किसकी बात पर दिल्ली की जनता को ऐतबार, ग्राउंड पर द फेडरल देश ने जो देखा
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किसकी बात पर दिल्ली की जनता को ऐतबार, ग्राउंड पर द फेडरल देश ने जो देखा

दिल्ली के डेढ़ करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। महीने भर के प्रचार में दिल्ली की जनता में क्या कुछ चल रहा था उसे द फेडरल देश की टीम ने जानने की कोशिश की।


Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए मतदान जारी है। डेढ़ करोड़ से अधिक मतदाता 699 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करने वाले हैं। 2025 के चुनावी समर में तीनों राजनीतिक दलों यानी आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस ने एक से बढ़कर एक वादे किए। दरअसल विधानसभा का मौजूदा चुनाव किसी के लिए चुनौती तो किसी के लिए मौका है। आप के सामने तीसरी दफा सत्ता में आने की चुनौती है तो बीजेपी और कांग्रेस के सामने हार का सूखा खत्म करने का मौका। आज शाम 6 बजे तक दिल्ली की जनता उम्मीदवारों की किस्मत को ईवीएम में कैद कर देगी। लेकिन जमीनी स्तर पर वोटर्स का मिजाज किस तरह का था उसे समझने की कोशिश द फेडरल देश की टीम ने की थी।

करीब महीने भर के चुनावी प्रचार में द फेडरल देश की टीम ने सभी 70 विधानसभाओं को छूने की कोशिश की। हमारी टीम में समाज के हर वर्ग से दिल्ली के मुद्दों को जानने का प्रयास किया। उनके नजरिए को जाना। दिल्ली की कोई भी विधानसभा रही हो तो मुद्दे कमोबेश एक जैसे ही थी। मसलन साफ पानी, साफ हवा और खराब सड़कें। लोगों ने कहा कि यह बात सच है कि रेवड़ियों से लोगों को फायदा तो हुआ है, हालांकि कड़वी सच्चाई यह भी है कि दिल्ली का क्या हाल हुआ है उसे आप लोग भी देख रहे हैं।

द फेडरल देश की टीम हर विधानसभा में लोगों से सीधा सवाल करती थी कि किसकी रेवड़ी अधिक मीठी लग रही है। इस सवाल के जवाब में हर 10 में पांच से 6 लोगों का जवाब होता था कि अजी रेवड़ी अधिक खाने से डायबीटिज का रोग हो जाता है। हमें ऐसी रेवड़ी नहीं चाहिए। दिल्ली में लोग कमाने खाने में सक्षम हैं लिहाजा हमें ऐसी व्यवस्था चाहिए जो दिल्ली को विकास की राह पर ले जा सके। पिछले 10 वर्षों से आप दिल्ली का हाल देख रहे हैं। यानी कि आप जनता के मिजाज को समझ सकते हैं।


दिल्ली के चुनाव में इस दफा यमुना की सफाई का मुद्दा अहम रहा। साफ पानी के मुद्दे पर जब आप संयोजक पूरी तरह से घिर गए तो उन्होंने सीधे सीधे हरियाणा सरकार पर जहर लगाने का आरोप लगा दिया। ऐसे में हमने सोचा कि क्यों ना यमुना कि ताजा तस्वीर क्या है उसे दिखाया जाए।

दिल्ली की सभी 70 विधानसभाओं में लोगों को मिजाज से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हवा का रुख किस तरफ है। क्या आम आदमी पार्टी तीसरी दफा सरकार बना पाएगी, क्या बीजेपी 27 साल का सूखा और कांग्रेस 11 साल का हार का सूखा खत्म कर पाएगी। क्या दिल्ली को इस दफा नई दिल्ली विधानसभा से मिलेगा या तस्वीर बदली हुई नजर आएगी। उसके लिए आठ फरवरी का इंतजार करना होगा। उससे पहले आज पांच फरवरी को मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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