तमाम प्रयासों के बावजूद आप को नहीं मिला जाटों का साथ
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तमाम प्रयासों के बावजूद आप को नहीं मिला जाटों का साथ

दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने जाट आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए भाजपा को घेरना का प्रयास किया था लेकिन उसकी ये कवायद सफल नहीं हो पायी।


Delhi Assembly Elections 2025 Results : दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे साफ हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 27 वर्षों के बाद देश की राजधानी की सत्ता में वापसी की है। भाजपा को 70 में से 48 सीटों पर जीत मिली जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को 22 सीटें। जबकि कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा और पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी। लेकिन कांग्रेस आप का खेल ख़राब करने में पीछे नहीं रही।


जाट बहुल सीटों पर बीजेपी का दबदबा
देश की राजधानी की बात करें तो दिल्ली की राजनीति में जाट मतदाताओं की भूमिका काफी अहम रही है। इस चुनाव में भी जाट मतदाताओं ने निर्णायक भूमिका निभाई। दिल्ली की जाट बहुल सीटों में मुंडका, नरेला, बवाना, नांगलोई जाट, पालम, नजफगढ़ और बिजवासन जैसी ग्रामीण सीटों पर जाट वोटरों की अच्छी खासी तादाद है, जो इस बार भाजपा के पक्ष में दिखा।

जाटों के आरक्षण का मुद्दा भी न आया आप के काम
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने जाट वोटरों को लुभाने के लिए आरक्षण का दांव खेला था और भाजपा को उसमें फंसाने की चाल चली थी। लेकिन भाजपा की तरफ से उस पर पलटवार किया गया और शायद भाजपा उस डैमेज को कंट्रोल भी कर पायी, जिसका नतीजा ये रहा कि दिल्ली की सभी जाट बहुल सीटों पर जीत दर्ज की।

भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बड़े वादे
चुनाव से पहले सभी दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे किए थे।

भाजपा के प्रमुख चुनावी वादे:
महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की सम्मान राशि।
गरीब महिलाओं को 500 रुपये की गैस सब्सिडी और होली-दीवाली पर एक सिलेंडर मुफ्त।
गर्भवती महिलाओं को 21 हजार रुपये की आर्थिक सहायता।
आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये का अतिरिक्त बीमा कवर।
वरिष्ठ नागरिकों की पेंशन 2,000 से बढ़ाकर 2,500 रुपये और विधवाओं की पेंशन 3,000 रुपये करने का वादा।


आम आदमी पार्टी के प्रमुख चुनावी वादे:
'महिला सम्मान योजना' के तहत महिलाओं को 2,100 रुपये प्रति माह।
'संजीवनी योजना' के तहत बुजुर्गों का मुफ्त इलाज।
ऑटो चालकों की बेटियों की शादी पर 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता।
दलित छात्रों की पढ़ाई का खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी।
पुजारियों और ग्रंथियों को 18 हजार रुपये मासिक वेतन।


कांग्रेस के प्रमुख चुनावी वादे:
'प्यारी दीदी योजना' के तहत हर महिला को 2,500 रुपये प्रति माह।
25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने का वादा।
'महंगाई मुक्ति योजना' के तहत 500 रुपये में गैस सिलेंडर और मुफ्त राशन।
'फ्री बिजली योजना' के तहत 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली।
शिक्षित बेरोजगार युवाओं को एक साल तक हर महीने 8,500 रुपये देने का वादा।

वेस्ट और नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली में BJP का बड़ा उछाल

BJP को सबसे ज्यादा फायदा वेस्ट और नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली में हुआ, जहां 2020 में उसे महज 1 सीट मिली थी, लेकिन इस बार आंकड़ा 16 पर पहुंच गया है। इन इलाकों में पंजाबी, पूर्वांचली, जाट और दलित वोटर बड़ी संख्या में हैं, जिनका झुकाव इस बार BJP की ओर दिखा।

BJP ने 62% AAP के गढ़ किए ध्वस्त

दिल्ली में 26 सीटें ऐसी थीं, जहां AAP लगातार तीन विधानसभा चुनाव जीत रही थी। लेकिन इस बार BJP ने इनमें से 62% यानी 16 सीटें जीतकर AAP की जमीनी पकड़ कमजोर कर दी।


भाजपा की जीत के मायने

भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत को दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। 27 वर्षों के बाद पार्टी ने बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। आम आदमी पार्टी, जो पिछले दो चुनावों में दिल्ली की सबसे बड़ी ताकत थी, इस बार काफी कमजोर हुई है। वहीं, कांग्रेस एक बार फिर दिल्ली की राजनीति से लगभग गायब हो गई है।
इस चुनाव के नतीजे यह दर्शाते हैं कि जाट वोटरों का झुकाव भाजपा की ओर रहा, जिससे पार्टी को ग्रामीण इलाकों में बड़ी जीत मिली। अब देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा अपने किए गए चुनावी वादों को कितनी जल्दी पूरा करती है और दिल्ली की जनता को किस तरह की सरकार देती है।


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