'महिला सम्मान' और 'संजीवनी' योजनाओं पर भ्रमित न हो जनता, दिल्ली सरकार के नोटिस से विवाद
भाजपा और आप के बीच वारपलटवार शुरू हो गया है, जहाँ एक ओर भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर दिल्ली की जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया है तो वहीँ आप ने इसे भाजपा की बौखलाहट बताया है.
Controversy On Mahila Samman And Sanjeevani Yojana : दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और महिला कल्याण विभागों द्वारा जारी किए गए एक सार्वजनिक चेतावनी नोटिस ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस नोटिस में गैर-मौजूद 'महिला सम्मान' और 'संजीवनी' योजनाओं के नाम पर लोगों को गुमराह करने और उनके व्यक्तिगत डेटा का गलत इस्तेमाल किए जाने की संभावनाओं को लेकर जनता को सतर्क किया गया है।
यही वजह है कि दिल्ली की राजनीती में ये मुद्दा गरमा गया है। भाजपा ने इन सार्वजानिक चेतावनी को लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है, तो वहीँ जवाब में आम आदमी पार्टी ने इसे बीजेपी की बौखलाहट बताया है। साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने ये आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री आतिशी को गिरफ्तार करने की साजिश की जा रही है।
क्या है सार्वजानिक सूचना
सार्वजनिक सूचना
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के संज्ञान में विभिन्न समाचार चैनलों/प्रिंट मीडिया के माध्यम से आया है कि दिल्ली के निवासियों के बीच "संजीवनी योजना" नामक एक कथित योजना का प्रचार किया जा रहा है, जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को, चाहे उनकी आय कुछ भी हो, दिल्ली के सभी अस्पतालों (सरकारी या निजी) में निःशुल्क उपचार प्रदान करने का दावा किया गया है।
इसके अलावा, यह भी विभाग के संज्ञान में आया है और मीडिया/समाचारों से स्पष्ट हुआ है कि इस योजना के तहत भौतिक फॉर्म भरकर नामांकन कराने के लिए कुछ राजनीतिक पदाधिकारियों/स्वयंसेवकों द्वारा पंजीकरण अभियान भी शुरू किया गया है, जो बुजुर्ग नागरिकों से जानकारी एकत्र करने और उन्हें किसी प्रकार का "स्वास्थ्य/संजीवनी योजना कार्ड" सौंपने के लिए घर-घर जा रहे हैं।
इसके अलावा, इन कथित "पंजीकरण फॉर्म" में वरिष्ठ नागरिकों का विवरण मांगा जा रहा है, जिसमें फोन नंबर, पता, आधार और बैंक खाता विवरण शामिल हैं। इसके अलावा, विभिन्न समाचार/मीडिया रिपोर्टों के कारण बुजुर्ग नागरिक इस योजना के बारे में पूछताछ करने के लिए सरकारी अस्पतालों और कार्यालयों में जाने लगे हैं।
यह सूचित किया जाता है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के पास आज तक ऐसी कोई भी "संजीवनी योजना" अस्तित्व में नहीं है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने न तो किसी स्वास्थ्य अधिकारी या किसी अन्य व्यक्ति को बुजुर्ग नागरिकों से ऐसी व्यक्तिगत जानकारी और डेटा एकत्र करने के लिए अधिकृत किया है, न ही विभाग इस संबंध में कोई कार्ड प्रदान कर रहा है। इस बात पर जोर दिया जाता है कि चूंकि ऐसी कोई योजना मौजूद नहीं है, इसलिए ऐसी गैर-मौजूद योजना के तहत पंजीकरण के लिए भौतिक फॉर्म/आवेदन का सवाल ही नहीं उठता है और कोई भी निजी व्यक्ति/राजनीतिक दल "संजीवनी योजना" के नाम पर ऐसे भौतिक फॉर्म/आवेदन एकत्र कर रहा है या आवेदकों से जानकारी एकत्र कर रहा है, जो धोखाधड़ी है और बिना किसी अधिकार के है।
यदि कोई व्यक्ति/संस्था आपको इस कथित गैर-मौजूद योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ देने या इस संबंध में आपको कोई "स्वास्थ्य/संजीवनी योजना कार्ड" प्रदान करने के वादे के साथ बुलाती है या आपसे मिलने आती है, तो आपको सलाह दी जाती है कि
1. कथित गैर-मौजूद "संजीवनी योजना" के तहत मुफ्त इलाज के किसी भी वादे पर विश्वास न करें
2. योजना के तहत लाभ प्रदान करने का दावा करने वाले किसी भी व्यक्ति को कोई व्यक्तिगत विवरण न दें।
3. अनजाने में किसी भी दस्तावेज़ पर अपना हस्ताक्षर या अंगूठा न लगाएँ
दिल्ली की आम जनता को सलाह दी जाती है और अनुरोध किया जाता है कि वे ऐसी किसी योजना के वादों पर विश्वास न करें जो अस्तित्व में ही नहीं है, क्योंकि ये भ्रामक हैं और बिना किसी अधिकार के हैं। आम जनता को यह भी सलाह दी जाती है कि वे भविष्य में किसी भी धोखाधड़ी या डेटा के उल्लंघन से बचने के लिए अनधिकृत कर्मियों को व्यक्तिगत विवरण न देने के लिए बहुत सावधानी बरतें। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ऐसी बेईमान गतिविधियों से उत्पन्न होने वाली किसी भी देनदारी या धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।
ठीक ऐसी ही सार्वजानिक सूचना दिल्ली सरकार के महिला कल्याण विभाग द्वारा भी जारी की गयी है।
भाजपा ने आप पर लगाया आरोप
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा ने इस मुद्दे पर सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा, "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली सरकार वह सब कर रही है, जो डिजिटल ठग करते हैं। जनता से निजी जानकारी एकत्र कर इसे गलत तरीके से इस्तेमाल किए जाने की आशंका है।"
सचदेवा ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और उनकी सरकार जनता को गुमराह करने के लिए झूठी योजनाओं का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा, "इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि एक मुख्यमंत्री और सत्ताधारी दल, जो 10 वर्षों से सत्ता में हैं, फर्जी योजनाओं के माध्यम से लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।"
उन्होंने दिल्ली सरकार से स्पष्ट जवाब की मांग करते हुए कहा, "हम मुख्यमंत्री सुश्री आतिशी मार्लेना से आग्रह करते हैं कि वह यह स्पष्ट करें कि क्या 'महिला सम्मान' और 'संजीवनी' योजनाएं वास्तव में दिल्ली सरकार की कानूनी रूप से स्वीकृत योजनाएं हैं?"
आप ने किया पलटवार
भाजपा के इस आरोप पर आप की तरफ से भी पलटवार किया गया है। दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्याम्नात्री और आप के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने 'X' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ''महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना से ये लोग बुरी तरह से बौखला गए हैं। अगले कुछ दिनों में फ़र्ज़ी केस बनाकर आतिशी जी को गिरफ्तार करने का इन्होंने प्लान बनाया है। उसके पहले “आप” के सीनियर नेताओं पर रेड की जायेंगी ''।
वहीँ आप के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि "ये केजरीवाल की गारंटी है कि चुनाव जीतने के बाद 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को प्राइवेट अस्पताल में निशुल्क इलाज मिलेगा। 2100 रुपए हर महिला को उनके खाते में दिए जाएंगे... इसमें गलत क्या है?... भाजपा ने दबाव बनाकर जिन अधिकारियों से ये नोटिस निकलवाया है उनके खिलाफ कार्रवाई होगी... हम अपनी योजना जारी रखेंगे।"
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज
इस विवाद ने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच राजनीतिक बयानबाजी को और तेज कर दिया है। वहीँ राजनितिक जानकारों का मानना है कि यह मुद्दा आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो सकता है। जनता की प्रतिक्रिया और सरकार का अगला कदम इस मामले को और स्पष्ट करेगा।
Next Story