बीजेपी को AAP को हराने का यकीन, लेकिन कांग्रेस पर क्यों टिकी है नजर
कहावत है कि कोई जरूरी नहीं कि आप मजबूत हैं तो मैदान फतह कर लेंगे। आपके विरोधी का कमजोर होना भी जरूरी है। दिल्ली विधानसभा 2025 का चुनाव दिलचस्प हो चला है।
Delhi Election 2025: 5 फरवरी को दिल्ली में राजनीतिक दलों की चुनावी परीक्षा है। करीब डेढ़ करोड़ मतदाता ईवीएम में इन दलों की किस्मत को कैद कर देंगे। आठ फरवरी को नतीजों के आने के बाद यह साफ हो जाएगा कि दिल्ली किसकी। यानी दिल्ली के लोगों ने अगले पांच साल के लिए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party), बीजेपी (BJP) या कांग्रेस (Congress) किसे अपना रहनुमा चुना है। 2025 का चुनाव कई मायनों में अहम है, आप के सामने हैट्रिक लगाने की चुनौती को बीजेपी के सामने 27 साल और कांग्रेस के पास 12 साल का सूखा खत्म करने का मौका है। सत्ता की गणित देखें तो जो दल 36 के आंकड़े को हासिल करेगा सरकार बना लेगा।
36 के जादुई आंकड़े के लिए लड़ाई
अब इसी 36 के आंकड़े के लिए तीनों दल एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। दिल्ली की जनता को बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके बारे में कौन सोचता है। बीजेपी के थिंक टैंक का मानना है कि इस दफा माहौल बदला हुआ है और वो 1993 जैसे नतीजों की उम्मीद कर सकते हैं तो कांग्रेस 2013 से पहले वाले दौर में खुद को ले जाने के लिए जमीन आसमान एक किए हुए है, वहीं आम आदमी पार्टी को यकीन है कि उसकी रेवड़ियां 2025 में भी कमाल करेंगी। उससे पहले तीनों दलों में कितने फीसद लोगों ने भरोसा जताया। बीजेपी को खुद के अभियान पर भरोसा तो है लेकिन कांग्रेस के प्रदर्शन पर भी नजर है।
अब आम आदमी पार्टी को मात देने के लिए बीजेपी (BJP Vote Share) की नजर कांग्रेस पर क्यों है। आप इन आंकड़ों से समझ सकते हैं। 2013 के चुनाव की तुलना में बीजेपी का मत प्रतिशत 2020 में बढ़ा लेकिन सीट की संख्या 28 से घटकर आठ हो गई। इसकी वजह आम आदमी पार्टी के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी है।
बीजेपी को 2013 में 33.07 फीसद मत, 2015 में करीब 32 फीसद और 2020 में करीब 38 फीसद मत मिले। अगर आप (AAP Vote Share) के वोट शेयर को देखें को 2013 में 29 फीसद, 2015 में 54 फीसद और 2020 में 53.7 फीसद था।
इस वजह से नजर
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 9.7 फीसद था। 2020 में कांग्रेस का मत प्रतिशत गिरकर 4.26 फीसद हो गया। अब कांग्रेस के इसी मत प्रतिशत पर बीजेपी को नजर है। अगर 2020 के वोट शेयर को देखें तो आप के पास 54 फीसद, बीजेपी के पास 38 और कांग्रेस का वोट शेयर 4 फीसद है। इस आंकड़े के हिसाब से आप और बीजेपी के बीच करीब 16 फीसद वोट शेयर का गैप है। बीजेपी के रणनीतिकारों को लगता है कि अगर कांग्रेस इस 16 फीसद के गैप को अपने पाले में लाने में कामयाब रही तो उनकी राह आसान हो जाएगी।