NRC और CAA को लेकर चर्चा में रही यह सीट, मूलभूत सुविधाओं को तरसते लोग
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NRC और CAA को लेकर चर्चा में रही यह सीट, मूलभूत सुविधाओं को तरसते लोग

Delhi election: ओखला विधानसभा सीट पूर्वी दिल्ली का हिस्सा है. कभी कांग्रेस की गढ़ हुआ करती यह सीट पिछले 10 साल से आप के कब्जे में है.


Delhi Assembly election: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही हैं. राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए भरसक प्रयास करती हुई नजर आ रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (AAP), बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच है. आप लगातार तीसरी दफा सत्ता में वापसी के लिए जोर लगा रही है. वहीं, बीजेपी साल 1998 के बाद से अपना सुखा खत्म करने की कवायद में है. जबकि, डेढ़ दशक तक दिल्ली की सत्ता का सुख भोग चुकी कांग्रेस भी अपना खोया जनाधार वापस पाने की कोशिश कर रही है. द फेडरल आपको राजधानी के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से रूबरू करा रहा है. इसी कड़ी में आज ओखला विधानसभा सीट (Okhla) को जानने की कोशिश करते हैं.

ओखला (Okhla) विधानसभा सीट पूर्वी दिल्ली का हिस्सा है. कभी कांग्रेस (Congress) की गढ़ हुआ करती यह सीट पिछले 10 साल से आप (AAP) के कब्जे में है. यह सीट दिल्ली की चर्चित सीटों में से एक मानी जाती है. क्योंकि, एनआरसी और सीएए को लेकर हुए प्रदर्शन के चलते यह विधानसभा क्षेत्र दुनिया भर में सुर्खियों में रही थी.

यह इलाका मुस्लिम बहुल माना जाता है. यहां कुल आबादी में मुसलमानों की तादाद 55 फीसदी है. यह सीट कभी कांग्रेस (Congress) की गढ़ हुआ करती है और आखिरी बार देश की सबसे पुरानी पार्टी ने साल 2013 में यहां जीत हासिल की थी. तब कांग्रेस (Congress) के टिकट पर आसिफ मोहम्मद खान से यहां से चुनाव जीता था. इसके बाद साल 2015 और 2020 में आप (AAP) ने इस सीट पर कब्जा कर लिया. आप के अमानतुल्लाह खान पिछले 10 साल से यहां से विधायक हैं. इस बार भी पार्टी ने उन पर ही भरोसा जताया है.

साल 2020 के विधानसभा चुनाव (Delhi election) में अमानतुल्लाह खान को कुल वोट में से 66.03% वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर भाजपा (BJP) प्रत्याशी ब्रह्म सिंह रहे थे, उन्हें 29.65% वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस (Congress) के परवेज हाशमी को 12.59 फीसदी मत मिले थे. ओखला (Okhla) विधानसभा क्षेत्र में मदनपुर खादर, खिजराबाद, जसोला, आली गांव और तैमूर नगर जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल है .

स्थानीय समस्या

सघन आबादी वाला यह क्षेत्र समस्याओं से घिरा हुआ है. क्षेत्र की अधिकतर सड़क के जर्जर पड़ी हुई हैं. खुले सीवेज, पेयजल की समस्या और अतिक्रमण समेत कई तरह की परेशानियों से लोगों को रोजना जूझना पड़ता है. इलाके के महज 20 फीसदी हिस्से में ही पेयजल की सप्लाई होती है, जिस वजह से लोगों को बाहर से पानी खरीदना पड़ता है. इसके अलावा इस इलाके में पार्किंग की बहुत ज्यादा दिक्कत है. कई सड़कों पर घंटे जाम लगा रहता है. गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

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