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दिल्ली में कांग्रेस तीन चुनाव से 0, 0, 0! फिर भी अपनी पीठ थपथपा रही पार्टी
Congress ने 19 विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाई. जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी को 12 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा.
Delhi election result: कांग्रेस (Congress) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में तीसरी बार लगातार कोई सीट नहीं जीती. हालांकि, उसका वोट शेयर थोड़ा बढ़ा है. साल 2020 के चुनाव में कांग्रेस (Congress) को जहां 4.3 फीसदी वोट मिले थे. जो इस बार बढ़कर 6.34% हो गया है. इतना ही नहीं कांग्रेस (Congress) ने 19 विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाई. जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी (AAP) को 12 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. इन सीटों में सबसे महत्वपूर्ण सीट नई दिल्ली की रही. जहां आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल बीजेपी के परवेश वर्मा से 4,089 वोटों के अंतर से हार गए. जबकि, कांग्रेस (Congress) के संदीप दीक्षित ने 4,568 वोट हासिल किए. इतना ही नहीं, पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह से 675 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. क्योंकि, इस सीट पर कांग्रेस (Congress)के फरहाद सूरी ने 7,350 वोट प्राप्त किए.
साल 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए एक सबक की तरह भी है. क्योंकि, साल 2015 और 2020 में पीएम मोदी की लोकप्रियता के शिखर पर होने के बावजूद आप ने दिल्ली में निर्णायक जीत हासिल की थी. कांग्रेस के जयराम नरेश ने कहा कि साल 2025 की हार यह दिखाता है कि यह वोट अरविंद केजरीवाल की धोखाधड़ी, छल और अत्यधिक बढ़ा-चढ़ा कर किए गए उपलब्धियों के दावों को अस्वीकार करने का संकेत है. कांग्रेस (Congress) ने अरविंद केजरीवाल के तहत हुए विभिन्न घोटालों को उजागर करने में अग्रणी भूमिका निभाई और मतदाताओं ने उनके 12 वर्षों के खराब शासन पर अपना निर्णय सुना दिया.
कांग्रेस (Congress) के अंदरूनी सूत्र मानते हैं कि पार्टी लोकसभा चुनाव के दौरान हासिल किया हुआ जनाधार लगभग खो चुकी है. क्योंकि भाजपा के सामने उत्तर भारत में एक विकल्प के रूप में खुद को पेश करने की असमर्थता कांग्रेस की भूमिका को खतरे में डाल रही है. रमेश ने दावा किया कि कांग्रेस बेहतर करने की उम्मीद कर रही थी. हालांकि, उसने अपना वोट शेयर बढ़ा लिया है. कांग्रेस का अभियान तीव्र था. वह विधानसभा में नहीं हैं. लेकिन दिल्ली में उसकी उपस्थिति निश्चित रूप से है और यह उपस्थिति कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लगातार प्रयासों के साथ चुनावी रूप से विस्तारित होगी. 2030 में दिल्ली में फिर से कांग्रेस सरकार बनेगी.
बता दें कि कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी के बीच कोई समझौता नहीं हो सका और दोनों इंडिया गठबंधन के सदस्य एक तीव्र लड़ाई में शामिल हुए. दिल्ली में कांग्रेस के एक प्रमुख चेहरे अजय माकन सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने आम आदमी पार्टी की आलोचना की और कहा कि जबसे आम आदमी पार्टी सत्ता में आई है, बीजेपी ने दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है. विडंबना यह है कि दोनों पिछले लोकसभा चुनाव में गठबंधन में थे और कांग्रेस ने सात में से तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था.
अपमानजनक हार के बाद कांग्रेस के अमेठी सांसद किशोरी लाल शर्मा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन से परिणाम अलग हो सकते थे. शर्मा ने कहा कि हम (कांग्रेस) ने दिल्ली में अपना वोट प्रतिशत बढ़ाया है. अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा होता तो परिणाम अलग होते. वोट बंट गए... लड़ाई जारी रहेगी.
वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता कुमारी शेलजा ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों पर निशाना साधा. उन्होंने का कि दोनों (AAP और BJP) एक जैसे हैं. पिछले 10 वर्षों से केंद्र में बीजेपी और राज्य में AAP हैं और दोनों दिल्ली की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार हैं. देखते हैं कि बीजेपी दिल्ली द्वारा दिए गए अवसर का क्या उपयोग करती है. हम उनके काम का भी विश्लेषण करेंगे.