दिल्ली में सत्ता का दंगल, RSS का नाम लेते ही बात केजरीवाल के पिता तक पहुंची
Delhi Election 2025: वोटर्स लिस्ट में गड़बड़ी को मुद्दा बना अरविंद केजरीवाल BJP पर निशाना और RSS से सवाल कर रहे हैं। अब इसमें कांग्रेस भी कूद चुकी है।
Delhi Assembly Election 2025: एक कहावत है कि इतिहास पीछा नहीं छोड़ता। जिसने जो किया है उसे उसका जवाब देना पड़ता है। यहां हम बात दिल्ली विधानसभा चुनाव की करेंगे वैसे तो चुनावी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन सियासी दलों की तरफ से जो बयान आ रहे हैं उसकी वजह से ठिठुरती दिल्ली की राजनीतिक फिजा में गरमी है। वोटर्स लिस्ट (Delhi Voters List के मुद्दे पर बीजेपी पर आम आदमी पार्टी हमलावर है। खासतौर से नई दिल्ली विधानसभा सीट को लेकर मामला गरमाया हुआ है। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आरएसएस (RSS) से सवाल किया क्या वे बीजेपी की गलतियों का समर्थन करते हैं। इस मामले में बीजेपी के नेता खुलकर अरविंद केजरीवाल की मुखालफत कर रहे हैं अब कांग्रेस भी पूरी तरह हमलावर है। बता दें कि आम आदमी पार्टी अभी उस इंडिया गठबंधन (India Alliance) का हिस्सा है जिसकी अगुवाई कांग्रेस कर रही है।
क्या हुआ था
वोटर्स लिस्ट के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख को चिट्ठी लिखी
आरएसएस से सवाल किया कि क्या वे बीजेपी की गलितयों की समर्थन करते हैं।
कांग्रेस का कहना है कि अरविंद केजरीवाल के पिता खुद संघी रहे हैं।
संदीप दीक्षित ने अरविंद केजरीवाल के पुराने बयान को दोहराया।
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव (Delhi Congress Chief Devendra Yadav) कहते हैं कि आरएसस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) को अरविंद केजरीवाल ने जो चिट्ठी लिखी, मुद्दे उठाए वो सच है। लेकिन उन्हें अपने अंदर भी झांक कर देखना चाहिए। आम आदमी पार्टी के नेता हर वक्त झूठी बात गलत गारंटी देकर जनता के साथ छल कर रहे हैं। इन सबके बीच नई दिल्ली विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित (Sandeep Dixit) ने तो और जोरदार प्रहार किया।
'चिट्ठी तो उन्हें लिखते हैं'
दीक्षित ने कहा कि केजरीवाल ने आरएसएस को खत क्यों लिखा। अब चिट्ठी पत्री तो उनसे होती है जिनसे किसी तरह का रिश्ता होता है। बीजेपी और कांग्रेस को केजरीवाल चिट्ठी लिखें तो बात समझ में आती है। लेकिन आरएसएस के साथ इतना अपनापन क्यों। इस सवाल का जवाब खुद संदीप दीक्षित ही देते हैं। वो कहते हैं कि केजरीवाल जी ने कहा था कि उनके पिता का नाता आरएसएस से रहा है। इंडिया अगेंस्ट करप्शन(India Against Corruption Campaign) की मुहिम जो वो चला रहे थे उस वक्त तो आरएसएस से सीधे तौर पर दोस्ती थी।
खैर कोई बात नहीं, केजरीवाल जी भले ही देर सही अपनी असलियत खुद जनता के सामने रख देते हैं। उन्होंने कहा कि अजीब सी बात यह है कि जो आम आदमी पार्टी, आरएसएस को राष्ट्र विरोधी बताती है उसके संयोजक को आरएसएस से सवाल करने में हर्ज नहीं है। हकीकत यह है कि जो संघी है वो जीवन भर के लिए संघी है। अंत में उनकी गोद में जाकर बैठना है। आरएसएस प्रमुख को लिखे पत्र से साफ है कि बीजेपी के बाद अगर कोई दूसरा दल संघी है तो वो आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ही है।
कांग्रेस क्यों है हमलावर
इसे समझने के लिए करीब 14 साल पहले चलना होगा। साल 2010, इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले अरविंद केजरीवाल भ्रष्ट राजनीतिक शख्सियतों और सरकारों के खिलाफ मुहिम चला रहे थे। दिल्ली और केंद्र की सत्ता पर कांग्रेस काबिज थी। लिहाजा निशाने पर कांग्रेस (Congress) पार्टी और उसके नेता थे। उनकी मुहिम का असर 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में नजर आया। अरविंद केजरीवाल की पार्टी 36 के जादुई आंकड़े पर तो नहीं पहुंची। लेकिन दूसरी बड़ी पार्टी बनी, कांग्रेस दिल्ली की सत्ता से बाहर गो गई। खुद सीएम रहीं शीला दीक्षित (Sheila Dixit), अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के हाथों नई दिल्ली विधानसभा सीट से परास्त हो गईं। इन सबके बीच अरविंद केजरीवाल पिछले 10 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज हैं उन्हीं मुद्दा ना वो खुद बल्कि उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्य तिहाड़ जेल का हिस्सा बने। ऐसी सूरत में कांग्रेस को लगता है कि जिस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी सत्ता में आई अब वो उन मुद्दों पर वो नैतिक तौर पर कमजोर पड़ चुकी है लिहाजा खोई जमीन को वापस हासिल करने का मौका है और उसे किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहिए।
दिल्ली की राजनीति पर नजर रखने वाले कहते हैं कि नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ संदीप दीक्षित को उतार कर कांग्रेस संदेश दे रही है। पहला तो ये कि अब दिल्ली को वो हल्के से नहीं लेंगे। कांग्रेस के जिस वोटबैंक को अरविंद केजरीवाल अपने पाले में लाने में कामयाब रहे उसकी काट आरएसएस हो सकता है। दिल्ली की जनता के मन में कांग्रेस यह बात बैठाने की कोशिश करेगी आप देखो कि बीजेपी और केजरीवाल ने 2010 में झूठ का प्रचार किया था। दरअसल वो एक थे और आज भी एक हैं।