बीजेपी की सत्ता में 27 साल बाद वापसी, दिल्ली के लोगों के लिए है क्यों शुभ संकेत?
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बीजेपी की सत्ता में 27 साल बाद वापसी, दिल्ली के लोगों के लिए है क्यों शुभ संकेत?

Delhi election: 8 फरवरी को आए नतीजे दिखाते हैं कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ा है.


Delhi election result: 8 फरवरी यानी कि शनिवार का दिन बीजेपी (BJP) के लिए खुशखबरी लेकर आया है. क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए हुई मतगणना में बीजेपी (BJP) ने 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है. ऐसे में यह खबर राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के लिए भी अच्छी साबित हो सकती है. क्योंकि पिछले 10 साल से केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव के चलते दिल्ली में विकास के कार्यों पर काफी असर पड़ा था और कहीं न कहीं इसका खामियाजा दिल्ली के लोगों को भुगतना पड़ा था. ऐसे में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डबल-इंजन सरकार का वादा अगले पांच वर्षों तक दिल्ली के विकास तेजी लाएगी.

8 फरवरी को आए नतीजे स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) को गंभीर विरोधी-इनकंबेंसी का सामना करना पड़ा है. इस पार्टी को चुनाव में करीब 15 फीसदी वोट शेयर का नुकसान उठाना पड़ा है. दिल्ली में आप की हार का राजनीतिक असर पंजाब में होगा. जो एकमात्र राज्य है, जहां पार्टी सत्ता में है. क्योंकि अब चुनावी ताकत मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर बढ़ेगी.

बता दें कि पूर्व दिल्ली सीएम केजरीवाल ने नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के प्रवेश वर्मा से हार का सामना किया. शीर्ष आप नेताओं में मनीष सिसोदिया जंगपुरा में हार गए. जबकि वरिष्ठ मंत्री सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश में हार गए.

वहीं, बीजेपी (BJP) की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया कि विकास जीता, अच्छी सरकार जीती. दिल्ली के मेरे सभी भाई-बहनों को ऐतिहासिक जीत देने के लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं. मैं दिल से आपको दिए गए अपार आशीर्वाद और प्यार के लिए बहुत आभारी हूं. हम यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कि दिल्ली का समग्र विकास हो और उसके लोगों का जीवन बेहतर हो. इसके साथ ही, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली एक विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए.

भाजपा (BJP) की जीत के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि दिल्लीवासियों को इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे. क्योंकि किसी भी राज्य सरकार के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ काम करना मुश्किल होता है. राजधानी में कई तरह की अथॉरिटीज हैं. जैसे कि कानून व्यवस्था, भूमि और सेवाएं केंद्रीय सरकार के पास हैं, वहीं, एक अलग नगर निगम भी है. दिल्ली पुलिस और NDMC गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती है. जबकि DDA शहरी विकास मंत्रालय को और दिल्ली के उपराज्यपाल को दिल्ली का प्रशासक नियुक्त किया गया है.

दिल्ली में प्राधिकरणों की कई परतों की वजह से NDMC सीमा के बाहर शहर को बुरी तरह नुकसान हुआ है. जैसे कि कचरा प्रबंधन, पीने का पानी और बिजली आपूर्ति के मुद्दे. विपक्षी पार्टियों के आरोप थे कि आप के कार्यकाल में अवैध अप्रवासी, जैसे कि बांगलादेशी और रोहिंग्या का भारी प्रवास हुआ.

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा (BJP) के लिए, दिल्ली का परिणाम राष्ट्रीय राजधानी को प्रदर्शित करने का एक अवसर होगा. जहां इंफ्रास्ट्रक्चर और नागरिक सुविधाओं में सुधार किया जाएगा और सभी निकायों को जवाबदेह बनाया जाएगा.

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