केजरीवाल का 18 हजार वाला दांव, पुजारी- ग्रंथी के लिए ऐलान तो उधर भड़के इमाम
Delhi Election 2025 हाथ से निकल ना जाए इसके लिए अरविंद केजरीवाल ऐलान पर ऐलान कर रहे हैं। पुजारी-ग्रंथी को 18 हजार देने की घोषणा पर BJP -कांग्रेस ने तंज कसा है।
Pujari Granthi Samman Yojana: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए आप के पास मौका हैट्रिक लगाने का है लेकिन राह शायद आसान नहीं है। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ऐलान पर ऐलान किए जा रहे हैं। कभी ऑटो ड्राइवर तो कभी महिला सम्मान, कभी संजीवनी और अब पुजारी ग्रंथियों के लिए ऐलान किया है। केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि मंदिरों के पुजारी और गुरुद्वारे के ग्रंथियों को प्रति माह 18 हजार रुपए की सम्मान राशि देंगे। इसके तहत वो खुद कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर जाकर 31 दिसंबर से पुजारियों का पंजीकरण करेंगे। वहीं गुरुद्वारे में सीएम आतिशी इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन का काम करेंगी। हालांकि 18 हजार की सम्मान राशि तब मिलेगी जब आम आदमी पार्टी 2025 विधानसभा में जीत दर्ज करेगी।
पुजारी और ग्रंथियों के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि यह समाज का वो तबका है जिसने सदियों से हमारी परंपरा, रीति रिवाजों को आगे बढ़ाने का काम किया है। पुजारी और ग्रंथी (Pujari Granthi Samman Yojana) शादी से लेकर हर संस्कारों में बड़ी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने न तो अपने परिवार का ध्यान दिया और न ही किसी सरकार ने। हालांकि उनके इस बयान पर आप कह सकते हैं कि केजरीवाल को भी 10 साल बाद चुनाव के मौके पर ही इनकी याद आई।
- दिल्ली के पुजारियों-ग्रंथियों को सम्मान राशि का ऐलान
- हर महीने 18 हजार रुपए देने की घोषणा
- आप सरकार बनने पर मिलेगा फायदा
- 31 दिसंबर से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन
- घरों में पूजा करने वाले पुजारी भी योजना में शामिल
- केजरीवाल ने इसे सैलरी की जगह सम्मान बताया
- केजरीवाल का वादा- देश में पहली बार इस तरह की कोई कवायद
- जाहिर सी बात है कि केजरीवाल की इस कवायद पर विपक्ष की तरफ से जवाब आना था और वो आया भी।
विपक्ष ने इस तरह दी प्रतिक्रिया
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Delhi BJP Chief Virendra Sachdeva) ने कहा कि हम तो कई साल से मांग कर रहे थे कि जिस तरह से इमामों को सैलरी दी जा रही है ठीक वैसे ही पुजारियों और ग्रंथियों को भी देना चाहिए। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव (Delhi Congress Chief Devendra Yadav) ने कहा कि इमामों और मुअज्जिनों को आप की सरकार पिछले 17 महीने से वेतन देने में नाकाम रही है। बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर आप खामोश है। यह सब सिर्फ चुनावी स्टंट है।
इमामों के विरोध की वजह
सवाल यह है कि पुजारी-ग्रंथी सम्मान राशि के ऐलान की जरूरत क्यों पड़ी। इस विषय पर जानकार कहते हैं कि इस तरह की कवायद कर आम आदमी पार्टी समाज के हर तबके तक अपनी पहुंच को और मजबूत करना चाहती है। लेकिन यदि आप गौर करें तो केजरीवाल ने जिस भी स्कीम का ऐलान किया है उसका फायदा चुनाव के बाद मिलेगा जब वो सरकार में आएंगे। अब यहीं अहम बात है कि विपक्ष के नेता इसे जनता में किस तरह से पेश कर पाते हैं। इसमें दो मत नहीं कि इस तरह की योजनाओं से विपक्ष पर भी दबाव होगा। हालांकि अगर बीजेपी (BJP) या कांग्रेस (Congress) के नेता जनता को यह समझाने में कामयाब रहे कि इसके जरिए वोटों की सिर्फ खरीद की जा रही है तो तस्वीर बदल सकती है।