केजरीवाल का अब किसान राग, पुराने तीन कृषि कानून क्यों किया जिक्र
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केजरीवाल का अब किसान राग, पुराने तीन कृषि कानून क्यों किया जिक्र

किसानों की दयनीय स्थिति पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने सीएम आतिशी को चिट्ठी लिखी है। लेकिन पुराने कृषि कानून की याद दिला अरविंद केजरीवाल ने निशाना साधा है।


Delhi Assembly Election 2025: सियासी या किसी लड़ाई में 100 फीसद पुख्ता जीत के लिए खुद का मजबूत और विरोधी पक्ष का कमजोर होना जरूरी होता है। खासतौर से सियासत में जहां कुर्सी पर हक का फैसला जनता बैलट के जरिए करती है वहां वोटर्स के नजर और नजरिए का मतलब बढ़ जाता है। दिल्ली विधानसभा 2025 में जीत दर्ज करने के लिए आम आदमी पार्टी, बीजेपी, कांग्रेस तीनों दल जोरशोर से जुट चुके हैं और उसे आप आरोप-प्रत्यारोप में देख सकते हैं। हर एक दिन अलग आरोप। दिल्ली में किसानों के मुद्दे पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shiv Raj Singh Chouhan) ने सीएम आतिशी (Delhi CM Atishi) को चिट्ठी लिखी है तो अरविंद केजरीवाल ने पुराने तीन कृषि कानूनों (Old Three Farm Laws) का जिक्र कर दिया और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगा दिए। लेकिन सवाल यह है कि इसके पीछे की मंशा क्या है।

शिवराज सिंह ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि दिल्ली की सरकार ने किसानों के मुद्दे पर उचित निर्णय नहीं लिए। केंद्र सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने से रोका। आप की सरकार में संवेदना नहीं है। दिल्ली के किसान परेशान हैं। पहले भी पत्र लिखा गया था। लेकिन चिंता की बात यह है कि आप की सरकार ने ध्यान ही नहीं दिया।


अब इस खत के जवाब में सीएम आतिशी (Delhi CM Atishi) ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि किसानों का जितना बुरा हाल बीजेपी (BJP) के शासन में हुआ उतना तो कभी हुआ ही नहीं। पंजाब में किसान आंदोलन कर रहे हैं, पहले आप मोदी जी से उनसे बात करने के लिए कहिए। किसानों के साथ राजनीति ना करें।अब जब सीएम आतिशी ने शिवराज सिंह चौहान को तल्ख जवाब दिया तो आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने पुराने तीन कृषि कानूनों की याद दिला दी।

पंजाब (Punjab Farmers Protest) में किसान कई दिनों से धरने और अनिश्चित अनशन पर बैठे हैं। इनकी वही मांगे हैं जो केंद्र सरकार ने तीन साल पहले मान ली थी लेकिन अभी तक लागू नहीं की। बीजेपी सरकार अब अपने वादे से मुकर गई। बीजेपी सरकार किसानों से बात तक नहीं कर रही। उनसे बात तो करो। हमारे ही देश के किसान हैं। बीजेपी को इतना ज़्यादा अहंकार क्यों है कि किसी से बात भी नहीं करते?पंजाब में जो किसान अनिश्चित अनशन पर बैठे हैं, भगवान उन्हें सलामत रखें लेकिन यदि उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए बीजेपी ज़िम्मेदार होगी।


देशभर के किसानों की जानकारी के लिए मैं बता दूँ कि जो तीन काले क़ानून केंद्र ने तीन साल पहले किसानों के आंदोलन की वजह से वापिस लिए थे, उन्हें “पालिसी” कहकर केंद्र सरकार पिछले दरवाज़े से दोबारा लागू करने की तैयारी कर रही है। इस पालिसी की कॉपी उनके विचार जानने के लिए केंद्र ने सभी राज्यों को भेजी है। यानी कि दिल्ली चुनाव के आते ही किसानों के मुद्दे पर बयानबाजी तेज हो गई है।

दरअसल दिल्ली में कुल सत्तर विधानसभाएं (Delhi 70 assembly Seats) हैं। हरियाणा की सीमा से लगने वाली सीटों खासतौर से पश्चिमी ,उत्तर पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में ग्रामीण आबादी अधिक है, खासतौर से जाट समाज की संख्या अधिक है। इन लोगों का नाता खेती से है ऐसे में बीजेपी हो या आप या कांग्रेस तीनों दलों को लगता है कि एक एक सीट की लड़ाई में कहीं पिछड़ ना जाएं। लिहाजा कृषि कानूनों का राग अलाप कर अरविंद केजरीवाल दिल्ली के किसान समाज को यह संदेश देना चाहते हैं कि एक बार केंद्र की मोदी सरकार बैकडोर से तीन कृषि कानून लाकर आपके भविष्य को बर्बाद करने वाली है। और इसके जरिए सियासी फसस काटने की तैयारी है।

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