LG सक्सेना ने CM आतिशी के तारीफों में पढ़े कसीदे! केजरीवाल पर हुए हमलावर, जानें क्या है पूरा मामला
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LG सक्सेना ने CM आतिशी के तारीफों में पढ़े कसीदे! केजरीवाल पर हुए हमलावर, जानें क्या है पूरा मामला

Delhi Election: उपराज्यपाल ने कहा कि संविधान में ऐसा कोई पद नहीं है और यह बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान में लोकतंत्र की अवधारणा की निंदनीय उपेक्षा है.


Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने हैं. इसको लेकर सभी राजनीतिक दल चुनावी जीत के लिए जी-जान से जुट गए हैं. पार्टियां एक-दूसरे पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही हैं. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भी चुनावी जीत को लेकर घोषणाओं की झड़ी लगा रहे हैं. वहीं, उन्होंने दिल्ली की बागडोर संभालने के लिए अपनी जगह आतिशी (Atishi) को मुख्यमंत्री नियुक्त किया है. हालांकि, दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) की दिल्ली की आप सरकार के साथ समय-समय पर तनातनी बने रहती है. लेकिन आतिशी के सीएम बनने के बाद वह उनकी लगातार तारीफें करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसी कड़ी में एलजी विनय सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखा है. इस पत्र में एलजी ने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में अरविंद केजरीवाल ने आतिशी (Atishi) को अस्थायी मुख्यमंत्री कहा. इस पर उन्हें आपत्ति है.

एलजी विनय सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने लिखा है कि मुझे यह बहुत आपत्तिजनक लगा और मैं इससे आहत हुआ हूं. यह न केवल सीएम के तौर पर आपका अपमान है, बल्कि आपकी नियोक्ता भारत की राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधि के रूप में, मेरा भी अपमान है. इस प्रकार के सार्वजनिक बयान से सरकार की छवि को नुकसान पहुंचता है. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को त्योहार की शुभकामनाएं देते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने उनके पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर निशाना साधा. आतिशी (Atishi) को लिखे पत्र में एलजी ने कहा कि संविधान में ऐसा कोई पद नहीं है और यह बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान में लोकतंत्र की अवधारणा की निंदनीय उपेक्षा है. मुझे यह बहुत आपत्तिजनक लगा और मैं इससे आहत हूं.

तारीफों के पुल

उन्होंने (Vinay Kumar Saxena) लिखा कि हर कोई जानता है कि आपको किन परिस्थितियों में नियुक्त किया गया था. उन्होंने सार्वजनिक संवाद के सम्मानजनक स्तर को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया, खासकर मुख्यमंत्री की भूमिका के संबंध में. उन्होंने आगे लिखा कि एक उपराज्यपाल के रूप में, मैं इस स्तर के सार्वजनिक संवाद के बारे में चिंतित हूं और साथ ही, मैं अपनी सरकार के पूर्णकालिक मुख्यमंत्री को एक अस्थायी मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने की बातचीत से आहत हूं.

इसके बाद, कई क्षेत्रों को सूचीबद्ध करते हुए, जहां एलजी (Vinay Kumar Saxena) ने आरोप लगाया कि सरकार विफल रही है. एलजी ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र की शुरुआत में उनकी कार्यकुशलता और पहल की खूब प्रशंसा की. उन्होंने लिखा कि मेरे ढाई साल के कार्यकाल में यह पहली बार है कि मैं किसी मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री के कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए देख रहा हूं. आपके पूर्ववर्ती ने एक भी सरकारी विभाग नहीं संभाला और कभी किसी फाइल पर साइन नहीं किए. इसके विपरीत, आप कई विभागों को संभाल रही हैं और कई शासन संबंधी मुद्दों से निपटने की कोशिश कर रही हैं.

पहली बार नहीं तारीफ

एलजी (Vinay Kumar Saxena) ने पहले भी आतिशी की तारीफ की थी और उन्हें अपने पूर्ववर्ती से “हजार गुना बेहतर” कहा था, जिनके साथ पिछले महीनों में सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) का कानूनी, प्रशासनिक और शासन के मुद्दों पर कई बार टकराव हुआ था. दिलचस्प बात यह है कि सक्सेना ने स्वतंत्रता दिवस पर आतिशी (Atishi) को राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. वह उस समय के मुख्यमंत्री केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पसंद थीं. जो दिल्ली शराब घोटाले के सिलसिले में जेल में थे. सक्सेना ने केजरीवाल की पसंद को दरकिनार कर दिया था और दिल्ली के तत्कालीन गृह मंत्री कैलाश गहलोत को आधिकारिक सरकारी समारोह के दौरान झंडा फहराने के लिए नामित किया था.

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