
अनजान-अनसुनी सर्वे कंपनियां बनवा रहीं दिल्ली सरकार
दिल्ली चुनाव 2025 के लिए तमाम एग्जिट पोल के आंकड़े सामने हैं। लेकिन इस दफा बड़ी सर्वे कंपनियां रेस से बाहर रहीं। जिन सर्वे कंपनियों ने आंकड़े पेश किए वो अनसुनी रही हैं।
Delhi Exit Polls 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव की सभी 70 सीटों के लिए मतों की गणना 8 फरवरी को होगी। लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल के आंकड़ों में बीजेपी का 27 साल का हार का सूखा खत्म होता नजर आ रहा है। आम आदमी पार्टी हैट्रिक लगाने से दूर है। वहीं कांग्रेस का खाता खुल भी सकता है या एक बार फिर आंकड़ा जीरो पर अटक सकता है।
अगर बात एग्जिट पोल पर राजनीतिक दलों की धारणा की करें तो वे नफा-नुकसान के आधार पर प्रतिक्रिया देते हैं। अगर अनुमान उनके हिसाब से तो एग्जिट पोल शानदार। यदि नहीं तो कूड़ा से अधिक कुछ भी नहीं। आमतौर पर एग्जिट पोल में पहले बड़े बड़े नाम सामने आया करते थे। लेकिन 2025 के दिल्ली एग्जिट पोल से उन्होंने किनारा किया। इस दफा कुछ नए नाम सामने आए है जिनके बारे में बहुत कम जानकारी है। यहां पर दो बड़े सवाल उठ रहे हैं, पहला यह कि नामचीन सर्वे कंपनियों ने क्यों दूरी बनाई। दूसरा यह कि एग्जिट पोल की रेस में जो कुछ नए नाम जुड़े हैं वो क्या अपनी जगह बना पाएंगे। इन नई कंपनियों के सर्वे पर भरोसा करने का पुख्ता आधार क्या है।
बता दें कि दे फेडरल देश किसी भी कंपनी के एग्जिट पोल पर सवाल नहीं उठा रहा। उनके आंकड़ों पर किसी तरह का सवाल नहीं है। लेकिन आम जनमानस ने जब नए नए नाम टीवी की स्क्रीन पर देखे या न्यूज पेपर में पढ़े तो हैरानी हुई कि क्या नामचीन सर्वे कंपनियों पर खुद का भरोसा नहीं रहा। इन सबके बीच हम आप को बताएंगे कि कौन सी सर्वे कंपनी किस पार्टी को दिल्ली की गद्दी पर काबिज होने का दावा कर रही है।
सर्वें कंपनी पीपल्स इनसाइट ने बीजेपी को 40 से 44, आप को 18 से 25 सीट और कांग्रेस को 0-1 सीट मिलने का दावा किया है।
पी मार्क ने बीजेपी को 39-49, आप को 21-31 और कांग्रेस को 0-1 सीट का दावा
जेवीसी पोल्स ने बीजेपी को 39-45, आप को 22-31, कांग्रेस को 0-2
डीवी रिसर्च ने बीजेपी को 36-44, आप को 26-34 कांग्रेस को शून्य
सीजीएस डीयू ने बीजेपी को 29, आप को 41 और कांग्रेस को शून्य
के के सर्वे ने बीजेपी को 26, आप को 44 और कांग्रेस को शून्य
माइंड ब्रिंक ने बीजेपी को 21-25, आप को 44-49 कांग्रेस को 0-1
वी प्रेसाइड ने बीजेपी को 18-23, आप को 46-52 और कांग्रेस को 0-1 सीट
ऐसे में सबसे पहले द फेडरल देश ने इन कंपनियों के बारे में इंटरनेट से जानकारी ली। उदाहरण के लिए के के सर्वेज कंपनी कोंडापुर, तेलंगाना की कंपनी है। यह कंपनी दावा करती है कि महाराष्ट्र के नतीजे उसके अनुमान के बेहद करीब थे। माइंड ब्रिंक मीडिया कंपनी हैदराबाद बेस्ड 6 साल पुरानी कंपनी है। पी मार्क नई दिल्ली बेस्ड 6 साल पुरानी कंपनी है। डीवी रिसर्च मुंबई बेस्ड 6 साल पुरानी सर्वे कंपनी है। सीजीएस डीयू का नाता दिल्ली से है और यह रिसर्च, सर्वे और चुनावी अध्ययन से जुड़ी हुई है। जेवीसी पोल्स के कर्ता धर्ता जेवीसी श्रीराम हैं, एक्स हैंडल पर इन्होंने खुद का परिचय सिफैलोजिस्ट के तौर पर दिया है।
इंटरनेट से मिली जानकारी के मुताबिक ज्यादातर कंपनियों की उम्र 6 साल है यानी कि ये 6 साल पुरानी हैं। यहां लोगों के मन में सवाल है कि जब नामचीन कंपनियों के अनुमान सही नहीं निकले तो इन पर भरोसा कैसे किया जाए। इस सवाल पर एग्जिट पोल से जुड़े लोग कहते हैं कि जहां तक आंकड़ों की बात है उसे आप सिर्फ संख्या के रूप में नहीं देख सकते। देखने वाली बात यह है कि उन आंकड़ों को किस तरह से परखा और समझा गया है। मसलन आप बिना लोगों से मिले बात किए अगर किसी निष्कर्ष पर पहुंचते हैं तो इस बात की संभावना अधिक रहती है कि नतीजे मेल ना खाएं। ऐसी सूरत में अनुमान और नतीजों में फर्क आ जाता है।
अब दिल्ली चुनाव के नतीजे जब 8 फरवरी को घोषित होंगे उस दिन एग्जिट पोल के अनुमानों की भी परीक्षा हो जाएगी। अगर इन नई नवेली अनसुनी कंपनियों के अनुमान वास्तवित नतीजों से मैच करते हैं तो एग्जिट पोल की दुनिया में पुरानी और दिग्गज कंपनियों को चुनौती मिलेगी। यदि ऐसा नहीं होता है तो एग्जिट पोल से लोगों का भरोसा भी उठने लगेगा।