अब सोशल मीडिया बना बड़ा हथियार, दिल्ली चुनाव में कोई भी दल पीछे नहीं
Delhi Election 2025: अब चुनावी प्रचार के तरीकों में भी बदलाव आया है। दिल्ली असेंबली चुनाव के लिए आप,बीजेपी और कांग्रेस तीनों सोशल मीडिया की जमकर मदद ले रहे हैं।
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 बेहद दिलचस्प रहने वाला है। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party), बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के नेता जहां जुबानी जंग लड़ रहे हैं। बयानों के जरिए एक दूसरे की पोल खोल रहे है। तथ्यों और तर्कों के आधार पर एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया (Social Media Campaign) पर यानी एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर भी जंग लड़ी जा रही है। खास बात यह कि एआई का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। तीनों दल एआई की मदद से चुटीले अंदाज में प्रचार कर रहे हैं यह बात अलग है कि प्रचार का अंदाज विवादों में भी घर रहा है।
आपको याद होगा संसद में संविधान (Constitution Debate) के 75 साल होने पर खास बहस हुई थी। उस बहस में सभी सियासी दलों ने अपने नजरिए को पेश किया। लेकिन गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के बयान पर विवाद बढ़ गया और उसे भुनाने की कोशिश में राजनीतिक दल जुट गए। आम आदमी पार्टी ने एआई की मदद से एक तस्वीर डाली जिसमें भीमराव अंबेडकर को आप संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal)को आशीर्वाद देते हुए दिखाया गया था। उस वीडियो में केजरीवाल खुद को अंबेडकर का अनुयायी बताते हुए कहते हैं कि बाबा साहेब उन्हें शक्ति दें ताकि वो उन लोगों से लड़ सकें जिन्होंने संविधान का अपमान किया है।
आम आदमी पार्टी के संयोजक ने जब अपने आपको इस अंदाज में पेश किया तो बीजेपी भी पीछे नहीं रही। वेब सीरीज पंचायत की कुछ तस्वीरों की मदद से यह बताने की कोशिश करते हुए नजर आए कि आप के लोग और उनकी सरकार धोखाधड़ी के अलावा दूसरा काम किया ही नहीं है।
जब आम आदमी पार्टी की तरफ से अरविंद केजरीवाल को आशीर्वाद देते दिखाया गया तो बीजेपी ने पंचायत वेबसीरीज के कैरेक्टर बिनोद के डॉयलॉग ई तो गजबे फ्रॉड हो रहा का इस्तेमाल किया गया। बीजेपी ने यह बताने की कोशिश की आप ने आज तक दिल्ली की जनता के साथ सिर्फ धोखाधड़ी ही तो की है। आम आदमी पार्टी ने जब पुरानी ग्रंथी स्कीम के तहत 18 हजार रुपए सम्मान राशि देने की बात की तो एआई से बनी तस्वीर के माध्यम से बीजेपी ने इसे केजरीवाल का एक और जुमला करार दिया। इस समय सोशल मीडिया पर तीनों दल लेकिन खासतौर से बीजेपी और आम एआई के किसी भी विधा का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। उदाहरण के लिए कांग्रेस ने नायक फिल्म का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है।
लेकिन क्या एआई की मदद से प्रचार अभियान दोधारी तलवार की तरह है। इस विषय पर जानकार कहते हैं कि देखिए बदलते समय के साथ चुनावी प्रचार के तरीकों में बदलाव आया है। पहले जब लाउडस्पीकर नहीं होते थे तो नेता छोटी छोटी सभाओं को संबोधित करते थे। लेकिन जैसे जैसे समय बदला प्रचार को आधुनिकता की तरफ मोड़ा गया। ठीक वैसे ही बदलते वक्त के साथ प्रचार के तरीकों में कुछ नई बातें जोड़ी गई हैं। लेकिन यह देखा जा रहा है कि इसके जरिए दुष्प्रचार भी हो रहा है। इस तरह के साधनों से राजनीतिक दल बेहद कम समय में मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं। लेकिन भ्रामक तथ्य या बयानों की भी कमी नहीं है।