हवा,पानी-सड़क सब खराब, केजरीवाल की करीबी रहीं मालीवाल ने ठोंक दी ताल
एक तरफ आप की सरकार सड़क, हवा और पानी पर बड़े बड़े दावे कर रही है। मीडिया भले ही इन इलाकों में ना जा रहा हो स्वाति मालीवाल ने खुद केजरीवाल के खिलाफ बीड़ा उठाया है।
Delhi Election 2025: सड़कों पर बहते सीवर, खुली नालियाँ, टूटी सड़कें, कूड़े के ढेर, नल में पानी नहीं… ये नर्क नहीं, दिल्ली के बवाना का हाल है।ऐसी सुंदरता देख लंदन-पैरिस में जगह जगह धरने हो रहे हैं, वहाँ की जनता माँग कर रही है कि हमें भी ऐसा विकास चाहिए। बधाई दिल्ली
ये नरेला से विधायक शरद चौहान की आवाज़ बताई जा रही है। ऑडियो में शराब घोटाले को EXPOSE कर रहे हैं। किसी ने ऑडियो रिकॉर्ड करके वायरल कर दी।हक़ीक़त है कि सारे काले कारनामों की जानकारी सबको है, बस कुर्सी जाने के डर में कोई कुछ बोल नहीं सकता। बेल पर बाहर दो चिंटूओं में राजा की जान बसती है। सारे राज़ यहीं छिपे हैं।
एक्स पर इन शब्दों के जरिए जिस महिला ने निशाना साधा, तंज कसा या दिल्ली सरकार की कड़वी हकीकत को बयां कर रही हैं वो व्यवहारिक तौर पर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के चुनावी अभियान का हिस्सा नहीं हैं। लेकिन तकनीकी तौर पर आप से नाता है। बात यहां आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) की हो रही है।
स्वाति मालीवाल कभी अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की करीबियों में से एक थीं। लेकिन शीशमहल में हुई बदसलूकी के बाद उनका मन खट्टा हुआ। खैर अरविंद केजरीवाल से मतभेद की वजह जो भी हो। वो दिल्ली के उस सच को सबके सामने ला रही हैं जो हर एक शख्स को नजर आ रहा है। यानी कि टूटी हुई सड़के (Delhi Broken Road), खराब हवा और गंदा पानी (Delhi Dirty Water)। दरअसल इन विषयों का आप से जुड़ा हुआ कोई शख्स जोकि जिम्मेदार पद पर हो तो आप खुद अरविंद केजरीवाल के दावों की सच्चाई को परख सकते हैं।
स्वाति मालीवाल अपने तीखे तेवरों के साथ यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को खुला चैलेंज देती हूं.मेरा नाम सुनते ही इतना डर क्यों जाते हैं? यहाँ वहाँ Mic सरका देते हैं।आइये मेरा और आपका LIVE Narco Test/ Lie Detection टेस्ट करवाते हैं। पता लग जाएगा कौन सच्चा है और कौन झूठा। हिम्मत दिखाएं, देश को बताएं मेरे साथ क्यों मारपीट की।
ऐसा नहीं है कि दिल्ली की टूटी सड़कों, खराब हवा और गंदे पानी के बारे में स्वाति मालीवाल ने पहली बार आवाज उठाई हो। इससे पहले भी अलग अलग फोरम पर वो बात रखती रही हैं। कूड़े (Delhi Garbage Issue) के पहाड़ पर कहा था कि दिल्ली की सुंदरता पर धब्बा - बड़े- बड़े कूड़े के पहाड़ जिनकी ऊँचाई Qutub Minar को टक्कर दे दे..!अब तक मिला क्या? सिर्फ़ झूठे वादे और निराशा।
सवाल यहां है कि जब दिल्ली की सरकार फंड की कमी बात नहीं करती तो दिल्ली की सड़कें टूटी क्यों है, पानी गंदा क्यों आ रहा है, हवा साफ क्यों नहीं है। इस सवाल का जवाब कुछ आंकड़ों में छिपा है। मसलन पिछले 10 साल में सब्सिडी में होने वाला खर्च 600 फीसद बढ़ गया है। 2015 में सब्सिडी पर करीब 1500 करोड़ खर्च हुए थे आज यह आंकड़ा 10 हजार करोड़ के करीब है। आप सब्सिडी में होने वाले खर्च से समझ सकते हैं कि दिल्ली का हाल क्यों इतना खराब है। वर्ल्ड क्लास सिटी (Delhi World Class City Claim) बनाने की बात क्यों सिर्फ किताबी पन्नों की शोभा बढ़ा रही है।