दिल्ली चुनाव को लेकर बीजेपी की तैयारियां तेज, उम्मीदवारों के नाम पर मंथन जारी
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दिल्ली चुनाव को लेकर बीजेपी की तैयारियां तेज, उम्मीदवारों के नाम पर मंथन जारी

22 दिसम्बर को भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक होनी है. इससे पहले गुरुवार यानी 19 दिसम्बर को दिल्ली प्रदेश भाजपा की चुनवा समिति की बैठक में संभावित उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की गयी


Delhi Assembly Elections : आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी कमर कस ली है। पार्टी ने चुनावी तैयारियों को तेज करते हुए अपने केंद्रीय और राज्य स्तर के नेताओं के साथ लगातार बैठकें शुरू कर दी हैं। भाजपा इस बार सत्ता में वापसी की पूरी कोशिश कर रही है और इसके लिए रणनीति में बदलाव कर रही है। आगामी 22 दिसंबर को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसमें विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।

इससे पहले, गुरूवार को दिल्ली प्रदेश भाजपा की चुनाव समिति की बैठक पार्टी कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा ने की। बैठक में प्रदेश चुनाव प्रभारी श्री बैजयंत पांडा, सह प्रभारी श्री अतुल गर्ग, दिल्ली से भाजपा के सातों सांसद, मनजिंदर सिंह सिरसा और समिति के अन्य प्रमुख सदस्य मौजूद रहे।
बैठक में उन उम्मीदवारों के नामों पर गहन चर्चा की गई, जिनके नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे जाएंगे। बताया जा रहा है कि उम्मीदवारों के चयन में पार्टी जीतने की संभावना, सामाजिक समीकरण और क्षेत्रीय प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रख रही है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा इस बार युवा और नए चेहरों को मौका देने के साथ-साथ अनुभवी नेताओं को भी तरजीह देने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी का फोकस इस बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर देने पर है।

केंद्रीय नेतृत्व की सक्रियता
भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनावी तैयारियों की व्यक्तिगत निगरानी कर रहे हैं। पार्टी ने 22 दिसंबर को अपनी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई है, जिसमें उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी भागीदारी संभावित है।

उम्मीदवार चयन में सावधानी
भाजपा सूत्रों का कहना है कि इस बार पार्टी का फोकस युवाओं और नए चेहरों पर है। हालांकि, अनुभवी नेताओं और मौजूदा विधायकों को भी खासा महत्व दिया जाएगा। उम्मीदवार चयन के लिए सर्वेक्षण रिपोर्ट, पार्टी के ग्राउंड वर्कर्स की फीडबैक और स्थानीय स्तर पर जनता की पसंद को ध्यान में रखा जा रहा है।
भाजपा की रणनीति में युवाओं को मौका देने के साथ-साथ महिलाओं और पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, "हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे उम्मीदवार हर वर्ग को प्रतिनिधित्व दें और आम जनता से जुड़े हों।"

‘आप’ से मुकाबले की रणनीति
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के मजबूत पकड़ को देखते हुए भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पार्टी ने स्थानीय मुद्दों जैसे प्रदूषण, यमुना की सफाई, और बिजली-पानी आपूर्ति को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, ‘आप’ सरकार की कथित विफलताओं को जनता के बीच प्रमुखता से उठाया जाएगा।
विशेष रूप से, भाजपा दिल्ली में "विकास और स्थिरता" के एजेंडे पर जोर दे रही है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, "दिल्ली को स्थिर और मजबूत नेतृत्व की जरूरत है, जो सिर्फ विज्ञापनों पर पैसा खर्च करने के बजाय वास्तविक विकास पर ध्यान केंद्रित करे।"

जमीनी स्तर पर अभियान
भाजपा ने अपने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को एक्टिव करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में बूथ समिति, मंडल समिति और जिला समिति के नेताओं को विशेष जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। पार्टी ने पिछले दिनों दिल्ली में कई 'पन्ना प्रमुख' सम्मेलनों का आयोजन किया, जिसमें जनता से सीधे संवाद स्थापित करने की रणनीति पर चर्चा हुई।

अन्य दल भी तैयार
भाजपा और ‘आप’ के अलावा कांग्रेस भी अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में है। पार्टी के दिग्गज नेता दिल्ली में सक्रिय हैं और वे पारंपरिक वोटबैंक को फिर से हासिल करने की रणनीति बना रहे हैं।

चुनावी परिणाम तय करेंगे दिल्ली की दिशा
दिल्ली विधानसभा चुनाव सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि भाजपा के लिए अपनी राष्ट्रीय छवि को मजबूती देने का भी अवसर है। भाजपा की इस बार की रणनीति और उम्मीदवारों का चयन दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि भाजपा अपनी कोशिशों को कितना सफल बना पाती है।


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