तो इसलिए नहीं हुआ दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आप का गठबंधन
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कांग्रेस को कमजोर करके भाजपा से नहीं लड़ा जा सकता। केजरीवाल देशद्रोही हैं। आम आदमी पार्टी को जिताना यानी भाजपा की मदद करना।
Delhi Assembly Election 2025 : कांग्रेस के कोषाध्यक्ष व वरिष्ठ नेता अजय माकन ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन न होने को लेकर खुलासा किया है। अजय माकन ने ये खुलासा सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'X' पर एक पोस्ट लिखते हुए किया है, जिसमें उन्होंने ये भी साफ़ कहा है कि कांग्रेस को कमजोर करके भाजपा से नहीं लड़ा जा सकता।
माकन ने एक बार फिर से 2013 में हुए आप और कांग्रेस के गठबंधन को भूल बताया और कहा, "मुझे ये भी लगता है कि 2013 में कांग्रेस द्वारा आप (AAP) को समर्थन नहीं देना चाहिए था और न ही 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कोई गठबंधन होना चाहिए था। लेकिन यह मेरी व्यक्तिगत राय है"।
"कांग्रेस को कमजोर करके भाजपा से नहीं लड़ा जा सकता," : अजय माकन
— Ajay Maken (@ajaymaken) January 18, 2025
माकन ने कहा, "मुझे यह भी लगता है कि 2013 में कांग्रेस द्वारा आप (AAP) को समर्थन नहीं देना चाहिए था और न ही 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कोई गठबंधन होना चाहिए। लेकिन यह मेरी व्यक्तिगत राय है," अखिल भारतीय कांग्रेस… pic.twitter.com/oRppsMj57V
अजय माकन ने केजरीवाल को बताया राष्ट्रविरोधी
अजय माकन ने स्पष्ट किया कि वे अपनी पहले की टिप्पणी पर अब भी कायम हैं। उन्होंने पहले कहा था कि केजरीवाल "राष्ट्र-विरोधी" हैं और राजधानी में आप (AAP) का मजबूत होना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ही फायदा पहुंचाता है।
जब उनसे केजरीवाल के खिलाफ "राष्ट्र-विरोधी" टिप्पणी पर सवाल किया गया, तो माकन ने कहा, "मैंने अपनी व्यक्तिगत राय दी थी और मैं अब भी उस पर कायम हूं।"
माकन ने कहा कि 2013 में आम आदमी पार्टी (AAP) को कांग्रेस के समर्थन और 2024 में केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठबंधन के कारण दिल्ली की जनता को नुकसान उठाना पड़ा।
"जब दिल्ली की जनता को नुकसान हुआ, तो भाजपा को फायदा हुआ।" उन्होंने कहा।
केजरीवाल को बढ़ावा देना मतलब भाजपा की मदद करना
अजय माकन ने कहा, "मुझे लगता है कि दिल्ली में केजरीवाल को बढ़ावा देना भाजपा को मदद करता है। भाजपा से लड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का मजबूत होना बेहद जरूरी है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत नहीं है, तो भाजपा के खिलाफ लड़ाई कठिन हो जाएगी।
"कांग्रेस को कमजोर करके भाजपा से नहीं लड़ा जा सकता," उन्होंने स्पष्ट किया।
दिल्ली देश की राजधानी होने के नाते काफी महत्वपूर्ण है
दिल्ली को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य करार देते हुए माकन ने कहा कि यह सर्वविदित है कि जो भी पार्टी राजधानी की लोकसभा सीटें जीतती है, वही केंद्र में सरकार बनाने में सफल होती है।
"आप (AAP) दिल्ली में भाजपा के खिलाफ लड़ने में पूरी तरह विफल रही है,"। कारण है कि लोकसभा चुनाव में आप दिल्ली में हारती रही है।
केजरीवाल ने नहीं होने दिया हरियाणा में गठबन्धन
माकन के अनुसार हरियाणा और दिल्ली दोनों में कांग्रेस आप (AAP) के साथ गठबंधन करना चाहती थी। लेकिन जेल से बाहर आने के तुरंत बाद केजरीवाल ने खुद घोषणा की कि उनकी पार्टी हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि "हम गठबंधन पर चर्चा के उन्नत चरण में थे।"
माकन ने कहा, "जहाँ तक दिल्ली का सवाल है, केजरीवाल ने खुद लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद घोषणा की कि वे दिल्ली का चुनाव अकेले लड़ेंगे।"
माकन ने कहा कि जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी, जिसे मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने नेतृत्व दिया, तब पार्टी ने राजधानी की सभी सात लोकसभा सीटें जीतीं और भाजपा को यहाँ पराजित किया। उन्होंने कहा, "दिल्ली में उन्हें रोककर, हमने उन्हें केंद्र में सत्ता में आने से भी रोका क्योंकि जो भी दिल्ली की लोकसभा सीटें जीतता है, वही राष्ट्रीय स्तर पर सरकार बनाता है।"
"लेकिन जब से आप (AAP) दिल्ली में सत्ता में आई है, स्थिति उलट गई है।
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