‘केजरीवाल के हथकंडे मोदी जैसे’, सर्द मौसम में नर्म तेवर से राहुल हुए हमलावर
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‘केजरीवाल के हथकंडे मोदी जैसे’, सर्द मौसम में नर्म तेवर से राहुल हुए हमलावर

राहुल गाँधी ने दिल्ली चुनाव में अपनी पहली रैली में अरविन्द केजरीवाल पर शराब घोटाले और शीश महल को लेकर को हमला नहीं बोला। माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन को ध्यान में रखते ऐसा किया गया है।


Delhi Assembly Elections : दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब राहुल गाँधी की एंट्री भी हो चुकी है। राहुल गाँधी ने सोमवार को उत्तर पूर्वी जिले के सीलमपुर इलाके में एक रैली की, जिसमें उन्होंने संविधान, जातीय जनगणना, रोज़गार आदि जैसे मुद्दों पर तो बात की ही साथ ही दिल्ली के मुद्दों पर भी बात की। राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी और अरविन्द केजरीवाल की भी आलोचना की लेकिन एक चीज जो राहुल गाँधी के भाषण में देखने को मिली, वो रही इंडिया गठबंधन के प्रति ज़िम्मेदारी। शायद यही वजह रही कि राहुल गाँधी ने केजरीवाल और उनकी दिल्ली सरकार की आलोचना तो की लेकिन ऊपर ऊपर से।


सॉफ्ट हिटिंग
जब भी कोई चुनावी रैली होती है तो एक नेता अपने विरोधी नेता के खिलाफ हार्ड हिटिंग करता है। वो हर उस बिंदु को जनता के सामने जोर शोर से उठाता है, जो विरोधी नेता के विरोध में हो। राहुल गाँधी ने दिल्ली के सीलमपुर इलाके में दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र पहली रैली तो की लेकिन उसमें जिस तरह से केजरीवाल और दिल्ली की आप सरकार पर हमला करना चाहिए था, वो नहीं किया।

जो बिंदु राहुल गाँधी ने नहीं छेड़े
राहुल गाँधी ने अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ कई बातें रखीं लेकिन कुछ ऐसी बातें भी रहीं जो केजरीवाल से सीधे जुड़ीं थीं लेकिन राहुल गाँधी ने उन्हें छेड़ा तक नहीं।
शीश महल - अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ उनके पूर्व सरकारी आवास को लेकर काफी गंभीर आरोप हैं। शीश महल के नाम से जाने जाना वाला ये मुद्दा काफी चर्चा में भी है। यहाँ तक की CAG रिपोर्ट को आधार बता कर ये दावा भी किया गया है कि इसमें केजरीवाल सरकार के द्वारा अनियमितताएं बरती गयी हैं। ये मुद्दा इसलिए भी चर्चा में बना हुआ है क्योंकि केजरीवाल ने जब राजनीती की शुरुआत की थी तो ये कहा था कि सिर्फ दो कमरों का घर ही मुख्यमंत्री के लिए काफी होता है।
अब जब राहुल गाँधी जनता के सामने आये तो उन्होंने इस मुद्दे को छुआ तक नहीं।

शराब घोटाला - दिल्ली सरकार का कथित शराब घोटाला भी अरविन्द केजरीवाल सरकार की गले की फांस बना हुआ है। इसी मामले के चलते मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह जैसे आप के शीर्ष नेता जेल में गए। यहाँ तक की CAG की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ये दावा भी किया गया है कि दिल्ली सरकार की इस शराब निति के कारण दिल्ली सरकार को 2 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा उठाना पड़ा।
इस मुद्दे को लेकर भाजपा के अलावा कांग्रेस के ही दिल्ली राज्य इकाई के नेताओं ने आप और केजरीवाल पर हमला बोला है लेकिन राहुल गाँधी ने रैली में जनता के सामने कुछ नहीं कहा।


इंडिया गठबंधन की ज़िम्मेदारी का दबाव तो नहीं
राहुल गाँधी ने जिस तरह से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चुप्पी साधते हुए दिल्ली की आप सरकार पर जो हमला बोला है, उसके पीछे कहीं न कहीं इंडिया गठबंधन की ज़िम्मेदारी का दबाव माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी इस बात को लेकर पहले ही इंडिया गठबंधन के अपने सहयोगियों से ये गुहार लगा चुकी है की कांग्रेस दिल्ली चुनाव में आप पर गंभीर आरोप न लगाए और हमले न बोले। साथ ही इंडिया गठबंधन से कांग्रेस को बाहर करने की बात भी कह चुकी है। इसके बाद ऐसा कहा जा रहा है कि राहुल गाँधी की तरफ से ये कहा गया है कि केजरीवाल पर सीधे हमले नहीं करने और कड़े आरोप भी नहीं लगाने हैं।
सूत्रों द्वारा जो ये बिंदु रखा गया है, उसकी बानगी सोमवार को सीलमपुर में राहुल गाँधी के भाषण में भी देखने को मिली है।

राहुल गाँधी के भाषण के मुख्य बिंदु
राहुल गाँधी ने सीलमपुर में अपने भाषण में कहा कि ''जब दिल्ली में शीला जी की सरकार थी और केजरीवाल जी आए, तब वो क्या कहते थे। उन्होंने भ्रष्टाचार मिटाने, दिल्ली को पैरिस बनाने का वादा किया था। अब देखिए क्या हो रहा है? बाहर चला नहीं जा सकता है। प्रदूषण इतना बढ़ रहा है। महंगाई इतनी बढ़ रही है। उन्होंने कहा था कि अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार को मिटाएंगे। क्या अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में भ्रष्टाचार मिटा दिया? जैसे प्रचार मीडिया में मोदी जी करते हैं, झूठे वादे करते हैं, वैसी ही रणनीति केजरीवाल जी की भी है। कोई फर्क नहीं है।
केजरीवाल ने अडानी के बारे में कभी नहीं बोला । ना हीं बोलते, आपने कभी सुना ? नहीं सुना होगा । देश में आर्थिक असमानता बढ़ रही है। केजरीवाल ने जाति जनगणना पर कुछ नहीं बोला । आप केजरीवाल जी से पूछिए कि क्या वे जाति जनगणना कराना चाहते हैं ?
केजरीवाल जी आए थे ,शीला जी की सरकार थी ।केजरीवाल जी ने बहुत बड़ा प्रचार किया ,दिल्ली को साफ़ रखूँगा, पेरिस बना दूँगा । पोल्यूशन बढ़ रहा है ,कैंसर बढ़ रहा है। दिल्ली में जैसे प्रचार मोदी जी करते हैं वैसी ही स्ट्रैटेजी केजरीवाल की है। मेरी और कांग्रेस पार्टी की राजनीति में बिलकुल स्पष्ट है। हमारे लिए इस देश के सब लोग एक समान है। इस देश में मोहब्बत, नफ़रत को हरायेगी।

सीलमपुर में ही रैली क्यों
सीलमपुर में राहुल गाँधी के मायने ख़ास है। असल में सीलमपुर और उसके आसपास के क्षेत्र मुस्लिम बहुल हैं। 2020 में हुए दिल्ली दंगे भी सीलमपुर के नजदीक ही शुरू हुए थे। मुस्लिम समाज में आम आदमी पार्टी के प्रति नाराज़गी भी है कि दंगों के समय केजरीवाल उन लोगों के साथ आकर खड़े क्यों नहीं हुए? मुस्लिम समाज की इस नाराज़गी को ही कांग्रेस इस चुनाव में अपनी बढ़त का रास्ता मान रही है। कांग्रेस को लगता है कि इस चुनाव में उनका खोया हुआ वोट बैंक फिर से उनके साथ बड़ी संख्या में जुड़ सकता है। इन्हीं सब वजहों को देखते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने राहुल गाँधी की रैली का आयोजन यहाँ करवाया ताकि आसपास की मुस्लिम बहुल सीटों पर इसका फायदा मिल सके।


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