AAP के लिए राह आसान नहीं, बीजेपी की पहली लिस्ट में क्या है खास?
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AAP के लिए राह आसान नहीं, बीजेपी की पहली लिस्ट में क्या है खास?

AAP के दिग्गज उम्मीदवारों के सामने बीजेपी ने बड़े चेहरों को उतारा है। इसके जरिए पार्टी ने इरादा साफ कर दिया है कि पूरे दमखम के साथ चुनावी लड़ाई का हिस्सा बनेंगे।


Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 तीनों दलों आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party), बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के लिए अहम है। आप को हैट्रिक लगाने का मौका तो बीजेपी और कांग्रेस को हार का सूखा खत्म करने की चुनौती। क्या आम आदमी पार्टी एक बार फिर सरकार बना पाएगी। क्या 27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी का कमल खिलेगा। क्या कांग्रेस 2015 और 2020 के शून्य सीट के रिकॉर्ड से आगे बढ़ पाएगी। इन सभी सवालों के जवाब का इंतजार क्या आम क्या खास हर किसी को है। आम पार्टी ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं तो कांग्रेस की तरफ 48 और बीजेपी की तरफ से 29 उम्मीदवारों के चेहरे सामने आ चुके हैं। अगर तीनों दलों के उम्मीदवारों की सूची देखें तो जीत को ही पैमाना मान फैसला लिया है। यानी कि दलबदलुओं से किसी को ऐतराज नहीं है।

बीजेपी की लिस्ट को देखें तो पूर्व सांसद, पार्षद,पूर्व पार्षद लेकिन मजबूत चेहरा, दूसर दलों से आए लोगों को टिकट देने से परहेज नहीं किया है। यानी जीत की संभावना ही उम्मीदवारों के चयन का आधार बनाया है। अपने सात विधायकों में चार विधायकों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा है। विजेंद्र गुप्ता (Vijendra Gupta), ओमप्रकाश शर्मा (Om Prakash Sharma), जितेंद्र महाजन और अजय महावर पर भरोसा जताया है। इसके साथ अरविंदर सिंह लवली (कांग्रेस से रहा है नाता), राजकुमार आनंज, कैलाश गहलोत, करतार सिंह तंवर, राजकुमार चौहान, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल तरविंदर सिंह मारवाह और कुमारी रिंकू पर भरोसा किया है। बीजेपी की लिस्ट पर आप ने तंज कसते हुए कहा था कि थके हारों को मौका मिला है। लेकिन बीजेपी (BJP Candidate List के मुताबिक हमारे 29 उम्मीदवारों की सूची में जोश, अनुभव का शानदार मेल है।

बीजेपी की क्या है रणनीति

जानकारों का कहना है कि बीजेपी की रणनीति को आप इन तीन सीटों से समझ सकते हैं। नई दिल्ली सीट पर आप के संयोजक चौथी बार ताल ठोंक रहे हैं और उनके खिलाफ प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma) को टिकट मिला है। प्रवेश वर्मा खुद सांसद रहे हैं और उनके परिवार की विरासत रही है, दिल्ली के युवाओं में वो लोकप्रिय हैं, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की नीतियों की पूरजोर मुखालफत करते रहे हैं। मजबूत उम्मीदवार के जरिए बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल को बांधने की कोशिश की है कि उनके लिए दूसरी विधानसभाओं में प्रचार का मौका कम मिले।

इसके साथ ही अगर बात आप कालका जी विधानसभा की करें तो यहां से एक और पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को मौका दिया है। रमेश बिधूड़ी (Ramesh Bidhuri)) का दक्षिण दिल्ली की राजनीति में नाम है। उनकी जमीनी पकड़ है जिसे उनके विरोधी भी स्वीकार करते हैं। ऐसे में सीएम आतिशी (Delhi CM Atishi) के लिए भी वही चुनौती है जो अरविंद केजरीवाल के सामने हैं।

इसी तरह अगर आप बाच जंगपुरा (Jangpura Assembly Consituency) की करें तो यहां से दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के सामने तरविंदर सिंह मारवाह को बीजेपी ने टिकट दिया। तरविंदर सिंह का नाता वैसे कांग्रेस से रहा। लेकिन हाल ही में वो भगवा पार्टी के हिस्सा बने।

जंगपुरा विधानसभा में सिख और मुस्लिम समाज की बहुलता है। इस सीट से कांग्रेस ने फरहाद सूरी को टिकट दिया है यानी कि दोनों दलों ने पूरजोर घेरेबंदी की। अगर अरविंद केजरीवाल, आतिशी और मनीष सिसोदिया को दूसरी सीटों पर प्रचार करने का मौका कम मिलेगा तो निश्चित तौर पर उसका असर कार्यकर्ताओं के मनोबल पर पड़ता है और उस मनोबल पर लगातार चोट करने का निर्णय बीजेपी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए (Delhi Assembly Election 2025) कारगर नजर आ रहा है।

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