Delhi election: '70' को साधने की कवायद, AAP-BJP कर रही रेवड़ियों की बरसात
freebies strategy: दिल्ली में सत्ता हासिल करने के लिए दोनों पार्टियां बुजुर्गों, महिलाओं और गरीबों को लुभाने की कोशिश कर रही हैं. क्या वे महाराष्ट्र से सीख ले रहे हैं?
Delhi Assembly Election: हरियाणा और महाराष्ट्र में अपनी हालिया चुनावी सफलता से प्रेरणा लेते हुए भाजपा दिल्ली में भी इसी रणनीति को दोहरा रही है. बीजेपी ने शुक्रवार को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तक पहुंचने के लिए कई उपायों की घोषणा की है. बता दें कि दिल्ली में 5 फरवरी को होने वाले मतदान में अब लगभग एक पखवाड़े से अधिक समय बचा है. ऐसे में सत्तारूढ़ आप और उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा दिल्ली में सत्ता हासिल करने के लिए महिलाओं और गरीबों का दिल जीतने की कोशिश में जुटी हुई है.
AAP ने बढ़त बनाई
AAP सरकार ने महिला सम्मान योजना के तहत 2,100 रुपये प्रति माह सहित महिलाओं के लिए कई उपायों की घोषणा करके बढ़त बनाई. वहीं, भाजपा ने लाभार्थियों को 2,500 रुपये प्रति माह देने का वादा करते हुए एक समान योजना की घोषणा करके AAP से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश की है. महिलाओं को वित्तीय सहायता देने की रणनीति का इस्तेमाल पहली बार दिसंबर 2023 में मध्य प्रदेश चुनावों में भाजपा ने किया था, जिससे पार्टी को राज्य में सत्ता बरकरार रखने में मदद मिली थी. तब से भाजपा ने हर विधानसभा चुनाव में इस योजना की घोषणा की है और हरियाणा और महाराष्ट्र में सफलतापूर्वक सत्ता बरकरार रखने में कामयाब रही है.
भाजपा प्रवक्ता डॉ. अनिल गुप्ता ने द फेडरल से कहा कि यह उन वादों का एक हिस्सा है, जो भाजपा दिल्ली चुनावों के लिए कर रही है. कम से कम 2-3 और वादे हों,गे जिनका खुलासा भाजपा अपने घोषणापत्र में करेगी और ये वादे आबादी के सभी वर्गों को कवर करेंगे. अब तक हमने महिलाओं, बुजुर्गों और लोगों के स्वास्थ्य लाभों पर ध्यान केंद्रित किया है.
भ्रष्टाचार का मुद्दा
आप नेतृत्व के हमले का सामना करते हुए भाजपा ने वादा किया है कि वह न केवल सभी मौजूदा योजनाओं को जारी रखेगी, बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच भी शुरू करेगी. भाजपा ने आप के खिलाफ एक नैरेटिव बनाने की कोशिश की है कि उसके वरिष्ठ नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बारे में बात करके अपने नैरेटिव को मजबूत करने की कोशिश कर रही है.
गुप्ता ने कहा कि आप लगातार यह कहकर भाजपा के खिलाफ झूठे अभियान में शामिल है कि भाजपा दिल्ली सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर देगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को आश्वासन दिया है कि सभी मौजूदा योजनाएं जारी रहेंगी. हम दिल्ली सरकार की विभिन्न योजनाओं में आप नेताओं द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का पता लगाने के लिए जांच भी शुरू करेंगे. अगर भाजपा सत्ता में आती है तो हम आप की सभी योजनाओं में सुधार करेंगे और पारदर्शिता भी लाएंगे.
गरीबों को लुभाना
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा और आप दोनों ही चुनावी वादे करके लोगों के एक ही वर्ग, मुख्य रूप से गरीबों, बुजुर्गों और महिलाओं तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. सीएसडीएस के सह-निदेशक लोकनीति डॉ. संजय कुमार ने द फेडरल को बताया कि दिल्ली की कम से कम एक तिहाई आबादी निम्न आय वर्ग में है और यह चुनाव के नतीजों में निर्णायक भूमिका निभाती है. इसलिए भाजपा और आप दोनों ही अपने-अपने घोषणापत्रों में ढेर सारे वादे करके उन तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
सत्ता वापस पाने की कोशिश
दिल्ली में सत्ता में वापसी के लिए 26 साल के लंबे इंतजार को खत्म करने के लिए भाजपा नेतृत्व कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. दिलचस्प बात यह है कि 2014 के आम चुनावों के बाद से भाजपा ने लोकसभा चुनावों के दौरान सभी सात संसदीय सीटें जीतकर दिल्ली के लोगों का समर्थन हासिल किया है. लेकिन विधानसभा चुनावों में वह अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखने में विफल रही है. दिल्ली विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए अग्निपरीक्षा साबित हुए हैं. दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां भाजपा की मजबूत संगठनात्मक उपस्थिति है. लेकिन दो दशकों से अधिक समय से वह चुनावी जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाई है.
दिल्ली में अपने खराब प्रदर्शन को खत्म करने की उम्मीद के साथ, भाजपा न केवल कुछ नई लोकलुभावन योजनाओं का वादा कर रही है, बल्कि उन सभी राष्ट्रीय योजनाओं को लागू करने का भी वादा किया है, जिन्हें आप सरकार ने अतीत में लागू नहीं किया है.
केंद्रीय योजनाएं
अपने घोषणापत्र में वादा किए गए आयुष्मान भारत योजना के अलावा, भाजपा केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के लिए शुरू की गई शहरी आवास योजना को लागू करने की उम्मीद करती है. भाजपा जनधन और पीएम किसान जैसी योजनाओं को लागू करने की भी उम्मीद कर रही है, जिससे पार्टी को राष्ट्रीय राजधानी में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी. सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) के लेखक और प्रोफेसर अभय कुमार दुबे ने द फेडरल को बताया कि दिल्ली में लोकलुभावन योजनाओं को लेकर लड़ाई चल रही है और भाजपा कई पहलों का वादा करके आप को उसके ही खेल में मात देने की कोशिश कर रही है. लोकलुभावनवाद की राजनीति दिल्ली में आप ने शुरू की थी और भाजपा इस रणनीति को इस उम्मीद के साथ दोहरा रही है कि यह चुनावों में काम आएगी.