
अभी तो नतीजे भी नहीं आए, ऑपरेशन लोटस की बात क्यों करने लगे आप नेता?
Aam Aadmi Party: आम आदमी पार्टी के नेता कह रहे हैं बीजेपी ने ऑपरेश लोटस शुरू कर दिया है। विधायकों को 15-15 करोड़ ऑफर किए जा रहे हैं।
Delhi Election Result 2025: दिल्ली की गद्दी पर कौन काबिज होगा फैसला आठ फरवरी को आने वाला है। बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जीत के दावे कर रहे हैं। लेकिन एग्जिट पोल के आंकड़ों में आप (Aam Aadmi Party) और बीजेपी की संभावना जताई जा रही है, हालांकि ज्यादातर एग्जिट पोल के आंकड़े बीजेपी (BJP) की तरफ झुके हैं। इन सबके बीच आप के बड़े नेता ऑपरेशन लोटस का राग अलापने लगे हैं। पहले राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बीजेपी पर खरीदफरोख्त का आरोप लगाया
संजय सिंह ने कहा कि सात विधायकों (AAP) को भाजपा के कुछ तत्वों की ओर से फोन कॉल आए हैं, जिन्होंने उन्हें आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के लिए 15 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है। हमने विधायकों से कहा है कि वे इस तरह की ऑडियो कॉल रिकॉर्ड करें और इसकी शिकायत करें। अगर कोई उनसे मिलता है, तो उसे छिपे हुए कैमरे से इसका वीडियो बनाना चाहिए। भाजपा ने मतगणना से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली है और देश के बाकी हिस्सों की तरह भाजपा ने दिल्ली में भी पार्टियों को तोड़ने की राजनीति शुरू कर दी है। गाली-गलौज पार्टी हताशा में खरीद फरोख्त की राजनीति पर उतर आई है। ये दिल्ली है यहां दाल नही गलेगी।
संजय सिंह के बाद आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद कुछ एजेंसीज दिखा रही हैं कि गाली गलौज पार्टी की 55 से ज्यादा सीट आ रही हैं। पिछले दो घंटे में हमारे 16 उम्मीदवारों के पास फोन आ गए हैं कि आप छोड़ के उनकी पार्टी में आ जाओ, मंत्री बना देंगे और हरेक को 15-15 करोड़ देंगे। अगर इनकी पार्टी की 55 से ज्यादा सीटें आ रहीं हैं तो हमारे उम्मीदवारों को फोन करने की क्या जरूरत है?जाहिर तौर पे ये फर्जी सर्वे करवाये ही इसलिए गए हैं ताकि ये माहौल बनाकर कुछ उम्मीदवारों को तोड़ा जा सके। पर गाली गलौज वालों, हमारा एक भी आदमी नहीं टूटेगा।
सवाल यह है कि क्या आप के नेता खुद विरोधाभाषी बयान नहीं दे रहे। मसलन अगर एजेंसियों का हवाला देकर बीजेपी को 55 सीट मिलने की बात कर रहे हैं तो आप के विधायकों को लालच देने की जरूरत क्या है। दूसरी बात यह कि अगर आम आदमी पार्टी के 60 विधायक चुन कर आ रहे हैं तो उन्हें क्यों डर होना चाहिए, क्योंकि यह पता है कि पार्टी में किसी टूट के लिए दो तिहाई विधायकों की जरूरत होती है। ऐसे में क्या यह सिर्फ आम आदमी पार्टी के नेताओं की हताशा तो नहीं है।
दिल्ली की सियासत पर नजर रखने वाले कहते हैं कि चुनावी कैंपेन से लेकर एग्जिट पोल तक जिस तरह से आप के नेता बयान दे रहे हैं उसमें उनकी हताशा ज्यादा नजर आ रही है। इसे आप शारीरिक भाव भंगिमा से समझ सकते हैं। किसी भी शख्स के चेहरे का भाव घबराहट, संजीदिगी और गंभीरता को बयां करता है। लेकिन मौजूदा समय में जब ईवीएम की पेटी तक ना खुली हो इस तरह की बात करना हताशा है। इस तरह के बयान की अपेक्षा पर आप किसी छुटभैये नेता से तो कर सकते हैं। लेकिन शीर्ष पदों पर आसीन चेहरे इस तरह की बात करते हैं तो हैरानी अधिक होती है।