का सा कपड़ा नजर आ रहा था. ये देखकर लोग घबरा गए क्योंकि उसके अंदर से दुर्गंध भी बहुत आ रही थी. उनके दिमाग में एक पोस्टर आया जो आसपास के इलाकों में लगा हुआ था. इसमें 7 साल की एक बच्ची की गुमशुदगी की जानकारी थी. उन लोगों को लगा कि शायद ये लाश उस बच्ची की हो सकती है, तुरंत ही मामले की जानकारी पुलिस को दे दी गई.
सूटकेस में निकली महिला की लाश
सूटकेस में शव होने की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और जब बोरा पूरी तरीके से खोला गया तो उसके अंदर सफेद रंग की एक पॉलिथीन थी, जिसके अंदर एक शव था. जब शव को बाहर निकाला गया तो बो बुरी तरह से सड़ चुका था. चेहरा पहचानने लायक नहीं बचा था और शव एक महिला का था, जिसकी उम्र लगभग 25 से 30 वर्ष के आसपास रही होगी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सुरक्षित रखवाया. इसके बाद पुलिस उस महिला की पहचान में जुट गई.
सीसीटीवी खंगाले
शव की पहचान के लिए पंजाबी बाग थाने के साथ-साथ वेस्ट जिला पुलिस की कई टीम जुट गई. एक टीम को नाले के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के लिए लगाया गया, ताकि पता चल सके कि आखिर नाले में सूटकेस किसने और कब डाला. पुलिस ने आसपास काफी प्रयास करते हुए कुछ सीसीटीवी फुटेज खंगाली लेकिन पुलिस को कहीं भी कोई ऐसा सुराग नहीं मिला, जिसमें ये देखा जा सके कि आखिर वो सूटकेस किसने और कब नाले में डाला.
मिसिंग पर्सन की लिस्ट से भी नहीं मिला कोई सुराग
पुलिस की एक टीम मिसिंग पर्सन की लिस्ट खंगालने में जुट गई. ना केवल वेस्ट जिला की, बल्कि तमाम दिल्ली और आसपास के राज्यों से लापता हुए लोगों की लिस्ट को चेक किया गया, क्योंकि शव का हुलिया पहचानने लायक नहीं था, लेकिन उसके ऊपर जो कपड़े थे उनकी मदद से पहचान करने का प्रयास किया गया. परंतु पुलिस को इस एक्सरसाइज से भी कोई लाभ नहीं मिला.
लावारिस में कराया गया पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार
पुलिस ने लगभग 10 से 15 दिनों तक शव को मोर्चरी में ही सुरक्षित रखवाया, लेकिन जब उसकी पहचान नहीं हो पाई तो लावारिस में ही उस शव का पोस्टमार्टम कराया गया. इसके बाद उसका संस्कार भी लावारिस में ही किया गया. दिल्ली पुलिस की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर किसी शव की सही शिनाख्त नहीं हो पाती है, तो नियमानुसार 72 घंटे तक उस शव को सुरक्षित रखा जाता है. इसके बाद उसे शव का पोस्टमार्टम कराया जा सकता है और फिर संस्कार भी.
गला घोंट कर की गई थी हत्या
पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि महिला की हत्या गला घोंट कर की गई थी. इसके अलावा ये भी बताया गया कि उस महिला के साथ किसी भी प्रकार का यौन उत्पीड़न नहीं किया गया था.
शव के कपड़े रखे सुरक्षित उसी से पहचान होने की उम्मीद
वेस्ट जिला के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शव पर पीले रंग के प्रिंटेड कपड़े का सूट था. इसको सुरक्षित रख लिया गया. साथ-साथ ज़िपनेट, जो एक वेबसाइट है और उस वेबसाइट में अज्ञात शवों की जानकारी भी अपलोड की जाती है. उस वेबसाइट पर दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों की पुलिस भी जुड़ी हुई है. इस अज्ञात शव की जानकारी और उसके कपड़े आदि की जानकारी भी ज़िपनेट पर अपलोड कर दी गई है, ताकि शव की शिनाख्त हो सके.