आम आदमी पार्टी की हार में कांग्रेस का हाथ,आखिर क्या बोलते हैं आंकड़े
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आम आदमी पार्टी की हार में कांग्रेस का 'हाथ',आखिर क्या बोलते हैं आंकड़े

दिल्ली विधानसभा चुनाव में 27 साल बाद बीजेपी अपने हार के सूखे को समाप्त करने में कामयाब रही है। ऐसे में सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी के हार के पीछे कांग्रेस वजह तो नहीं है।


Delhi Election Result 2025: अगर आम आदमी पार्टी 2025 के चुनाव में जीत दर्ज करती तो वे हैट्रिक लागने में कामयाब होते। आप, चौथी दफा सरकार में होती। अरविंद केजरीवाल चौथी दफा सीएम होते। 8 फरवरी की सुबह काउंटिंग से ठीक पहले सीएम आतिशी(CM Atishi) ने कहा कि अरविंद जी चौथी बार सीएम बनेंगे। लेकिन नतीजों ने उनकी उम्मीदों पर झाड़ू फेर दिया। आप, 11 साल बाद सत्ता से बाहर है। यही नहीं सीएम आतिशी को छोड़ आप के दिग्गज चुनाव हार गए।

आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के दो हीरे यानी संस्थापक सदस्य अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) अपनी सीट नहीं बचा सके। केजरीवाल को प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma) ने करीब तीन हजार वोट से हराया, वहीं सिसोदिया 636 मतों से हार गए। ऐसे में सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी के हार के पीछे की वजह कांग्रेस तो नहीं है।

क्या आप को कांग्रेस ने हराया?
आम आदमी पार्टी की हार में कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत से जब सवाल पूछा गया कि वजह आप लोग तो नहीं। यानी कि मिलकर चुनाव लड़े होते तो बात कुछ और रही होती। उन्होंने तुरंत जवाब दिया कि क्या हमने उनकी जीत का ठेका लिया है। ऐसे में हम आपके सामने कुछ आंकड़े पेश करेंगे। चुनाव आयोग की डेटा के मुताबिक आप को 43.6 फीसद वोट, बीजेपी को 45.85 फीसद और कांग्रेस को 6.38 फीसद मत मिले हैं। अगर 2020 से तुलना करें तो आप को करीब 9 फीसद वोट कम मिले हैं। बीजेपी को करीब सात फीसद ज्यादा मत मिले हैं वहीं कांग्रेस को करीब दो फीसद मत का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इन आंकड़ों पर जानकारों का कहना है कि बीजेपी के मत प्रतिशत में बढ़ोतरी का अर्थ यह हुआ कि मध्यम वर्ग, जेजे क्लस्टर में आप के वोट बैंक में सेंधमारी करने में पार्टी कामयाब रही। इसके साथ ही कांग्रेस के मत प्रतिशत में बढ़ोतरी का असर भी आप के प्रदर्शन पर दिखाई दे रहा है। ज्यादातर सीटों पर बीजेपी और आप के बीच हार का अंतर बहुत अधिक नहीं है। यानी, कांग्रेस बहुत कम ही मात्रा में सही आप से अपने वोटबैंक को वापस लेने में कामयाब होती नजर आ रही है। यही नहीं एआईएमआईएम का चुनाव लड़ना भी आप के लिए नुकसान का सौदा साबित हुआ है। जानकार कहते हैं कि इस दफा आम आदमी पार्टी को दो मोर्चों पर लड़ाई लड़नी पड़ी। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने दिल्ली न्याय यात्रा के जरिए माहौल बनाने की कोशिश कि इस पार्टी से मुक्ति की जरूरत है। कांग्रेस को भले ही तीसरी दफा भी शून्य सीट मिला हो। लेकिन उसने अरविंद केजरीवाल और उनके सदस्यों की पोल खोल करते हुए बड़े जनमत को आप के खिलाफ कर दिया।

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