क्या द्वारका में आप की लगेगी हैट्रिक, पूरी विधानसभा पर एक नजर
द्वारका विधानसभा पर इस समय आम आदमी पार्टी का कब्जा है। अगर 2025 चुनाव में जीत दर्ज करती है यह हैट्रिक होगी
Dwarka Assembly Seat: दिल्ली की 70 विधानसभाओं में द्वारका सीट भी शामिल है। यह पश्चिम दिल्ली संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। मौजूदा समय में यहां से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। साल 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 223520 है जिसमें 121259 पुरुष मतदाता और 102260 महिला मतदाता है। इस विधानसभा में एमसीडी के कुल तीन वार्ड हैं और तीनों पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है। डाबरी वार्ड से तिलोत्तमा चौधरी, सागरपुर वार्ड से सिम्मी यादव और मंगलापुरी वार्ड से नरेंद्र कुमार पार्षद हैं।
वार्ड पर आप का कब्जा
द्वारका विधानसभा में द्वारका, नसीरपुर गांव, दशरथपुरी, डाबरी गांव, सागरपुर के इलाके आते हैं। करीब 70 से 80 फीसद इलाका अनधिकृत कॉलोनियों का है। इस विधानसभा में पूर्वांचलियों यानी पू्र्वी यूपी और बिहार के लोगों का तादाद अधिक है। पूर्वांचली मतदाता नतीजों को प्रभावित करते हैं। अगर विकास की बात करें तो तस्वीर दूसरी विधानसभाओं से अलग नहीं है। लोगों का कहना है कि जन प्रतिनिधियों के चेहरे बदल जाते हैं। लेकिन तस्वीर है कि बदलती नहीं।
अनधिकृत कॉलोनियों का बोलबाला
इस विधानसभा में ज्यादातर अनधिकृत कॉलोनी हैं, लिहाजा सड़कों के रखरखाव की दिक्कत है। पीने का पानी, सीवर ओवरफ्लो, गंदा पानी, ड्रेनेज, पार्किंग की समस्या सबसे अधिक है। लोग कहते हैं कि सियासी दलों के लोग वादे करते हैं, पांच साल बाद फिर जनता के बीच जाकर माफी मांगते हैं। दुनिया भर के बहाने बनाते हैं। आप इसे ऐसे समझिए कि बेहतर विकल्प ना होने की वजह से भी मतदाता कुछ खास नहीं कर पाते। अब तो पता ही नहीं चलता की जिस सिंबल पर आपने अपना कीमती मत दिया है उस शख्स का जुड़ाव उस पार्टी से कितना समय तक रहेगा।
समस्या एक जैसी
इलाके के लोग कहते हैं कि राजनेताओं ने टालू संस्कृति को अपना लिया है। अगर काम ना हो सके तो विरोधियों को जिम्मेदार ठहरा दो, अब यह रोग किसी खास राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा हुआ है. हर एक राजनीतिक दल की समस्या बन गई है लोकलुभान वादों की जाल में जनता फंसती है और उसकी वजह से भी सियासी दल समस्याओं को लेकर अधिक गंभीर नहीं होते।