
केजरीवाल,सिसोदिया- जैन के गले में हार की माला,क्या है तिहाड़ कनेक्शन?
दिल्ली चुनाव में जनता ने आप के उन नेताओं को नकार दिया है जिन पर करप्शन के गंभीर आरोप लगे थे और तिहाड़ जेल जाना पड़ा था। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया-सत्येंद्र जैन का नाम खास है।
Delhi Election Result 2025: 12 साल पहले दिल्ली की राजनीति में एक नई पार्टी का उदय होता है, नाम आम आदमी पार्टी। चुनावी राजनीति में वो दल हिस्सा लेती है। लेकिन सरकार बनाते समय अपने सिद्धांतों को ताक पर रख देती है। उस कांग्रेस पार्टी के समर्थन से सरकार बनाती है जिसके नेताओं को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पानी पीकर गाली देती थी। आप के संस्थापक सदस्य अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया कहा करते थे कि करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस। लेकिन जब भ्रष्टाचार का आरोप लगा और तिहाड़ जेल तक जाना पड़ा तो सुर बदल गए। तिहाड़ के अंदर से सरकार चलाने की बात करने लगे। लेकिन 2025 के चुनाव में दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी के उन तीनों दिग्गजों को हरा दिया है जो तिहाड़ का दर्शन कर चुके थे।
- अरविंद केजरीवाल को बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने करीब चार हजार वोट से हरा दिया।
- मनीष सिसोदिया को बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह ने 675 वोट से मात दी।
- शकूरबस्ती से सत्येंद्र जैन को बीजेपी के करनैल सिंह ने 20 हजार वोटों से हरा दिया।
इस तिकड़ी में भ्रष्टाचार के मामले में सबसे पहले सत्येंद्र जैन को तिहाड़ का सामना करना पड़ा। उसके बाद मनीष सिसोदिया और खुद आप के संस्थापक अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जाना पड़ा। अब सियासी चेहरों का जेल से कनेक्शन कोई नई बात नहीं है। लेकिन अगर किसी को उन संगीन मुद्दों पर जेल जाना पड़ा जिसके खिलाफ वो तकरीर करता है तो उसे आसानी से पचाया नहीं जा सकता।
आप को याद होगा कि आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य कहा करते थे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जन लोकपाल एक बड़ा हथियार था। लेकिन आम आदमी के नेता उसे भूल गए। इससे भी बड़ी बात कि भ्रष्टाचार के मामले में दूसरों का इस्तीफा मांगने वाले केजरीवाल यह कहने लगे कि जेल गए तो क्या हुआ। सरकार तो जेल से ही चलाएंगे। हालांकि अपने विरोधियों पर इस तरह के आरोप लगने के बाद सीधे इस्तीफे की मांग करने लगते थे।
जानकार कहते हैं कि 2020- 25 के दौरान आम आदमी पार्टी के खिलाफ संगीन आरोप लगे। अब इन आरोपों को लेकर जिस तरह से इसके शीर्ष नेताओं की टिप्पणी आया करती थी उसमें विपक्ष को मौका मिला और उसका असर यह हुआ कि विपक्षी दल खासतौर से बीजेपी ने आप के खिलाफ जनमत तैयार करने में जमकर ऊर्जा लगाई और उसका नतीजा सबके सामने है।