दिल्ली में सनातन संग्राम, AAP की सेवा समिति पर BJP का हमला, चुनावी हिंदू दिया करार
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दिल्ली में 'सनातन संग्राम', AAP की 'सेवा समिति' पर BJP का हमला, 'चुनावी हिंदू' दिया करार

Delhi election: बीजेपी ने आप पर तीखा हमला किया और पाखंड का आरोप लगाया. इसके साथ ही आप को "चुनावी हिंदू" करार दिया.


Delhi assembly election: दिल्ली में विधानसभा चुनावों की घोषणा होने के साथ ही राजनीतिक दलों का आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है. सभी राजनीतिक दल हर वर्ग के मतदाताओं को लुभाने के लिए लोक लुभावने वादे कर रहे हैं. इसी बीच दिल्ली में सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी (AAP) ने 'सनातन सेवा समिति' गठित कर हिंदू वोटों को साधने की कोशिश की. ऐसे में बीजेपी (BJP) ने आप (AAP) पर तीखा हमला किया और पाखंड का आरोप लगाया. इसके साथ ही आप (AAP) को "चुनावी हिंदू" करार दिया.

भाजपा (BJP) ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की अगुवाई वाली सरकार "10 साल से इमामों को वेतन बांट रही है". जबकि अब चुनावी वादों के साथ हिंदू मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है. एक्स पर डाले अपने पोस्ट में भाजपा (BJP) ने आप (AAP) के "पाखंड" का दावा करते हुए कारण गिनाए. बीजेपी (BJP) ने कहा कि जो खुद भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण से खुश नहीं थे. जिन्होंने मंदिरों और गुरुद्वारों के बाहर शराब की दुकानें खोलीं. जिनकी पूरी राजनीति हिंदू विरोधी और सनातन विरोधी थी.

बता दें कि बीजेपी (BJP) की यह टिप्पणी आप (AAP) द्वारा 'सनातन सेवा समिति' गठित करने के बाद आई. इस समिति गठन कार्यक्रम में आप (AAP) और भाजपा के मंदिर प्रकोष्ठ दोनों के नेताओं ने भाग लिया. कार्यक्रम के दौरान आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने संतों और पुजारियों के लिए 18,000 रुपये मासिक मानदेय का वादा करते हुए एक नई योजना की घोषणा की.

कार्यक्रम में बोलते हुए केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि हमें और आम आदमी पार्टी (AAP) को उन लोगों को सम्मानित करने का सौभाग्य मिला है. जो हमेशा सनातन धर्म और ईश्वर की सेवा में लगे रहते हैं. यह घोषणा 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले की गई है. 'पुजारी-ग्रंथी सम्मान राशि' योजना मंदिर के पुजारियों और ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रति माह देने का वादा करती है, जो दिल्ली वक्फ बोर्ड के तहत मुस्लिम पादरियों या मौलवियों को पहले से दिए जा रहे मानदेय के समान है.

मौजूदा वक्फ बोर्ड योजना के तहत, इमामों को 17,000 रुपये प्रति माह और मुअज्जिनों को 16,000 रुपये का भुगतान किया जाता है. आप की नई पहल हिंदू धार्मिक नेताओं को समान लाभ देकर पक्षपात की आलोचना को दूर करना चाहती है. हालांकि, भाजपा (BJP) ने इस कदम को अवसरवादी करार दिया. बीजेपी ने सवाल किया कि अब जब चुनाव आ गए हैं तो उन्हें पुजारियों और ग्रंथियों की याद आ गई?

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