आयुष्मान से परहेज संजीवनी से प्यार, क्या यह है AAP की चुनाव जीतने की कवायद
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आयुष्मान से परहेज संजीवनी से प्यार, क्या यह है AAP की चुनाव जीतने की कवायद

Delhi Assembly Election 2025: ऑटो ड्राइवर और महिलाओं के बाद अब आम आदमी पार्टी की सरकार ने बुजर्गों के लिए भी कुछ बड़े ऐलान किए हैं।


AAP Sanjeevani Scheme for Elder: दिल्ली विधानसभा के लिए चुनावी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार तोहफों की बारिश कर रही है। ऑटो ड्राइवरों (Schemes for Delhi Auto Drivers)को खुश करने की कवायद के बीच आतिशी सरकार ने महिला सम्मान योजना (Mahila Samman Yojna) के तहत 2100 रुपए हर महीने देने का फैसला किया है। वहीं अब बुजुर्गों के लिए भी कुछ खास ऐलान किए गए हैं। महिला सम्मान योजना का ऐलान दिल्ली की सीएम आतिशी की जगह आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने किया था। ठीक वैसे ही संजीवनी योजना का ऐलान भी अरविंद केजरीवाल ने किया। क्या इस योजना को आयुष्मान योजना की काट के रूप में पेश किया गया है। क्या इसे दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार के बाद लाया गया है। क्या इसके जरिए 2025 के चुनाव को जीतने की मंशा है। उससे पहले संजीवनी योजना में क्या खास है उसे समझिए।

संजीवनी योजना (Sanjeevani Scheme) के तहत बुजुर्गों का इलाज किया जाएगा। इस योजना में 60 साल से ऊपर के लोगों को बुजुर्ग के दायरे में रखा गया। इलाज सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों (Free Treatment in Government Private Hospital) में मुफ्त होंगे। यानी कि इलाज के लिए एक भी पैसे खर्च नहीं करने होगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार समाज के उस वर्ग को लेकर फिक्रमंद है जिसे सबसे अधिक जरूरत महसूस होती है।

हालांकि सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार दिल्ली खुद को बुजुर्गों का शुभचिंतक बताती है उसने केंद्र का आयुष्मान योजना क्यों नहीं लागू की। जब इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court on Ayushman Yojna) में याचिका लगाई गई और अदालत ने कुछ तीखे सवाल किये तो आप की सरकार नींद से जागी। दिल्ली हाइकोर्ट ने सीधे सीधे सवाल किया कि आखिर आयुष्मान योजना क्यों नहीं लागू की गई। क्या दिल्ली भारत का हिस्सा नहीं, क्या दिल्ली भारत के बाहर है। इन टिप्पणियों के साथ जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया।

सियासत पर नजर रखने वाले कहते हैं कि इस फैसले को आप को बुजुर्गों की चिंता से अधिक चुनावी कवायद के तौर पर देखनी चाहिए। अगर केजरीवाल (Arvind Kejriwal) या आप की सरकार को बुजुर्गों की इतनी फिक्र रही होती तो इस योजना को पांच साल पहले भी लागू किया जा सकता था। अगर यह स्कीम नहीं तो आयुष्मान योजना (Ayushman Yojna) को लागू कर सकते थे। सियासी दलों को लगता है कि चुनाव से ऐन पहले इस तरह की लोकलुभावन योजना से फायदा होगा। लेकिन देखा यह जा रहा है कि इस तरह की बातें अब बहुत असर नहीं करतीं जब तक कि वो जमीन पर नजर ना आए। शायद इसी लिए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप कार्यकर्ता सभी घरों में जाएंगे और पात्र बुजुर्गों का रजिस्ट्रेशन करेंगे।


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