बीजेपी के गढ़ में AAP ने की थी सेंधमारी, कांग्रेस का तो खाता नहीं खुला
Moti Nagar विधानसभा में बीजेपी का दबदबा रहा करता था। लेकिन आप ने सेंधमारी की। इस सीट की खास बात यह है कि कांग्रेस का कभी खाता नहीं खुला।
Moti Nagar Assembly Seat: दिल्ली की 70 विधानसभाओं में से एक है मोतीनगर। इस सीट पर किस दल का कब्जा रहा है. राजनीतिक तौर पर यहां के लोग क्या सोचते रहे हैं उसके बारे में बताएंगे। 1993 में इस सीट का गठन हुआ था। 20 साल यानी 2013 तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा। लेकिन साल 2015 में आम का झाड़ू चल गया। इस सीट से 1993 और 2003 में दिल्ली के पूर्व सीएम मदन लाल खुराना (Madan Lal Khurana) ने जीत दर्ज की थी। 2008, 2013 में सुभाष सचदेवा जीतने में कामयाब रहे। लेकिन 2015 और 2020 में आप के शिवचरण गोयल (ShivCharan Goel)) की जीत हुई।
आप (Aam Aadmi Party) ने एक बार शिवचरण गोयल को उतारा है वहीं कांग्रेस की तरफ से राजेंद्र नामधारी ताल ठोंकेंगे, बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है। मोतीनगर में पूर्वी पंजाबी बाग, कीर्ति नगर, मानसरोवर गार्डेन के इलाके आते हैं। इस विधानसभा में कोई भी अनधिकृत कॉलोनी नहीं हैं। जखीरा और कीर्ति नगर फर्नीचर की बड़ी मार्केट है। इस इलाके के बड़े मुद्दे पार्किंग, ट्रैफिक जाम, गंदे पानी की सप्लाई सफाई और सुरक्षा है।
अगर मतदाताओं की बात करें तो कुल 176859 मतदाता है इनमें 99278 पुरुष और 77576 महिला मतदाता हैं। इलाके के लोगों का कहना है कि सरकारें बदल गईं, नुमाइंदे बदल गए। लेकिन वादे और दावों में कमी नहीं आई। चाहे आप हो या कांग्रेस या बीजेपी सभी राजनीतिक दलों ने विकास की बाचत कही। लेकिन जमीनी स्तर पर आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। समाज का हर वर्ग इन समस्याओं से दो चार हो रहा है। जहां तक राजनीतिक मिजाज की बात है तो इस सीट पर दबदबा बीजेपी का रहा है। लेकिन 2015 के बाद से तस्वीर बदली। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार द्वारा बिजली माफी,पानी के बिल में माफी डीटीसी की बस में महिलाओं को फ्री में यात्रा काम कर गई। यानी कि आप यह मान सकते हैं कि जनता को सीधे सीधे मिले फायदे का असर दिखाई दिया।