जवाब से परहेज सवाल से नहीं, CAG रिपोर्ट पर क्यों खामोशी बरत रही है AAP
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जवाब से परहेज सवाल से नहीं, CAG रिपोर्ट पर क्यों खामोशी बरत रही है AAP

CAG Report: एलजी वी के सक्सेना ने कैग रिपोर्ट पेश करने के लिए AAP सरकार से विशेष सत्र बुलाने के लिए कहा है, हालांकि AAP की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।


AAP Cag Report: आखिर कैग की उस रिपोर्ट में क्या है जिसे दिल्ली सरकार सार्वजनिक नहीं करना चाहती थी। इस विषय पर दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने दिल्ली हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। आप की सरकार हरकत में आई और कैग की 14 रिपोर्ट को दिल्ली एलजी के दफ्तर में जमा करा दिया। यहां बता दें कि विधानसभा (Delhi Assembly CAG Report) में रिपोर्ट पेश किए जाने से पहले यह उप राज्यपाल के दफ्तर कौ सौंपी जाती है, वहां से अनुमति मिलने के बाद विधानसभा में पेश किया जाता है। यहां बता दें कि दिल्ली के उप राज्यपाल की तरफ से रिपोर्ट पेश करने की सहमति मिल चुकी है। एलजी दफ्तर ने 19 और 20 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए कहा था। लेकिन आप सरकार (Aam Aadmi Party Government) अभी कोई फैसला नहीं कर सकी है।

यहां बता दें कि एलजी वी के सक्सेना (Delhi LG V K Saxena)की तरफ से कैग रिपोर्ट की फाइल और विधानसभा ना बुलाए जाने पर कड़ी टिप्पणी भी आई है। कैग रिपोर्ट पर एलजी दफ्तर ने कहा कि यह हाईकोर्ट में लंबित प्रकरण का असर है कि सरकार ने फाइल हमारे दफ्तर भेज दी। पिछले दो साल में कैग की 14 रिपोर्ट देने में आप सरकार की तरफ से जानबूझ कर देरी की गई थी। इसके साथ ही विधानसभा सत्र के बारे में कहा कि साल में कम से कम तीन बार विधानसभा का सत्र बुलाया जाता है। लेकिन दिल्ली सरकार ने पांच साल में पांच सत्र बुलाए। दिल्ली विधानसभा के पांचवे सत्र के तीसरे चरण को चार दिसंबर को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था। लेकिन सत्रावसान नहीं हुआ है। इसके साथ ही आप सरकार खासतौर से सीएम आतिशी (Delhi CM Atishi) को सलाह देते हुए एलजी दफ्तर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के सलाह से कैग रिपोर्ट पेश करने के लिए 19 या 20 दिसंबर को सदन की विशेष बैठक बुला सकती हैं।

सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (AAP Convenor Arvind Kejriwal) जो विपक्ष से सवाल करते रहते हैं उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान की कैग रिपोर्ट को क्यों दबाए रहे। वो अपने विरोधी दलों से पारदर्शी राजनीति की मांग करते है, ईमानदारी बरतने की मांग करते हैं उन्हें क्यों यह नहीं लगा कि कैग की रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा में पेश करना चाहिए। आखिर नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता (Delhi Assembly LoP Vijendra Gupta) को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court CAG Report) का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इस सवाल के जवाब में राजनीति के जानकार कहते हैं कि बीजेपी के नेता खुलकर कहते हैं कि चाहे दिल्ली जल बोर्ड का मसला हो, दिल्ली विद्युच नियामक का मसला हो, स्कूलों का मुद्दा हो या मोहल्ला क्लिनिक का विषय। हर जगह भ्रष्टाचार। आप के नेता ईमानदारी का चोला पहन कर सिर्फ स्वांग करते रहे हैं। अब दिल्ली हाईकोर्ट के सामने यह मुद्दा गया तो आप सरकार को अदालती फटकार का डर सताने लगा।

दिल्ली में विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2025) अगले साल फरवरी के महीने में होना है। लिहाजा आम आदमी पार्टी की सरकार यह नहीं चाहती थी कि अदालती टिप्पणियों से सरकार को शर्मसार होना पड़े। लिहाजा एलजी के दफ्तर में फाइल भेज दी। अब भले ही दिल्ली में सरकार की मुखिया आतिशी हो, चेहरा तो अरविंद केजरीवाल हैं। अब कैग की सभी 14 रिपोर्ट का नाता उनके कार्यकाल से है। ऐसे में जाहिर सी बात है कि वो सरकार का हिस्सा भले ही ना हों विपक्ष के निशाने पर होंगे। इन सबके बीच आप को ना सिर्फ बीजेपी बल्कि कांग्रेस के आरोपों का भी सामना करना होगा। क्योंकि यह बात तो सच है कि कांग्रेस (Congress) की सियासी जमीन को सबसे अधिक नुकसान तो आप ने ही पहुंचाया था। अगर कैग की रिपोर्ट में अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल के बारे में टिप्पणी होगी तो जाहिर सी बात है कि कांग्रेस सबसे अधिक हमलावर होगी।

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