Delhi Election: प्रचार फोन कॉल और मैसेज ने दिल्ली वासियों की नाक में किया दम
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Delhi Election: प्रचार फोन कॉल और मैसेज ने दिल्ली वासियों की नाक में किया दम

Delhi Election Campaign: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. कभी चुनावी रैली, सभा, रोड शो और डोर टू डोर कैंपन तक सीमित रहने वाला प्रचार आज डिजिटल तक पहुंच गया है.


Delhi Assembly election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. बीजेपी, आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस लगातार प्रचार में जुटी हुई हैं और जनता को लुभाने के लिए तरह-तरह के वायदे कर रही है. समय के साथ चुनाव प्रचार में भी काफी बदलाव आया है. कभी चुनावी रैली, सभा, रोड शो और डोर टू डोर कैंपन तक सीमित रहने वाला प्रचार अभियान आज डिजिटल तक पहुंच गया है. इसका मकसद अधिक से अधिक मतदाताओं तक पहुंचना होता है. इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लेने से लेकर रिकॉर्डिड फोन कॉल और मैसेज का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अगर छोड़ दिया जाए तो इन दिनों रिकॉर्डिड वाइस कॉल और मैसेज से लोगों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly election) का बिगुल बजने के साथ ही राजनीतिक दलों ने अपना घोषणा पत्र जारी करना शुरू कर दिया था. इसके जरिए पार्टियों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए एक माहौल बनाने की कोशिश की थी. इन घोषणाओं में कई तरह की मुफ्त रेवड़ियां भी शामिल थी. हालांकि, अब यह तो 8 फरवरी को साबित हो पाएगा कि जनता को किसकी रेवड़ी सबसे ज्यादा मीठी लगी थी. लेकिन पार्टियां अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं.

दिल्ली की प्रमुख राजनीतिक दल आप (AAP), बीजेपी (BJP) और कांग्रेस अपने इन्हीं घोषणाओं को जनता तक पहुंचाने लिए विभिन्न चीजों का सहारा ले रही हैं. एक तरफ तो चुनावी रैलियों के जरिए वह अपने घोषणाओं को जनता तक पहुंचा रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल करने से गुरेज नहीं कर रही हैं.

आप ने छोड़ा बीजेपी-कांग्रेस को पीछे

हालांकि, इन दिनों दिल्ली की जनता राजनीतिक पार्टियों के रिकॉर्डिड वाइस कॉल और मैसेज से परेशान हैं. क्योंकि, ये कॉल अचानक से कभी भी फोन पर आ जाते हैं और लोग इमरजेंसी समझकर उठा लेते हैं. लेकिन यह होता महज विज्ञापन है. यही नहीं इन दिनों लोगों के फोन के इनबॉक्स भी प्रचार के मैसेजों से भरे पड़े हैं. हालांकि, इसका इस्तेमाल वैसे तो सभी पार्टियां कर रही हैं. लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) इसमे बीजेपी और कांग्रेस से कहीं ज्यादा आगे नजर आ रही है.

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