रॉबर्ट वाड्रा के समर्थन में उतरे राहुल गांधी, बोले - ED की चार्जशीट राजनीतिक प्रताड़ना की अगली कड़ी
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रॉबर्ट वाड्रा के समर्थन में उतरे राहुल गांधी, बोले - ED की चार्जशीट राजनीतिक प्रताड़ना की अगली कड़ी

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया में पोस्ट में लिखा, मैं रॉबर्ट, प्रियंका और उनके बच्चों के साथ खड़ा हूं, जो एक बार फिर दुर्भावनापूर्ण, राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोपों और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं.


प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा हरियाणा के गुरुग्राम में जमीन खरीद मामले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के बाद राहुल गांधी रॉबर्ट वाड्रा के बचाव में उतर आए हैं. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया में पोस्ट में लिखा, मेरे बहनोई को पिछले 10 वर्षों से लगातार ये सरकार परेशान करती आई है. राहुल ने कहा, यह ताजा चार्जशीट उसी राजनीतिक प्रताड़ना की अगली कड़ी है.

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया में पोस्ट में लिखा, मैं रॉबर्ट, प्रियंका और उनके बच्चों के साथ खड़ा हूं, जो एक बार फिर दुर्भावनापूर्ण, राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोपों और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं. राहुल ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि वे सभी किसी भी तरह की प्रताड़ना को सहने के लिए पर्याप्त साहसी हैं और गरिमा के साथ इसका सामना करते रहेंगे. उन्होंने कहा, जीत आखिरकार सच्चाई की ही होगी.

जिस मामले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है ये मामला 2008 का है. तब हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे. फरवरी 2008 में, वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव (सेक्टर 83) में 3.5 एकड़ जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी. आरोप है कि इस जमीन का म्यूटेशन बहुत तेजी से सिर्फ कुछ घंटों में करवा लिया गया. मार्च 2008 में हरियाणा सरकार ने इस जमीन पर कमर्शियल कॉलोनी बनाने का लाइसेंस जारी किया. इसके बाद वाड्रा की कंपनी ने यह जमीन 58 करोड़ रुपये में DLF को बेच दी. 2012 में आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने वाड्रा और DLF के बीच हुई जमीन डील का म्यूटेशन रद्द कर दिया था.

शिकायतकर्ता सुरेंद्र शर्मा का आरोप है कि वाड्रा की कंपनी ने इस सौदे से लगभग 50 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. 2014 में हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनी और मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने. सितंबर 2018 में गुरुग्राम के खेड़की दौला थाने में वाड्रा, हुड्डा, DLF और ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए. 2015 में बीजेपी सरकार ने जमीन सौदों की जांच के लिए जस्टिस एस एन ढींगरा आयोग बनाया गया. आयोग ने गुरुग्राम के चार गांवों (शिकोहपुर, सिही, खेड़की दौला, सिकंदरपुर बड़ा) में जमीन आवंटन की जांच की. हालांकि, रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया.

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