दिल्ली में कांग्रेस के संग नहीं, एक बार फिर बोले अरविंद केजरीवाल
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दिल्ली में कांग्रेस के संग नहीं, एक बार फिर बोले अरविंद केजरीवाल

AAP Congress Alliance News: आप के संयोजक का दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। आखिर इसके पीछे वजह क्या है।


Delhi Assembly Election 2025: आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (11 दिसंबर) को दोहराया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। उन्होंने उन खबरों को खारिज कर दिया जिनमें दोनों दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना जताई गई थी।एक्स पर एक पोस्ट में केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) दिल्ली में अपने बल पर चुनाव लड़ेगी।दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की कोई संभावना नहीं है।"उनकी यह प्रतिक्रिया मीडिया में आई उन खबरों के बीच आई है जिनमें कहा गया है कि दोनों पार्टियों के बीच फरवरी में होने वाले 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन होने की संभावना है।इस महीने की शुरुआत में भी केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव के लिए आप और कांग्रेस (Congress) के बीच गठबंधन की संभावना से इनकार किया था।

घटना से अफवाहों को बल मिला

हाल ही में दोनों भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (Indi Alliance) साझेदारों के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा तब शुरू हुई जब बुधवार को कांग्रेस द्वारा आयोजित 'न्याय चौपाल' (Congress Nyay Chaupal) कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया, जिसमें पार्टी नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को भाग लेना था।यह कार्यक्रम विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली कांग्रेस द्वारा दिल्ली भर में निकाली गई "न्याय यात्रा" के समापन के रूप में आयोजित किया जाना था।

इसके अलावा, केजरीवाल ने मंगलवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात की, जबकि कांग्रेस के अंदर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को राजनीतिक समूह का प्रमुख नियुक्त करने की मांग उठ रही है। वर्तमान में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस राजनीतिक समूह के अध्यक्ष हैं।हालाँकि, अभी तक न तो केजरीवाल और न ही आप ने बैठक में हुई चर्चा पर कोई टिप्पणी की है।सूत्रों ने बताया कि इन घटनाक्रमों को इस प्रकार देखा जा रहा है कि कांग्रेस और आप आगामी दिल्ली चुनावों के मद्देनजर सावधानी से कदम उठा रहे हैं, ताकि भविष्य के विकल्प खुले रहें।

कोई सीट-बंटवारा नहीं

इस साल की शुरुआत में दिल्ली में आप और कांग्रेस ने मिलकर (AAP Congress Alliance in Lok Sabha) लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा के खिलाफ सभी सात सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, अक्टूबर में हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कई दौर की बातचीत के बावजूद वे सीट बंटवारे पर सहमति बनाने में विफल रहे।आप ने अब तक अपने कुल 31 उम्मीदवारों की दो सूचियां जारी कर दी हैं। शेष उम्मीदवारों की सूची भी जल्द ही आने की उम्मीद है।1998 से दिल्ली की सत्ता से बाहर भाजपा, आप से सत्ता छीनने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में आप ने क्रमशः 67 और 62 सीटें जीती थीं और भाजपा (BJP) ने क्रमशः तीन और आठ सीटें जीती थीं। कांग्रेस (Congress) एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।

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